रांची: झारखंड में मौसम बदल रहा है. सर्दी खत्म हो रही और धीरे-धीरे मौसम गर्म होता जा रहा है. ऐसे में दिन में गर्मी का अहसास होता है जबकि रात ठंडी होती है. कभी अचानक बारिश होती है और तापमान गिर जाता है, इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर हो रहा है. लोग सर्दी, खांसी और बुखार जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. ऐसे मरीज राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में सैकड़ों की संख्या में पहुंच रहे हैं.
लोगों के बीमार होने पर रांची के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ संजय कुमार बताते हैं कि बीमार होने पर लोगों को खुद से दवा नहीं खानी चाहिए बल्कि डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
'ऐसे मौसम में लोगों को बारिश में भींगने से परहेज करना चाहिए. अगर किसी कारण से लोग बीमार होते हैं तो उन्हें तुरंत ही नजदीकी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि वायरल फीवर के साथ-साथ एडिशनल इन्फेक्शन लोगों को बीमार कर उसकी जान ले सकता है.'- डॉ संजय कुमार
डॉ संजय कुमार बताते हैं कि एडिशनल इन्फेक्शन में सबसे ज्यादा रेस्पिरेटरी ट्रैक को बंद करने वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन शरीर में फैलने लगते हैं, जिससे लोगों को सांस लेने में विशेष परेशानी होने लगती है. उन्होंने बताया कि इन दोनों रिम्स में भी इस तरह के मरीज लगातार आ रहे हैं.
'वायरल फीवर होने के बाद मरीज का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिस वजह से उनके ऊपर कई तरह के बैक्टीरिया अटैक करते हैं. इनमें सबसे ज्यादा रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को खराब करने वाले बैक्टेरियल इन्फेक्शन देखने को मिल रहे हैं.' - डॉ संजय कुमार
डॉक्टर संजय सिंह बताते हैं कि इस तरह के मरीजों की मृत्यु दर 16% से 17% देखने को मिलती है. उन्होंने कहा कि रिम्स अस्पताल में कई बार समय पर मरीज को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पाती है, जिस वजह से भी मरीज की मौत हो जाती है. उन्होंने बताया कि वायरल फीवर के साथ अगर मरीज को सुपर ऐडेड इन्फेक्शन भी एक साथ प्रहार करता है तो निश्चित रूप से मरीज को तुरंत अस्पताल जाना चाहिए ताकि उसे समुचित इलाज देकर ठीक किया जा सके. डॉक्टर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस मौसम में बारिश में ना भींगे, साथ ही पेयजल की स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें.
गौरतलब है कि इन दिनों रिम्स, सदर अस्पताल और कई निजी अस्पतालों में वायरल इन्फेक्शन के मरीज देखने को मिल रहे हैं. इसके अलावा डॉक्टर के अनुसार सुपर ऐडेड इन्फेक्शन से भी ग्रसित मरीज देखने को मिल रहे हैं. जरूरत है वायरल फीवर से ग्रसित होने के बाद तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें ताकि मरीज अपनी जान बचा सकें.
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