जयपुर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्य योजनाओं से टीबी रोग उन्मूलन की दिशा में किए गए प्रयास अब असर दिखाने लगे हैं. देश में क्षय रोगियों की संख्या 2015 की तुलना में 2023 तक हुई 17 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है. राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने यह जानकारी दी. सवाल के जवाब में बताया गया कि 2015 में जहां 1 लाख की आबादी पर 237 केस टीबी के सामने आ रहे थे, वो 2023 में घटकर 195 तक आ गए. 8 साल में 17.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. वहीं इस दौरान टीबी से होने वाली मृत्यु की संख्या में भी 21 फीसदी आई.
मोदी सरकार के प्रयास दिखा रहे असर: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम से देशभर में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिल रहे है. सरकार की ओर से टीबी रोगियों को पोषण संबंधी सहायता के लिए नि-क्षय पोषण योजना के माध्यम से 500 रुपए प्रतिमाह देना शुरू किया गया. वहीं नि-क्षय मित्र पहल के तहत टीबी रोगियों और उसके संपर्क में आने वाले परिवार के अन्य व्यक्तियों को पोषण, नैदानिक और व्यावसायिक संबंधी अतिरिक्त सहायता भी शुरू की गई.
20 हजार की संख्या हुई कम: राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2023 में टीबी रोगियों की संख्या 1 लाख 65 हजार थी. वहीं इस वर्ष 2024 में अक्टूबर तक इनकी संख्या 1 लाख 45 हजार दर्ज की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से टीबी रोग उन्मूलन के लिए जांच एवं उपचार सेवाओं के साथ आयुष्मान आरोग्य मंदिर का एकीकरण किया गया. टीबी रोग भार वाले क्षेत्रों में लक्षित कार्यकलापों को चलाया गया. इस दौरान समाज में टीबी को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए. उप जिला स्तरों पर आणविक निदान प्रयोगशालाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई.