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TEACHERS DAY 2024: 118 शिक्षकों को मिला राज्य शिक्षक पुरस्कार, आतिशी ने मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित - Delhi State Teacher Award 2024

Teachers Day in Delhi: दिल्ली में शिक्षक दिवस पर 118 शिक्षकों को शिक्षा निदेशालय की ओर से राज्य शिक्षक पुरस्कार दिया गया. शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षकों को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.

आतिशी ने शिक्षकों को किया सम्मानित
आतिशी ने शिक्षकों को किया सम्मानित (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 5, 2024, 5:40 PM IST

नई दिल्लीः शिक्षक दिवस पर दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से राज्य शिक्षक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर दिल्ली सरकार ने 118 शिक्षकों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार देकर सम्मानित किया. इनमें दिल्ली सरकार के स्कूलों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, एमसीडी स्कूलों और एनडीएमसी स्कूलों के शिक्षक शामिल रहे.

जानकारी के अनुसार, स्पोर्ट्स टीचर, गेस्ट टीचर, लाइब्रेरियन, स्पेशल एजुकेटर, म्यूजिक व आर्ट टीचर, लाइब्रेरियन, मेन्टॉर टीचर, स्पोर्ट्स टीचर और वोकेशनल टीचर को भी सम्मानित किया गया. शिक्षा में अच्छा काम करने वाले टीचर्स को दो विशेष पुरस्कार भी दिए गए. यह सम्मान उन शिक्षकों को दिया जाता है, जिन्होंने कला, साहित्य, खेल के क्षेत्र में रचनात्मक प्रदर्शन करने के लिए अपने विद्यार्थियों को काबिल बनाया. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री आतिशी रहीं.

शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि समाज में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. शिक्षक ही बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव रखते हैं, जो देश को भी तरक्की की दिशा में ले जाता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी सिविल इंजीनियर से गलती होती है तो किसी सड़क या बिल्डिंग के निर्माण में कमी आ सकती है, किसी अधिकारी से गलती होती है तो किसी विभागीय काम में कमी आ सकती है. लेकिन, अगर शिक्षक ने बच्चों को शिक्षा देने में गलती कर दी तो देश के विकास में कमी आ सकती है. इसलिए शिक्षक की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है.

आतिशी ने आगे कहा कि कुछ बच्चे स्पेशल नीड वाले होते हैं, जिन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है. ऐसे में उन बच्चों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. शिक्षक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपने बच्चों की कमजोरी को पकड़े और उसे दूर करके अन्य बच्चों के समकक्ष लाकर उसके विकास में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि मां भी शिक्षक के समान होती है. वह बच्चे की पहली शिक्षक भी होती है.

कार्यक्रम के दौरान आतिशी ने शिक्षकों को मेडल पहनाकर सम्मानित करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिए. इस दौरान शिक्षा निदेशक आरएन शर्मा, शिक्षा निदेशक अवार्ड्स एवं क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक विकास कालिया, शिक्षा सचिव डॉ. अशोक कुमार सहित बड़ी संख्या में सम्मान पाने वाले शिक्षकों के परिजन, बच्चे और स्कूलों के बच्चे भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक कार्यक्रमों गुजराती लोक नृत्य और मराठी लोकनृत्य से हुई.

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नई दिल्लीः शिक्षक दिवस पर दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से राज्य शिक्षक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर दिल्ली सरकार ने 118 शिक्षकों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार देकर सम्मानित किया. इनमें दिल्ली सरकार के स्कूलों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, एमसीडी स्कूलों और एनडीएमसी स्कूलों के शिक्षक शामिल रहे.

जानकारी के अनुसार, स्पोर्ट्स टीचर, गेस्ट टीचर, लाइब्रेरियन, स्पेशल एजुकेटर, म्यूजिक व आर्ट टीचर, लाइब्रेरियन, मेन्टॉर टीचर, स्पोर्ट्स टीचर और वोकेशनल टीचर को भी सम्मानित किया गया. शिक्षा में अच्छा काम करने वाले टीचर्स को दो विशेष पुरस्कार भी दिए गए. यह सम्मान उन शिक्षकों को दिया जाता है, जिन्होंने कला, साहित्य, खेल के क्षेत्र में रचनात्मक प्रदर्शन करने के लिए अपने विद्यार्थियों को काबिल बनाया. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री आतिशी रहीं.

शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि समाज में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. शिक्षक ही बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव रखते हैं, जो देश को भी तरक्की की दिशा में ले जाता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी सिविल इंजीनियर से गलती होती है तो किसी सड़क या बिल्डिंग के निर्माण में कमी आ सकती है, किसी अधिकारी से गलती होती है तो किसी विभागीय काम में कमी आ सकती है. लेकिन, अगर शिक्षक ने बच्चों को शिक्षा देने में गलती कर दी तो देश के विकास में कमी आ सकती है. इसलिए शिक्षक की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है.

आतिशी ने आगे कहा कि कुछ बच्चे स्पेशल नीड वाले होते हैं, जिन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है. ऐसे में उन बच्चों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. शिक्षक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपने बच्चों की कमजोरी को पकड़े और उसे दूर करके अन्य बच्चों के समकक्ष लाकर उसके विकास में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि मां भी शिक्षक के समान होती है. वह बच्चे की पहली शिक्षक भी होती है.

कार्यक्रम के दौरान आतिशी ने शिक्षकों को मेडल पहनाकर सम्मानित करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिए. इस दौरान शिक्षा निदेशक आरएन शर्मा, शिक्षा निदेशक अवार्ड्स एवं क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक विकास कालिया, शिक्षा सचिव डॉ. अशोक कुमार सहित बड़ी संख्या में सम्मान पाने वाले शिक्षकों के परिजन, बच्चे और स्कूलों के बच्चे भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक कार्यक्रमों गुजराती लोक नृत्य और मराठी लोकनृत्य से हुई.

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