अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में बसे गांवों का विस्थापन होने से बाघों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले चार महीनों में सरिस्का में 13 नए शावक दिखाई दिए हैं. इनमें भी पिछले करीब 25 दिनों में 10 नए शावक नजर आए हैं. सरिस्का में अभी बाघों का कुनबा बढ़कर 43 तक पहुंच गया है. सरिस्का में इतनी संख्या में बाघ पहली बार रहे हैं. कोर एरिया में बसे गांवों के विस्थापन प्रक्रिया में तेजी के कारण संभव हो पाया है. साथ ही गांवों के खाली होने से अब चौसिंगा जैसे दुलर्भ वन्यजीव भी दिखाई देने लगे हैं.
सरिस्का के कोर एरिया में 29 गांव : सरिस्का टाइगर रिजर्व के डीएफओ जगदीश दहिया ने बताया कि अभी 269 परिवारों का विस्थापन होना शेष है. इन परिवारों ने जमीन पैकेज पर जाने की सहमति दे दी है, लेकिन इन्हें विस्थापित करने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है. जिला प्रशासन से विस्थापन प्रक्रिया के लिए जमीन उपलब्ध कराने को कहा गया है. सरिस्का के कोर एरिया में 29 गांव बसे हैं, इनमें में पांच पूरी तरह खाली हो चुके हैं, अभी नाथूसर गांव सहित 6 गांवों में विस्थापन की प्रक्रिया जारी है. सरिस्का टाइगर रिजर्व का कोर एरिया बाघ, बघेरे एवं अन्य वन्यजीवों का मुख्य रहवास है.
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बाघों का रहना सहज हुआ : कोर एरिया में 29 गांव बसे होने से वन्यजीवों को अपना आवास छोड़कर जंगल में दूर जाना पड़ रहा था. इसका नुकसान यह हुआ कि दूर दराज से आने वाले पर्यटकों को बाघ एवं अन्य वन्यजीव की साइटिंग नहीं हो पाती थी, लेकिन अब गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया में तेजी आई है. गांवों के विस्थापन से जंगल में जगह खाली होने से बाघों का रहना सहज हुआ है और इसका नतीजा बाघों के कुनबे में तेजी से वृद्धि के रूप में देखने को मिला है.
गांव खाली हुए तो दिखने लगे बाघ : सरिस्का के कोर एरिया में 5 गांव पूरी तरह खाली हो गए हैं. इनमें रोटक्याला, डाबली, भगानी, उमरी और पानीढाल गांव पूरी तरह खाली हो चुके हैं. पांच गांवों की खाली जगह मिलने से बाघों को टेरिटरी की समस्या नहीं रही. इससे बाघ-बाघिनों को घूमने के लिए खुला जंगल मिल गया, जिससे बाघों की वंश वृद्धि में आसानी रही.
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साइटिंग होने से बढ़ रही पर्यटकों की संख्या : सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ने से साइटिंग भी आसान हो गई है. अब पर्यटकों को बाघ और शावक आसानी से दिख रहे हैं. इसका लाभ यह हुआ कि सरिस्का घूमने आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. पहले बाघों की साइटिंग कम होने से ज्यादातर पर्यटक रणथंभौर टाइगर रिजर्व में घूमना पसंद करते थे, लेकिन अब सरिस्का में पर्यटकों में भी इजाफा हुआ है. इसका लाभ वन्यजीवों की साइटिंग बढ़ने के रूप में हुआ है. इन दिनों सरिस्का में बाघों की साइटिंग अच्छी हो रही है. पिछले दिनों दुलर्भ वन्यजीव चौसिंगा भी कैमरे में दिखाई दिया है.
269 परिवारों का विस्थापन शेष : सरिस्का के 6 गांवों में 269 परिवारों का विस्थापन होना शेष है. सरिस्का में कुल 1471 परिवारों का विस्थापन होना है, इनमें 229 परिवारों के विस्थापन की प्रकिया चल रही है. सरिस्का प्रशासन अब तक 971 परिवारों का पूरी तरह विस्थापन कर चुका है. शेष परिवारों के विस्थापन के लिए अभी जमीन की तलाश की जा रही है. इसके लिए रूंद गिदावड़ा में जमीन देखी जा रही है. सरिस्का में विस्थापित हुए परिवारों में से 691 ने जमीन का पैकेज और 511 परिवारों ने नगद पैकेज पर सहमति जताई है.