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Rajasthan: दिवाली पर बेजुबानों को भोजन व दान करने से मिलते हैं पुण्य, जीवन में आती है खुशहाली, कई दोषों का होता है निवारण - DIWALI 2024

दिवाली पर पशु-पक्षी, चींटी, मछली और श्वान को भोजन कराने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. साथ ही कई दोषों का भी निवारण होता है.

Diwali 2024
दिवाली 2024 (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 26, 2024, 4:45 PM IST

भरतपुर: पांच दिवसीय दीपोत्सव के अवसर पर मां लक्ष्मी की कृपा बनाए रखने और घर में सुख शांति व समृद्धि के लिए श्रद्धालु विविध प्रकार से मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु, गणेश जी और मां सरस्वती की पूजा करते हैं. इस त्योहार पर शास्त्रों में विविध प्रकार के दान-पुण्य का भी विशेष महत्व बताया गया है. माना जाता है कि गरीबों के साथ ही बेजुबान जीव जैसे पक्षी, चींटी, मछली, श्वान आदि को भी भोजन कराने का विशेष फल प्राप्त होता है. आईए जानते हैं दीपावली के त्योहार पर किस जीव को भोजन और दान करने से किस फल की प्राप्ति होती है.

पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि छोटी दीपावली, दीपावली, गोवर्धन और भाई दूज के अवसर पर विविध प्रकार के दान किए जा सकते हैं. यदि त्योहार के अवसर पर चीटियों को पका हुआ आटा मीठा मिलाकर डाला जाए, तो इसके बहुत ही शुभ फल प्राप्त होते हैं. चीटियों को भोजन यानी आटा खिलाने से व्यक्ति के जीवन से कालसर्प दोष, पितृ दोष जैसे कई दोषों का निवारण हो जाता है और जीवन में सुख शांति की प्राप्ति होती है.

पढ़ें: Rajasthan: नहीं होगी अकाल मृत्यु, नरक चतुर्दशी को जलाए यम का दिया, परिवार में आएगी समृद्धि

पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि गाय को भगवान श्री कृष्ण की अति प्रिय माना जाता है. हमारे सनातन धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. इसलिए इस पांच दिवसीय त्योहार के अवसर पर यदि कोई व्यक्ति गायों को हरा चारा या रोटी खिलाता है, तो उसके जीवन में खुशहाली आती है और अनेक क्षेत्रों में सफलता मिलती है.

पढ़ें: Rajasthan: दिवाली से पहले क्यों मनाया जाता है धनतेरस, जानिए इस दिन क्या करना चाहिए

पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि इसी तरह मछली को चंचल कहा जाता है. इसे लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है. यदि त्योहार के शुभ अवसर पर जलाशय में मछलियों को आटे की गोली या अनाज के दाने खिलाई जाएं, तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. साथ ही व्यक्ति के जीवन में धन प्राप्ति और ऐश्वर्य के योग बनते हैं. माना जाता है कि ऐसे व्यक्ति के जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. उन्होंने बताया कि श्वान को भैरवनाथ का वाहन माना जाता है. यदि श्वान को रोटी खिलाई जाए तो शत्रु परास्त होते हैं. ऐसी श्रद्धालु की स्वयं भैरवनाथ रक्षा करते हैं.

भरतपुर: पांच दिवसीय दीपोत्सव के अवसर पर मां लक्ष्मी की कृपा बनाए रखने और घर में सुख शांति व समृद्धि के लिए श्रद्धालु विविध प्रकार से मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु, गणेश जी और मां सरस्वती की पूजा करते हैं. इस त्योहार पर शास्त्रों में विविध प्रकार के दान-पुण्य का भी विशेष महत्व बताया गया है. माना जाता है कि गरीबों के साथ ही बेजुबान जीव जैसे पक्षी, चींटी, मछली, श्वान आदि को भी भोजन कराने का विशेष फल प्राप्त होता है. आईए जानते हैं दीपावली के त्योहार पर किस जीव को भोजन और दान करने से किस फल की प्राप्ति होती है.

पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि छोटी दीपावली, दीपावली, गोवर्धन और भाई दूज के अवसर पर विविध प्रकार के दान किए जा सकते हैं. यदि त्योहार के अवसर पर चीटियों को पका हुआ आटा मीठा मिलाकर डाला जाए, तो इसके बहुत ही शुभ फल प्राप्त होते हैं. चीटियों को भोजन यानी आटा खिलाने से व्यक्ति के जीवन से कालसर्प दोष, पितृ दोष जैसे कई दोषों का निवारण हो जाता है और जीवन में सुख शांति की प्राप्ति होती है.

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पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि गाय को भगवान श्री कृष्ण की अति प्रिय माना जाता है. हमारे सनातन धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. इसलिए इस पांच दिवसीय त्योहार के अवसर पर यदि कोई व्यक्ति गायों को हरा चारा या रोटी खिलाता है, तो उसके जीवन में खुशहाली आती है और अनेक क्षेत्रों में सफलता मिलती है.

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पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि इसी तरह मछली को चंचल कहा जाता है. इसे लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है. यदि त्योहार के शुभ अवसर पर जलाशय में मछलियों को आटे की गोली या अनाज के दाने खिलाई जाएं, तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. साथ ही व्यक्ति के जीवन में धन प्राप्ति और ऐश्वर्य के योग बनते हैं. माना जाता है कि ऐसे व्यक्ति के जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. उन्होंने बताया कि श्वान को भैरवनाथ का वाहन माना जाता है. यदि श्वान को रोटी खिलाई जाए तो शत्रु परास्त होते हैं. ऐसी श्रद्धालु की स्वयं भैरवनाथ रक्षा करते हैं.

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