लखनऊ: राजधानी लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ने लगी है. प्रदेश में पारा लगातार गिर रहा है. ऐसे में वन्य जीव प्राणी उद्यान में वन्यजीव को सर्दी न लगे, इसके लिए लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं. जिन बाड़ों में हीटर की जरूरत महसूस की गई, वहां पर हीटर लगाकर राहत दी जा रही है. चिंपांजी को कंबल की जरूरत महसूस हुई तो कंबल की व्यवस्था की गई है.
इसके अलावा सर्दी में जानवरों की डाइट बढ़ जाती है. लिहाजा, प्राणि उद्यान प्रशासन की तरफ से वन्य जीवों की खुराक में भी इजाफा किया गया है. प्रशासन के इस कदम के बाद अब चिड़ियाघर के वन्यजीवों को ठंड में गर्माहट मिलेगी तो भरपेट भोजन भी उपलब्ध होगा.
सर्दी बढ़ी तो चिड़ियाघर के वन्य जीव ठिठुरने लगे. दिसंबर आते-आते दोपहर के बाद से ही वन्य जीव खुले में घूमने के बजाय बाड़े के अंदर सिकुड़कर बैठने लगे, जिससे चिड़ियाघर घूमने आने वाले दर्शकों को वन्य जीव देखने को ही नहीं मिल रहे थे. इसके बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने वन्य जीवों को सर्दी में गर्मी का अहसास दिलाने के लिए खास इंतजाम किए हैं. अजगर के बाड़े में हीटर लगाया गया है तो चिंपांजी को कंबल ओढ़ाकर सर्दी से बचाने के इंतजाम किए गए हैं.
वन्यजीवों की कैलोरी को सर्दी में ध्यान में रखते हुए खाने की खुराक में भी बढ़ोतरी की गई है. वन्य जीव आराम से बैठ और लेटकर नींद ले सकें, इसके लिए जमीन पर पुआल, घास और लकड़ी के तख्ते भी बढ़ा दिए गए हैं. सांप घर, उल्लूघर, मछलीघर, लायन टेल, व्हाइट टाइगर, बंदर और शेर के बाड़े में हीटर लगाए गए हैं. चिंपांजी को कंबल उपलब्ध कराया गया है.
नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान की निदेशक अदिति शर्मा ने बताया कि चिंपांजी को कंबल भी दिया है. ओस और हवाओं से बचाव के लिए बाड़ों पर चिक सीट भी लगाई गई है. सर्दी में उनके शरीर को मजबूत रखने के लिए धूप बेहद जरूरी होती है इसलिए जिन बाड़ों में धूप की जरूरत थी उन बाड़ों में पेड़ों की शाखों की छंटाई इस तरह से की गई है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में धूप मिल सके जिससे उनमें धूप की कोई कमी न रहे. इसके अलावा वन्यजीवों के शरीर को गर्मी देने और कैलोरी को ध्यान में रखते हुए खाने की डाइट बढ़ाई गई है. शुतुरमुर्ग, येलो मकाऊ, लायन टेल मंकी, चिंपांजी और ऐमू को अन्य जीवों की तरह अंडा दिया जा रहा है. शाकाहारी वन्यजीवों के लिए सीजनल साग, सब्जी, फल, फली और हरे चारे की मात्रा में वृद्धि की गई है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा पानी में रहने वाले जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ और हिप्पो को सर्दी से बचाने के लिए उनके बाड़ों में ताजा पानी चलाया जा रहा है. इन उपायों से वन्यजीवों को ठंड से बचाने में मदद मिलेगी. डॉक्टर और कीपर्स को लगातार वन्यजीवों की निगरानी के लिए लगाया गया है. उनके खाने के साथ विटामिन और मिनरल्स की मात्रा भी बढ़ाई गई है, जिससे वह सर्दियों से बच सकें.
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