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बछ बारस पर महिलाओं ने किया गाय और बछड़े का पूजन, की मंगल कामना - Bachh Baras 2024

बाड़मेर में बछ बारस का पर्व उत्साह से मनाया गया. इस दौरान महिलाओं ने गाय और बछड़े की पूजा की. महिलाओं ने इसके साथ ही सुख—समृद्धि के साथ खुशहाली की कामना की.

Bachh Baras 2024
बछ बारस का पर्व उत्साह से मनाया (ETV Bharat Barmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 30, 2024, 5:33 PM IST

Updated : Aug 30, 2024, 10:35 PM IST

बछ बारस पर की गाय और बछड़े की पूजा (ETV Bharat Barmer)

बाड़मेर: बाड़मेर सहित पूरे राजस्थान में आज बड़े ही उत्साह से बछ बारस का पर्व मनाया जा रहा है. शनिवार को बाड़मेर में महिलाओं ने गाय और बछड़े की पूजन कर बच्छ बारस का पर्व मनाया. इसके साथ ही गाय के चारों ओर परिक्रमा कर मंगल कामना की गई.

शनिवार को शहर के अग्रवाल मोहल्ला, कल्याणपुर सहित विभिन्न गली-मोहल्ला और गौशालाओं में बछ बारस को महिलाओं ने गाय और बछड़े की पूजा कर चुनरी ओढ़ाई. इसके साथ महिलाओं ने सुख-समृद्धि के साथ खुशहाली की कामना की. महिलाओं ने गौमाता की कथा सुनकर विधि-विधान के साथ मंगल गीत गाते हुए गाय के बछड़े का पूजन किया. इसके साथ ही गाय के चारों ओर परिक्रमा कर मंगल कामना की. बछ बारस के पर्व को लेकर महिलाओं में जबरदस्त उत्साह का माहौल देखने को मिला.

पढ़ें: छोटी काशी में मनाई गई बछ बारस, महिलाओं ने संतान की लंबी उम्र के लिए किया पूजन - Bachh Baras in jaipur

स्थानीय महिला मंजू सराफ ने बताया कि बछ बारस के दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है. बेटे की मां और सुहागिन महिलाएं इस पर्व को मनाती है. मान्यता है कि गाय और उसके बछड़े की पूजा से पुत्र की लंबी आयु होती है. इसके अलावा महिलाएं पुत्र प्राप्ति की कामना करती हैं. ऐसी भी मान्यता है कि अच्छी बारिश के लिए भी यह पूजा की जाती है. उन्होंने कहा कि इस दिन घर में चाकू से सब्जी नहीं काटी जाती है. बाजरी की रोटी और मोठ की सब्जी बनाकर खाते हैं. दीपिका बंसल ने बताया कि बछ बारस के दिन गौ पूजन के साथ गौमाता की कथा सुनते हैं. वहीं शाम को खेतों से वापिस गायों के घर लौटने से पहले हम भोजन करते हैं. उन्होंने बताया कि बछ बारस के गौ पूजन का बड़ा महत्व है.

बछ बारस पर की गाय और बछड़े की पूजा (ETV Bharat Barmer)

बाड़मेर: बाड़मेर सहित पूरे राजस्थान में आज बड़े ही उत्साह से बछ बारस का पर्व मनाया जा रहा है. शनिवार को बाड़मेर में महिलाओं ने गाय और बछड़े की पूजन कर बच्छ बारस का पर्व मनाया. इसके साथ ही गाय के चारों ओर परिक्रमा कर मंगल कामना की गई.

शनिवार को शहर के अग्रवाल मोहल्ला, कल्याणपुर सहित विभिन्न गली-मोहल्ला और गौशालाओं में बछ बारस को महिलाओं ने गाय और बछड़े की पूजा कर चुनरी ओढ़ाई. इसके साथ महिलाओं ने सुख-समृद्धि के साथ खुशहाली की कामना की. महिलाओं ने गौमाता की कथा सुनकर विधि-विधान के साथ मंगल गीत गाते हुए गाय के बछड़े का पूजन किया. इसके साथ ही गाय के चारों ओर परिक्रमा कर मंगल कामना की. बछ बारस के पर्व को लेकर महिलाओं में जबरदस्त उत्साह का माहौल देखने को मिला.

पढ़ें: छोटी काशी में मनाई गई बछ बारस, महिलाओं ने संतान की लंबी उम्र के लिए किया पूजन - Bachh Baras in jaipur

स्थानीय महिला मंजू सराफ ने बताया कि बछ बारस के दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है. बेटे की मां और सुहागिन महिलाएं इस पर्व को मनाती है. मान्यता है कि गाय और उसके बछड़े की पूजा से पुत्र की लंबी आयु होती है. इसके अलावा महिलाएं पुत्र प्राप्ति की कामना करती हैं. ऐसी भी मान्यता है कि अच्छी बारिश के लिए भी यह पूजा की जाती है. उन्होंने कहा कि इस दिन घर में चाकू से सब्जी नहीं काटी जाती है. बाजरी की रोटी और मोठ की सब्जी बनाकर खाते हैं. दीपिका बंसल ने बताया कि बछ बारस के दिन गौ पूजन के साथ गौमाता की कथा सुनते हैं. वहीं शाम को खेतों से वापिस गायों के घर लौटने से पहले हम भोजन करते हैं. उन्होंने बताया कि बछ बारस के गौ पूजन का बड़ा महत्व है.

Last Updated : Aug 30, 2024, 10:35 PM IST
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