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पॉलिटेक्निक में अब ऑनलाइन मूल्यांकन, सौ स्कैनर मशीन और 1400 शिक्षक करेंगे 16 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की जांच - Technical Education Council

पॉलिटेक्निक में मूल्यांकन का तरीका बदल गया है. 16 लाख उत्तर पुस्तिकाओं को ऑनलाइन चेक करने की तैयारी शुरू हो गई है. जिसमें 100 से अधिक स्कैनर मशीन लगेंगी तो वहीं 1400 शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करेंगे. इस पूरी प्रक्रिया में दो करोड़ रुपये की बचत होगी.

अब जल्द आएंगे सेमेस्टर के रिजल्ट
अब जल्द आएंगे सेमेस्टर के रिजल्ट (PHOTO credits ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 31, 2024, 8:31 PM IST

लखनऊ: प्राविधिक शिक्षा परिषद (Technical Education Council) अपने सेमेस्टर, एनुअल और स्पेशल बैक पेपर परीक्षाओं की कॉपियों का मूल्यांकन ऑनलाइन कराने जा रही है. नए नियम से इस बार सेमेस्टर एग्जाम की कॉपियों का मूल्यांकन हो रहा है. 16.50 लाख कॉपियों का ऑनलाइन मूल्यांकन होगा. सभी नंबर ऑनलाइन फीड किए जाएंगे. इसके लिए प्राविधिक शिक्षा परिषद ने अपने नियमों में संशोधन कर दिया है. अगले हफ्ते से परिषद सभी कॉपियों को स्कैन कर उनके मूल्यांकन की प्रक्रिया को शुरू कराएगा. जिसे दो महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रिंसिपल की लॉगिंग आईडी से खुलेंगे कंप्यूटर परिषद के सचिव अजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि, सेमेस्टर परीक्षा की स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन की कॉपियों का प्रयोग के आधार पर ऑनलाइन मूल्यांकन हुआ था. यह प्रयोग सफल रहा. अब इसी तरीके से सेमस्टर कॉपियों का मूल्यांकन कराने की तैयारी है. यह मूल्यांकन प्रदेश भर के राजकीय और सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक संस्थानों में होगा. इससे रिजल्ट में लगने वाला समय घटेगा और कम समय में मूल्यांकन पूरा होगा.

सचिव ने बताया कि पॉलिटेक्निक में इस बार 16.50 लाख कॉपियां की जांच होनी है. इसके लिए कुल 1400 शिक्षक लगाएं जाएंगे. 100 स्कैनर लगाए गए हैं और कॉपियों को स्कैन कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे कॉपियां के स्कैन का काम पूरा होता जाएगा उन्हें मूल्यांकन के लिए भेज दिया जाएगा. इसके लिए सभी गवर्नमेंट और सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल को लॉगिन आईडी उपलब्ध कराया जाएगा.

कोडिंग से रहेगी गोपनीयता: अजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि स्कैन करने के बाद ऑनलाइन कॉपियां जांचने के लिए परीक्षकों को भेजी जाएंगी. परीक्षक ऑनलाइन नंबर चढ़ाएंगे. स्कैन करने के बाद कॉपियों की कोडिंग होगी. इससे किसी भी परीक्षक को उत्तर पुस्तिका किस जोन और किस स्टूडेंट्स और कॉलेज की है, यह पता नहीं चलेगा. कोडिंग आधार पर ही परीक्षक नंबर चढ़ाकर भेजेंगे. जिसके बाद परिषद उन्हें एनरोलमेंट नंबर में चढ़ा देगा.

स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था खत्म ऑनलाइन मूल्यांकन के साथ ही प्राशिप में अब स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था खत्म होगी. इससे प्राशिप को लाखों कॉपियां दोबारा नहीं जांचनी पड़ेगी.ऑनलाइन मूल्यांकन से नंबर छूटने और जोड़ने में होने वाली गलतियों की गुंजाइश खत्म हो जाएगी. वहीं, छात्र स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे.

ऑनलाइन मूल्यांकन से 2 करोड़ की बचत सचिव ने बताया कि, ऑनलाइन मूल्यांकन कार्य से परिषद को काफी मुनाफा होगा. अभी कॉपी जांचने के लिए एक शिक्षक को एक कॉपी पर 15 रुपये मिलते हैं. सेमेस्टर परीक्षा में तकरीबन 18 लाख कॉपियों की जांच होती है. ऑनलाइन मूल्यांकन से इनकी प्रिंटिंग से लेकर ढुलाई का खर्च बचेगा. वहीं, बार कोड वाली कॉपियां अभी के मुकाबले 3 रुपये सस्ती होगी. लिहाजा, करीब 2 करोड़ रुपये एक सेमेस्टर में बचत आएगी.

ऑनलाइन मूल्यांकन से परिषद को परीक्षा का परिणाम जारी करने में आसानी होने के साथ ही रिजल्ट जल्दी आएगा. इसके अलावा छात्रों को अब मूल्यांकन में किसी भी तरह की गलती नहीं मिलेगी. उन्हें स्क्रुटनी और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं करना होगा.

ये भी पढ़ें: प्राविधिक शिक्षा परिषद भी कराएगा उत्तर पुस्तिकाओं का ऑनलाइन मूल्यांकन

लखनऊ: प्राविधिक शिक्षा परिषद (Technical Education Council) अपने सेमेस्टर, एनुअल और स्पेशल बैक पेपर परीक्षाओं की कॉपियों का मूल्यांकन ऑनलाइन कराने जा रही है. नए नियम से इस बार सेमेस्टर एग्जाम की कॉपियों का मूल्यांकन हो रहा है. 16.50 लाख कॉपियों का ऑनलाइन मूल्यांकन होगा. सभी नंबर ऑनलाइन फीड किए जाएंगे. इसके लिए प्राविधिक शिक्षा परिषद ने अपने नियमों में संशोधन कर दिया है. अगले हफ्ते से परिषद सभी कॉपियों को स्कैन कर उनके मूल्यांकन की प्रक्रिया को शुरू कराएगा. जिसे दो महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रिंसिपल की लॉगिंग आईडी से खुलेंगे कंप्यूटर परिषद के सचिव अजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि, सेमेस्टर परीक्षा की स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन की कॉपियों का प्रयोग के आधार पर ऑनलाइन मूल्यांकन हुआ था. यह प्रयोग सफल रहा. अब इसी तरीके से सेमस्टर कॉपियों का मूल्यांकन कराने की तैयारी है. यह मूल्यांकन प्रदेश भर के राजकीय और सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक संस्थानों में होगा. इससे रिजल्ट में लगने वाला समय घटेगा और कम समय में मूल्यांकन पूरा होगा.

सचिव ने बताया कि पॉलिटेक्निक में इस बार 16.50 लाख कॉपियां की जांच होनी है. इसके लिए कुल 1400 शिक्षक लगाएं जाएंगे. 100 स्कैनर लगाए गए हैं और कॉपियों को स्कैन कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे कॉपियां के स्कैन का काम पूरा होता जाएगा उन्हें मूल्यांकन के लिए भेज दिया जाएगा. इसके लिए सभी गवर्नमेंट और सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल को लॉगिन आईडी उपलब्ध कराया जाएगा.

कोडिंग से रहेगी गोपनीयता: अजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि स्कैन करने के बाद ऑनलाइन कॉपियां जांचने के लिए परीक्षकों को भेजी जाएंगी. परीक्षक ऑनलाइन नंबर चढ़ाएंगे. स्कैन करने के बाद कॉपियों की कोडिंग होगी. इससे किसी भी परीक्षक को उत्तर पुस्तिका किस जोन और किस स्टूडेंट्स और कॉलेज की है, यह पता नहीं चलेगा. कोडिंग आधार पर ही परीक्षक नंबर चढ़ाकर भेजेंगे. जिसके बाद परिषद उन्हें एनरोलमेंट नंबर में चढ़ा देगा.

स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था खत्म ऑनलाइन मूल्यांकन के साथ ही प्राशिप में अब स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था खत्म होगी. इससे प्राशिप को लाखों कॉपियां दोबारा नहीं जांचनी पड़ेगी.ऑनलाइन मूल्यांकन से नंबर छूटने और जोड़ने में होने वाली गलतियों की गुंजाइश खत्म हो जाएगी. वहीं, छात्र स्क्रूटनी और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे.

ऑनलाइन मूल्यांकन से 2 करोड़ की बचत सचिव ने बताया कि, ऑनलाइन मूल्यांकन कार्य से परिषद को काफी मुनाफा होगा. अभी कॉपी जांचने के लिए एक शिक्षक को एक कॉपी पर 15 रुपये मिलते हैं. सेमेस्टर परीक्षा में तकरीबन 18 लाख कॉपियों की जांच होती है. ऑनलाइन मूल्यांकन से इनकी प्रिंटिंग से लेकर ढुलाई का खर्च बचेगा. वहीं, बार कोड वाली कॉपियां अभी के मुकाबले 3 रुपये सस्ती होगी. लिहाजा, करीब 2 करोड़ रुपये एक सेमेस्टर में बचत आएगी.

ऑनलाइन मूल्यांकन से परिषद को परीक्षा का परिणाम जारी करने में आसानी होने के साथ ही रिजल्ट जल्दी आएगा. इसके अलावा छात्रों को अब मूल्यांकन में किसी भी तरह की गलती नहीं मिलेगी. उन्हें स्क्रुटनी और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं करना होगा.

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