गिरिडीह: शुरुआती रुकावट के बाद मंईयां सम्मान योजना ने रफ्तार पकड़ ली है. जिले में युद्धस्तर पर योजना का फॉर्म भरा जा रहा है. अभी तक जिले के 13 प्रखंड में 1.24 लाख से अधिक फॉर्म भरे जा चुके हैं. योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए विधायक सुदिव्य कुमार के साथ जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने योजना की सफलता को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
डीसी ने बताया कि योजना को पहले से सरल बनाया गया है. नीतिगत मामले में और टेक्निकल तौर पर भी योजना को सरल किया गया है. यहां पर 2431 आंगनबाड़ी, 344 पंचायत भवन और गिरिडीह नगर निगम समेत तीन शहरी निकाय में काफी सरल तरीके से फॉर्म कलेक्ट किया जा रहा है. पहले आधार ऑथेंटिकेशन होता था. आधार के डाटा बेस से सीधे डाटा को फैच किया जाता था. जिससे सर्वर संबंधी बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं और तीन चार दिनों तक काफी परेशानी भी हुई. तीन दिनों पहले योजना में सरलीकरण किया गया. उसके बाद से काफी तेजी से डेटा इंट्री हुआ और जिसके फलस्वरूप गिरिडीह जिला ने एक लाख का आंकड़ा पार कर लिया.
झारखंड राज्य की कुल आबादी में से गिरिडीह की आबादी 7.36 प्रतिशत है लेकिन गिरिडीह ने 9 प्रतिशत से ज्यादा फॉर्म का डिजिटलीकरण किया गया है. बताया गया कि अब मात्र अपना फोटो, स्वघोषणा पत्र, आधार नंबर, पासबुक और राशन कार्ड ( राशन कार्ड में आवेदक का नाम नहीं है और पिता या पति का नाम हो तो भी प्रस्तुत किया का सकता है). कुल मिलाकर चार से पांच कागजात चाहिए. पैन कार्ड और वोटर कार्ड को हटा दिया गया है. डीसी का कहना है कि गिरिडीह जिले का लक्ष्य 4.59 लाख है, जिसे हम जल्द पूरा करेंगे.
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