जयपुर. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर अब आमजन के लिए विधानसभा के द्वार खुल दिए गए. विश्व संग्रहालय दिवस के मौके पर शनिवार को 'विधानसभा जनदर्शन कार्यक्रम' का शुभारंभ हुआ. इसके बाद अब आमजन विधानसभा को देख सकेंगे. आमजन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक गेट संख्या 7 से आधार कार्ड दिखाकर निःशुल्क प्रवेश कर सकेंगे. हालांकि, विधानसभा संग्रहालय का शनिवार को साप्ताहिक अवकाश रहेगा.
सांस्कृतिक धरोहरों को जोड़ने का सेतु : विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि संग्रहालय सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहरों को आमजन से जोड़ने का सेतु है. साथ ही यह इतिहास, कला, विज्ञान, संस्कृति व राजनीति के अनूठे संग्रह का भंडार भी है. देवनानी ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे संग्रहालय में आए और देश व प्रदेश की राजनीतिक विकास यात्रा में सहभागी बने. उन्होंने कहा कि अतीत को जानने, वर्तमान को समझे और भविष्य को नई दिशा देकर राष्ट्र के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाने.
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देवनानी ने विश्व संग्रहालय दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा के संग्रहालय को देखने के लिए विधानसभा जनदर्शन कार्यक्रम को शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है. इसकी गहराई को हमें समझना होगा. प्राचीनकाल में न्याय सभा, राज्यसभा और पंचायतों में पंच पटेलों के पंच निर्णय हुआ करते थे. यह सब लोकतंत्र के परिचायक थे, जिनमें समयानुकूल बदलाव होता गया और बाद में संविधान विशेषज्ञों ने समृद्ध लोकतंत्र की रूपरेखा बनाई.
विधानसभा अध्यक्ष का प्रदेशवासियों से अपील : देवनानी ने प्रदेशवासियों से अनुरोध किया कि सभी लोग अपने सहपाठियों, मित्रों, परिवारजनों और परिचितों के साथ राजस्थान विधानसभा के भव्य भवन में निर्मित राजनीतिक आख्यान संग्रहालय को देखें. उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय को देखकर लोग अत्याधुनिक तकनीकी माध्यमों से लोकतांत्रिक प्रणाली व राज्य की विकास यात्रा का जीवंत अनुभव कर सकेंगे. देवनानी ने कहा कि विधानसभा के राजनीतिक आख्यान संग्रहालय में रियासतों के विलय, राजस्थान राज्य के गठन, राजस्थान की विधानसभा के विकास, राजस्थान के सभी मुख्यमंत्रियों के योगदान और उपलब्धियों, राजस्थान विधानसभा के सभी अध्यक्षों की जानकारी विभिन्न माध्यमों से दिग्दर्शित की गई है.
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देवनानी ने कहा कि आधुनिक तकनीक के समावेश से बना ये संग्रहालय लोगों के लिए विधानसभा की कार्य प्रणाली और सामान्य नागरिक से जनता के सर्वोच्च प्रतिनिधि तक की यात्रा को जानने के लिए नई पीढ़ी के लिए सतत प्रेरणा स्त्रोत है.
शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण : देवनानी ने कहा कि संग्रहालय शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र है. शोधकर्ताओं के लिए संग्रहालयों में अथाह भंडार है. संग्रहालयों में शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक विकास, राजनीतिक सहित पर्यटन कला व संस्कृति का समावेश है. उन्होंने कहा कि राजस्थान की कला व संस्कृति की विश्व में पहचान है. देवनानी ने कहा कि मेरा देश महान है, राजस्थान महान है, यह महान क्यों है, इसे समझे. अपने देश की पुरातन संस्कृति को देखे और गौरव की अनुभूति करें.
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्र प्रथम है, उसके भाव को समझें और अपने ज्ञान का उपयोग राष्ट्र के लिए करे. साल 2047 में विकसित भारत के निर्माण में भागीदारी निभाने के लिए मंथन करें. देवनानी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे नौकरी देने वाले बनें. स्वयं का विश्लेषण करें, पढ़ाई के मूल उद्देश्य को समझें, स्वयं समाज प्रदेश और देश को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक कदम उठाएं.
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छात्राओं ने अनुभव सुनाए : महारानी महाविद्यालय की छात्राओं ने राजनीतिक आख्यान संग्रहालय को देखने के बाद अपना अनुभव साझा किया. राजनीति विज्ञान की छात्रा आरती सोमानी ने कहा कि उन्हें लोकतंत्र के बार में अधिक जानने का मौका मिला. विधानसभा में आकर वो गौरव की अनुभूति कर रही हैं. एक अन्य छात्रा हेमलता ने कहा कि राजस्थान की राजनीति को आधुनिक तकनीक के माध्यम से यहां समझा गया है. विधानसभा भवन में भ्रमण से उन्हें गर्व महसूस हुआ है.
समारोह में विधानसभा के प्रमुख सचिव महावीर प्रसाद शर्मा, स्मार्ट सिटी के अजय कुमार, नीरज कुमार और महारानी महाविद्यालय के उपप्राचार्य सीमा भदौरिया मौजूद रही. विधानसभा के वरिष्ठ उप सचिव श्रीकृष्ण ने अतिथियों का स्वागत किया.