कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में देवी-देवताओं की संख्या को देखते हुए दशहरा उत्सव समिति ने देवताओं के ठहराने की कवायद तेज कर दी है. इसके लिए कुल्लू शहर में नई जगह देखना शुरू कर दी है.
दशहरा उत्सव समिति ने अब कुल्लू कॉलेज परिसर में भी कुछ देवी-देवताओं को ठहराने का प्रबंध किया है. यहां पर करीब आठ से दस देवी-देवताओं को ठहराया जाएगा. सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर भी दशहरा उत्सव में आने वाले देवी-देवताओं के ठहराव को लेकर भी सक्रिय हो गए हैं.
ढालपुर में आयोजित होने वाले इस दशहरा उत्सव में आने वाले देवता करीब दस अलग-अलग जगहों पर अपने अस्थायी शिविरों में ठहरते हैं. जगह कम पड़ने से देवी-देवताओं का ठहराव चुनौती बनता जा रहा है.
खासकर साल 2022 के बाद दशहरा में देवी-देवताओं के आने का आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया है. 2022 में 304 और 2023 में 317 देवी-देवताओं ने शिरकत की. इसमें करीब 35 से 40 देवता ऐसे थे जो बिना निमंत्रण के भगवान रघुनाथ से मिलने पहुंचे थे.
साल 2023 में देवी-देवताओं को ठहराने के लिए जगह कम पड़ गई थी और प्रशासन के पसीने छूट गए थे. देवी-देवताओं के आने की संख्या को देखते हुए इस साल आंकड़ा 325 के पार पहुंच सकता है.
कुल्लू कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनदीप शर्मा ने कहा कि दशहरा में देवी-देवताओं को कॉलेज परिसर में ठहराया जाएगा. देवताओं के देवलुओं को किसी तरह की समस्या न हो, इसके लिए पूरा सहयोग किया जाएगा.
सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने बताया "कुल्लू दशहरा में देवी- देवताओं का स्वागत है. सभी देवताओं को ठहरने के लिए उचित जगह दी जाएगी. ढालपुर के साथ कुछ अन्य जगहों को भी देखा जा रहा है"
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