लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ की मांग पर कारपोरेशन ने आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में बड़ा निर्णय लिया है. संगठन की मांग थी कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मौत होने पर परिवार को 10 लाख रुपये का लाभ दिया जाए. इसके अलावा आउटसोर्सिंग के माध्यम से संविदा कर्मचारियों को कार्य के दौरान अपंग होने पर क्षतिपूर्ति दी जाए.
पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ की दोनों मांगों को मान लिया है. अब एक अक्टूबर 2024 के बाद हुए अनुबंधों के तहत कार्य कर रहे बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों की कार्य के दौरान मृत्यु होने पर साढ़े सात लाख रुपये के स्थान पर 10 लाख रुपये दुर्घटना हित लाभ के रूप में भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा दुर्घटना में अपंग होने पर 10 लाख रुपये के अपंगता प्रतिशत के बराबर क्षतिपूर्ति देने का आदेश जारी किया गया है.
उदाहरण के तौर पर यदि कोई कर्मचारी कार्य के दौरान बिजली कि चपेट में आकर 70 प्रतिशत विकलांग हो जाता है तो उसे क्षतिपूर्ति के रूप में 10 लाख रुपये का 70 प्रतिशत यानी 7 लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश निर्गत किया गया है. ये अभी तक पावर कारपोरेशन में लागू नहीं था.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय का कहना है, काफी कम पैसे में दिन-रात बिजली की समस्या सुलझाने वाले कर्मियों को हादसे के दौरान काफी कम पैसा मिलता था. इसके अलावा जो कर्मचारी बिजली का करंट लगने से झुलस जाते थे और अपंग हो जाते थे, उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाती थी. उन्हें क्षतिपूर्ति के रूप में पैसा इतना नहीं मिल पाता था, जिससे उनका गुजारा हो सके.
उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन से इसको लेकर कई बार वार्ता हुई. अब उसका नतीजा सकारात्मक आया है. कम से कम अब किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार को 10 लाख रुपये मिलेंगे इसके अलावा अब क्षतिपूर्ति भी हो सकेगी.
पेंशन अदालत का आयोजन आज: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी केके सिंह "अखिलेश" ने बताया कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन मुख्यालय शक्ति भवन प्रत्येक डिस्कॉम मुख्यालय और केस्को में त्रैमासिक पेंशन अदालत आयोजित की जाएगी. इस त्रैमासिक पेंशन अदालत में पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों की समस्याओं का निस्तारण कराया जाएगा. त्रैमासिक पेंशन अदालत मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर में आयोजित होती है. शक्ति भवन में निदेशक कार्मिक प्रशासन एवं प्रबंधन के नेतृत्व में अदालत आयोजित होगी.
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