लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सचिवालय और लोग भवन के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण के करीब 2000 कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बायोमैट्रिक अटेंडेंस को अनिवार्य कर दिया गया है. अगले महीने से बायोमैट्रिक अटेंडेंस नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और उनका वेतन भी रोक दिया जाएगा. निर्देश जारी होते ही एलडीए के कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. वहीं सोमवार को एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कई अनुभागों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने फाइलों और हाजिरी रजिस्टर भी चेक किए. साथ ही लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को फटकार भी लगाई.
प्रथमेश कुमार के निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारी ऐसे पाये गये, जो कार्यालय में तो उपस्थित थे, लेकिन उनकी ओर से रजिस्टर पर हाजिरी नहीं लगाई गई थी. इस पर उपाध्यक्ष ने बायोमैट्रिक अटेंडेंस को अनिवार्य करते हुए आदेश जारी किए, कि बायोमैट्रिक हाजिरी के आधार पर ही अगले महीने से वेतन जारी किया जाएगा. इसके साथ ही सुबह 11 बजे निरीक्षण में प्राधिकरण की नई बिल्डिंग के भूतल पर बने काॅल सेंटर में कार्यरत लिपिक विनोद कुमार अनुपस्थित पाये गये. इस पर उपाध्यक्ष ने कर्मचारी का एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिये हैं.
रिकार्ड और विधि अनुभाग के निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष ने कम्प्यूटर से कुछ फाइलों के नंबर (क्रमांक कोडिंग) निकाले और फिर कर्मचारियों से इन नंबर के आधार पर फाइलें ढूंढकर निकालने को कहा. विधि अनुभाग में कर्मचारी क्रमांक संख्या के आधार पर रैक में रखी फाइलें नहीं खोज पाये. इस पर उपाध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए एक सप्ताह के अंदर फाइलों को व्यवस्थित करने का अल्टीमेटम दिया है.
वहीं निरीक्षण में पाया गया कि ज्यादातर अनुभागों में अधिकारी कहीं बैठते हैं और उनका स्टाफ कहीं और बैठता है. इससे जन सामान्य को अपने कार्य के लिए अलग-अलग कमरों और तलों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए उपाध्यक्ष ने निर्देश दिये कि, नये सिरे से सिटिंग प्लान बनाया जाए. इसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि अनुभाग का कार्य देख रहे अधिकारी के साथ ही उनका स्टाफ बैठे.
यह भी पढ़ें: लखनऊ में LDA का फिर बड़ा एक्शन, अब इस इलाके में गरजा बुलडोजर, अवैध निर्माण सील