ग्वालियर। प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में फंसे पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को अब हाईकोर्ट से राहत मिलने के आसार नजर आ रहे हैं. क्योंकि बुधवार को केस में सुनवाई के दौरान गवाह ने पूर्व मंत्री को पहचानने से ही इनकार कर दिया. बता दें कि पन्ना जिले में पवई पुलिस थाना में 13 दिसम्बर 2022 को पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजा पटेरिया के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई थी. इसमें आरोप था कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में भाषण के दौरान प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया है.
बीजेपी के विरोध के बाद हुई थी गिरफ्तारी
हालांकि राजा पटेरिया ने बाद में सफ़ाई दी थी कि हत्या से उनका तात्पर्य पीएम को हराने से था. इस मामले में उनके भाषण का एक वीडियो उस दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस बयान के बाद बीजेपी ने कड़ा विरोध किया था. राजा पटेरिया के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था. बाद में जांच के दौरान मुख्य गवाह चंद्रेश गौतम के बयान दर्ज कराये गए थे.
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कोर्ट में पलटा मुख्य गवाह, पुलिस पर लगाए आरोपी
मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री रहे राजा पटेरिया का यह केस ग्वालियर हाईकोर्ट के विशेष सत्र न्यायालय एमपी-एमएलए कोर्ट में है. बुधवार को इस केस पर सुनवाई हुई. जिसमें आरोपी पूर्व मंत्री पटेरिया भी मौजूद रहे. सुनवाई के दौरान मुख्य गवाह चंद्रेश गौतम को बयानों के लिए पेश किया गया. इस दौरान चंद्रेश अपने पूर्व के बयानों से पलट गया. उसने कोर्ट के सामने कहा कि पुलिस द्वारा उसे डरा धमका कर ब्लैंक पेपर पर दस्तख़त करा लिये गये थे. चूंकि वह एक स्टूडेंट है, ऐसे में अपना छात्र जीवन और भविष्य ख़राब होने के डर से चुप रहा. सुनवाई के बाद मीडिया ने पूर्व मंत्री से इस मामले में सवाल जवाब का प्रयास किया लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.