नई दिल्ली: कहा जाता है कि भगवन भोलेनाथ को जलधारा अति प्रिय है. इसलिए सावन के महीने में शिव भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. आज सावन का दूसरा सोमवार है. राजधानी के तमाम शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. पुरानी दिल्ली में मौजूद प्राचीन श्री गौरी शंकर मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. श्रदालु हाथों में जल,बेल, धतूरा और फूल लेकर मंदिर पहुंच रहे हैं. वहीं इस बार भक्तों ने सावन के दूसरे सोमवार पर मंदिर में स्थापित भव्य द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का मौका मिला.
मंदिर के मैनेजर तेज प्रकश ने बताया कि मंदिर में स्थापित सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों को मकराना से संगमरमर के सफेद पत्थर मंगवाए गए हैं. प्रत्येक ज्योतिर्लिंग को उसके मूल स्वरूप के तहत स्थापित किया गया है. इसके अलावा उसी तर्ज पर श्रृंगार और पूजा हुई. इसके अलावा मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम किए गए हैं. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बेसमेंट में एसी लगाए गए हैं. भव्य झूमर लगाए गए हैं. मंदिर में प्रवेश का एक ही गेट है, मगर आपात स्थिति में बाहर जाने के लिए कई गेट बनाए गए हैं.
वहीं, नई दिल्ली में स्थित झण्डेवाला देवी मन्दिर में आज सावन मास के दूसरे सोमवार को भगवान शंकर का रूद्राभिषेक किया गया. झण्डेलाला देवी मन्दिर के मीडिया प्रमुख नन्द किशोर सेठी ने बताया कि आज विषेश रूप से उपर व प्राचीन गुफा वाले शिवालय में भक्तों नें बडी श्रद्धा के साथ पूजन किया. इसके अलावा प्राचीन गुफा वाले शिवालय में केवल उन्हीं भक्तों द्वारा अभिषेक करवाया गया जिन्होंनें इसकी पहले से बुकिंग की थी.कहा जाता है सावन का महिना शिवजी का सबसे प्यारा महीना है और सोमवार का दिन उनके सबसे खास दिन होता है.
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ऊपर नये शिवालय में प्रात: से ही भक्त भारी संख्या मे शिवलिंग पर दूध और जल चढा रहे थे और यह क्रम सारा दिन चलता रहा. साथ ही आज कुछ भक्त गढगंगा से गंगाजल ले कर महादेव का जलाभिषेक करने आये. सनातन धर्म में मान्यता है कि सावन मास भगवान शिव का महीना होता है और इस में अभिषेक बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. भगवान शंकर भक्तों की सब मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
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