दुर्ग: एक मशहूर लेखक ने मां के लिए लिखा है ''अब कोई पूछता नहीं मुझे, शायद किसी को अब मुझसे वास्ता नहीं. ये सच है अगर मां नहीं तो ये जमाना किसी का नहीं''. दुर्ग नगर निगम की लापरवाही के चलते एक हंसता खेलता परिवार गम के साये में डूब गया. एक मां को अपनी जान गंवानी पड़ी और उसकी दो बेटियां जिंदगी भर के लिए गम में डूब गई.
लापरवाही ने छीन दो बच्चियों से उनकी मां: जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर में बतौर नर्स काम करने वाली संध्या यादव की मौत सड़क पर खुदे गड्ढे में गिरने से हो गई. संध्या दुर्ग के सिविल लाइन इलाके में रहती थी. शनिवार की शाम वो बच्चों के लिए स्वेटर लेने तिब्बती मार्केट गई. दोनों बेटियों सानवी और स्वधा के लिए उसने स्वेटर खरीदा. घर आने पर बड़ी बेटी स्वधा को स्वेटर पसंद नहीं आया. बेटी का स्वेटर एक्सचेंज करने के लिए संध्या फिर से अपनी मेड को लेकर तिब्बती मार्केट के लिए निकली. स्वेटर एक्सचेंज करने के बाद संध्या अपनी मेड के साथ घर लौट रही थी.
निगम के खोदे गए गड्ढे के चलते हुए हादसा: आरटीओ रोड से पहले खालसा स्कूल के पास सड़क पर बड़ा गड्ढा खुदा था. गड्ढे में पानी भरा होने के चलते संध्या को वो नजर नहीं आया. संध्या की स्कूटी गड्ढे में गिर गई. संध्या जबतक उठ पाती तबतक दूसरी गाड़ी वाला भी वहां गुजरा और उसका पहिया संध्या के शरीर के ऊपर से निकल गया. गंभीर हालत में संध्या को अस्पताल लाया गया है जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
डॉक्टरों ने बताई मौत की वजह: पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मौत की वजह इंटरनल इंज्यूरी और इंटरनल ब्लिडिंग रही. संध्या की मौत के बाद उसकी 8 महीने की अबोध बेटी सानवी और 11 साल की स्वधा का रो रोकर बुरा हाल है. बड़ी बेटी स्वधा बार बार लोगों से पूछ रही है कि ''मां तुम हमको छोड़कर क्यों चली गई''. पति और परिवार वाले दोनों मासूम बच्चियों को देखकर अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं. जिस किसी को इस हादसे की खबर मिली वो परिवार को सांत्वना देने के लिए घर पहुंचा लेकिन यहां का माहौल देखकर वो खुद गमगीन हो गया.
मेरी पत्नी की मौत नगर निगम प्रशासन की लापरवाही के चलते हुई है. निगम प्रशासन ने सड़क पर नाली खोदकर छोड़ दिया. वहां पर कोई सुरक्षा घेरा तक नहीं बनाया. पानी, कीचड़ और फिसलन होने के चलते संध्या एक्सीडेंट का शिकार हो गई. :सुरेश यादव, मृतक नर्स संध्या के पति
“मम्मा मिस यू… मम्मा आई लव यू”: पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद शव को घर लाया गया और फिर अंतिम संस्कार की तैयारी शुरु की गई. 8 महीने की सानवी गुमसुम सी भीड़ में अपनी को तलाशती रही. 11 साल की बड़ी बेटी स्वधा को लोग बार बार संभाल रहे थे. स्वधा बार बार बस इतना ही कह रही थी. “मम्मा मिस यू… मम्मा आई लव यू .. भगवान तुम्हारी आत्मा को अच्छे से शांति दे. मेरी दुआ है कि मुझे हर जन्म में तुम मां बनकर मिलो''.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा: हादसे के बाद हरकत में आई पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आगे की कार्रवाई और गिरफ्तारी की जाएगी. पुलिस ने भले ही ये दावा किया है कि वो दोषियों पर कार्रवाई करेगी. एक बड़ी लापरवाही ने जिस तरह से दो बच्चों को अनाथ कर दिया, एक मां की जिंदगी छीन ली उसका परिवार इस गलती को कभी माफ नहीं करेगा.