पटना: शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ चैती छठ की शुरुआत हुई थी. दूसरे दिन खरना का महाप्रसाद ग्रहण किया गया. वहीं आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जबकि चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 4 दिवसीय महापर्व छठ का समापन हो जाएगा.
छठ के प्रसाद का महत्व: बिहार की सभी जगहों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु चैती छठ पूजा करते हैं. छठ के प्रसाद का विशेष महत्व है. कुछ छठ व्रती नदी किनारे रातभर प्रसाद बनाते हैं और फिर उसका वितरण करते हैं. यही वजह है कि छठ घाटों पर आने वाले सभी लोग प्रसाद ग्रहण करना चाहते हैं.
छठ पूजा का महत्व: माना जाता है कि जल में दूध डालकर सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य देने से विशेष लाभ होता है. मान्यता है कि यह अर्घ्य सूर्य की पत्नी प्रत्यूषा को दिया जाता है. इस समय अर्घ्य देने से नेत्र ज्योति बढ़ती है. आयू लंबी होती है और आर्थिक संपन्नता आती है. छात्रों को भी करियर में लाभ होता है.
सोमवार को छठ का समापन: आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जा रहा है, वहीं सोमवार की अहले सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसी के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हो जाएगा.
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