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अब यूपी की कानून व्यवस्था भी संभालेंगे तेज तर्रार STF चीफ अमिताभ यश, मिली अतिरिक्त जिम्मेदारी

वर्ष 1996 बैच के आईपीएस अफसर अमिताभ यश (STF Amitabh Yash ADG Law and Order) मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. यूपी के कई माफियाओं और बदमाशों पर कड़ी कार्रवाई के लिए वह चर्चित रहे हैं. अब वह एडीजी कानून व्यवस्था की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 1:35 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में माफिया राज पर लगाम लगाने और कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराने वाले तेज तर्रार 1996 बैच के आईपीएस अफसर अमिताभ यश को बड़ी जिम्मेदारी मिली है. वर्तमान में एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश को एडीजी कानून व्यवस्था का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. प्रशांत कुमार के डीजीपी बनने के बाद से ही एडीजी कानून व्यवस्था का पद खाली चल रहा था. आइए जानते है अमिताभ यश के बारे में...

IIT कर पिता की ही तरह IPS बनने का देखा सपना : वर्ष 1996 बैच के आईपीएस अफसर अमिताभ यश मूल रूप से बिहार के भोजपुर के रहने वाले हैं. अमिताभ की शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हुई. इसके अलावा उन्होंने कानपुर से IIT किया. अमिताभ यश के पिता राम यश सिंह भी आईपीएस अफसर रहे हैं. ऐसे में आईआईटी पूरा करने के बाद जहां उनके कई सहपाठियों ने इंजीनियरिंग की राह पकड़ ली, वहीं अमिताभ यश ने पिता की ही तरह आईपीएस बनने के लिए सिविल सर्विसेज की तैयारी का फैसला किया. यूपीएससी एग्जाम दिया. परीक्षा में पास हुए और वर्ष 1996 में आईपीएस अफसर बन गए. वह बतौर एसपी व एसएसपी संतकबीर नगर, महाराजगंज, हरदोई, बुलंदशहर, जालौन, सहारनपुर, नोएडा व कानपुर जैसे जिलों में तैनात रहे.

अमिताभ यश ने किया ददुआ व ठोकिया का सफाया : वर्ष 2007 में मायावती सरकार में आईपीएस अमिताभ यश को एसटीएफ का एसएसपी बनाया गया. उस दौरान बीहड़ में ददुआ गैंग का आतंक था, इसलिए अमिताभ यश ने सबसे पहले डकैतों के आतंक से निजात दिलाने के लिए बुंदेलखंड के जंगलों में डकैत ददुआ के खिलाफ अभियान चलाया और उसे मार गिराया. इतना ही नहीं अमिताभ यश की ही टीम ने डकैत ठोकिया को भी मार गिराया. आईपीएस अमिताभ यश ही है, जिन्होंने चित्रकूट के जंगलों को डकैतों से मुक्त कराया. वर्ष 2017 में उन्हें एसटीएफ आईजी और फिर 2021 में एसटीएफ के एडीजी का जिम्मा दिया गया.

अमिताभ यश ने किया विकास दुबे व अतीक गैंग का सफाया : एसटीएफ चीफ अमिताभ यश और उनकी टीम अब तक 150 से अधिक बदमाशों को ढेर कर चुकी है. यूपी में ड्रग्स तस्करी हो या पेपर लीक करवाने वाले गैंग, इन सभी अपराधियों पर अमिताभ यश ने शिकंजा कसा है. कानपुर के बिकरू कांड में आठ पुलिसकर्मियों को मारने वाले विकास दुबे और उसके साथियों पर कार्रवाई भी अमिताभ यश और उनकी टीम ने की थी. हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे कुख्यात विकास दुबे का एनकाउंटर और कांड में शामिल अन्य बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराने में अमिताभ यश का अहम रोल था. इतना ही नहीं प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के बेटे असद और अन्य आरोपियों को भी खोज-खोजकर मार गिराने में अमिताभ यश ने अहम भूमिका निभाई थी.

यह भी पढ़ें : आज यूपी में प्रवेश करेगी राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा, कांग्रेस को कितना होगा फायदा ? पढ़िए डिटेल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में माफिया राज पर लगाम लगाने और कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराने वाले तेज तर्रार 1996 बैच के आईपीएस अफसर अमिताभ यश को बड़ी जिम्मेदारी मिली है. वर्तमान में एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश को एडीजी कानून व्यवस्था का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. प्रशांत कुमार के डीजीपी बनने के बाद से ही एडीजी कानून व्यवस्था का पद खाली चल रहा था. आइए जानते है अमिताभ यश के बारे में...

IIT कर पिता की ही तरह IPS बनने का देखा सपना : वर्ष 1996 बैच के आईपीएस अफसर अमिताभ यश मूल रूप से बिहार के भोजपुर के रहने वाले हैं. अमिताभ की शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हुई. इसके अलावा उन्होंने कानपुर से IIT किया. अमिताभ यश के पिता राम यश सिंह भी आईपीएस अफसर रहे हैं. ऐसे में आईआईटी पूरा करने के बाद जहां उनके कई सहपाठियों ने इंजीनियरिंग की राह पकड़ ली, वहीं अमिताभ यश ने पिता की ही तरह आईपीएस बनने के लिए सिविल सर्विसेज की तैयारी का फैसला किया. यूपीएससी एग्जाम दिया. परीक्षा में पास हुए और वर्ष 1996 में आईपीएस अफसर बन गए. वह बतौर एसपी व एसएसपी संतकबीर नगर, महाराजगंज, हरदोई, बुलंदशहर, जालौन, सहारनपुर, नोएडा व कानपुर जैसे जिलों में तैनात रहे.

अमिताभ यश ने किया ददुआ व ठोकिया का सफाया : वर्ष 2007 में मायावती सरकार में आईपीएस अमिताभ यश को एसटीएफ का एसएसपी बनाया गया. उस दौरान बीहड़ में ददुआ गैंग का आतंक था, इसलिए अमिताभ यश ने सबसे पहले डकैतों के आतंक से निजात दिलाने के लिए बुंदेलखंड के जंगलों में डकैत ददुआ के खिलाफ अभियान चलाया और उसे मार गिराया. इतना ही नहीं अमिताभ यश की ही टीम ने डकैत ठोकिया को भी मार गिराया. आईपीएस अमिताभ यश ही है, जिन्होंने चित्रकूट के जंगलों को डकैतों से मुक्त कराया. वर्ष 2017 में उन्हें एसटीएफ आईजी और फिर 2021 में एसटीएफ के एडीजी का जिम्मा दिया गया.

अमिताभ यश ने किया विकास दुबे व अतीक गैंग का सफाया : एसटीएफ चीफ अमिताभ यश और उनकी टीम अब तक 150 से अधिक बदमाशों को ढेर कर चुकी है. यूपी में ड्रग्स तस्करी हो या पेपर लीक करवाने वाले गैंग, इन सभी अपराधियों पर अमिताभ यश ने शिकंजा कसा है. कानपुर के बिकरू कांड में आठ पुलिसकर्मियों को मारने वाले विकास दुबे और उसके साथियों पर कार्रवाई भी अमिताभ यश और उनकी टीम ने की थी. हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे कुख्यात विकास दुबे का एनकाउंटर और कांड में शामिल अन्य बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराने में अमिताभ यश का अहम रोल था. इतना ही नहीं प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के बेटे असद और अन्य आरोपियों को भी खोज-खोजकर मार गिराने में अमिताभ यश ने अहम भूमिका निभाई थी.

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