प्रयागराज : 26 अगस्त को विश्व हिंदू परिषद अपना स्थापना दिवस मनाने जा रहा है. 1964 में जन्माष्टमी के दिन ही विहिप की स्थापना की गई थी. प्रयागराज में भी संगठन ने स्थापना दिवस को लेकर खास तैयारियां की हैं. क्योंकि 1966 में संगमनगरी में ही विहिप का पहला स्थापना दिवस मनाया गया था. विहिप की योजना है कि पूरे देश में 1 लाख गांवों तक संगठन का विस्तार किया जाए. इसके साथ ही इस बार महाकुंभ में कॉमन सिविल कोड और वक्फ बोर्ड पर धर्माचार्य विमर्श करेंगे.
26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद अपनी स्थापना के 60 वर्ष पूरे कर लेगा. प्रयागराज में ही 218 प्रखंडों में परिषद हिंदुत्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित करेगा. प्रयागराज में ही प्रथम विश्व हिंदू सम्मेलन आयोजित हुआ था, जिसमें जिसमें सभी धर्माचार्य एक मंच पर आए थे और हिंदुत्व की अलग जलाई थी. काशी प्रांत के अध्यक्ष कविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 1964 में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ही देश भर में हिंदुओं की दशा और दिशा के चिंतन के लिए स्वामी चिन्मयानंद, केएम मुंशी, मास्टर तारा सिंह, कुशल बकुला, सुशील मनी द्वारा विश्व हिंदू परिषद को स्थापित किया गया था.
बताया कि 1966 में पहला और 1979 में संगम तट पर द्वितीय विश्व हिंदू सम्मेलन संपन्न हुआ, तभी से परिषद का विस्तार समुद्र पार तक पहुंचा था, जिसमें दलाई लामा भी मंच पर उपस्थित थे. बताया कि लगभग 40 लाख लोगों को धर्मांतरण से बचाने का काम भी परिषद ने किया है और लगभग 88 लाख गायों को बचाया गया है. इनको बचाने में कई बार गोरक्षकों की जान भी जा चुकी है. इतना ही नहीं लगभग 1लाख 74 लाख हिंदू कन्याओं की रक्षा लव जिहादियों से की गई है.
बताया कि वर्तमान में दुनिया के 32 देश में विश्व हिंदू परिषद की समिति है. केवल अमेरिका में 10 बड़े हिंदू सम्मेलन हुए हैं, जिसमें 70 हजार हिंदू एक स्थान पर इकट्ठा हुए थे. कहा कि राम सेतु तोड़ने का प्रयास किया गया, जिस पर परिषद की भूमिका से बड़े आंदोलन हुए. रामसेतु को न सिर्फ टूटने से बचाया, साथ ही घर-घर रामसेतु की शिला भेजी गई. कहा कि मंदिरों को परिषद जल्द ही सरकार से मुक्त कराएगी.