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राज्य में अब प्रॉपर्टी बेचने से पहले यूडीएच और निगम से लेना होगा पानी, बिजली व सड़क जैसी सुविधाओं का प्रमाण-पत्र - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान में अब बिल्डर्स को प्रॉपर्टी बेचने से पहले यूडीएच और निगम से एक प्रमाण-पत्र लेना होगा. इसमें बिल्डर को बताना होगा कि पानी, बिजली और सड़क जैसी सुविधाएं के साथ रहने लायक हैं या नहीं.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 2, 2024, 10:41 PM IST

जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में बिल्डरों द्वारा बेचे जाने वाली प्रॉपर्टी के मामले में एक बड़ा आदेश पारित करते हुए कहा कि पानी, बिजली, सड़क जैसी सुविधाओं का यूडीएच एवं निगम को प्रमाण पत्र देना होगा. उसके बाद ही कोई प्रॉपर्टी बेची जाएगी. मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव एवं न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास की खंडपीठ में एक आवासीय कॉलोनी के रहवासियों की याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट के निर्देशों के बावजूद बार-बार अधिकारी केवल समय ले रहे हैं. ऐसे में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई.

हाईकोर्ट ने कहा कि अब से, राज्य में विकास प्राधिकरण-यूडीएच और निगम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी बिल्डर को भवन विनियमों के तहत उस पर लगाए गए सभी दायित्वों को पूरा किए बिना भूखंड और मकान बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह केवल तभी संभव है जब विकास प्राधिकरण यह प्रमाणित करता है कि बिल्डर द्वारा विकसित कॉलोनी सभी मामलों में रहने योग्य है. यानी कि भविष्य के रहने वालों के लिए विकसित जल निकासी सुविधाएं, बिजली की सुविधाएं और पानी की सुविधाएं उपलब्ध हैं. जिसमें विनियमों के अनुसार अन्य सभी सुविधाएं शामिल हैं. तभी आवासीय स्थानों पर कब्जा करने की अनुमति होगी.

पढ़ें: जिला उपभोक्ता आयोग का आदेश: बिल्डर नई दीवार बनाए या 4.25 लाख रुपए बतौर खर्च दे

राज्य और विकास प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेंगे कि बिल्डरों द्वारा व्यक्तिगत खरीदारों के साथ धोखाधड़ी न की जाए. विकास प्राधिकरणों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे सुनिश्चित करें कि विकास योजना के अनुसार विकास हो और वर्तमान जैसी स्थिति न हो, जहां बिना जन-सुविधाओं के हजारों लोग रहने लगे हैं. सचिव, यूडीएच को न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में राज्य के सभी विकास प्राधिकरणों को आवश्यक निर्देश जारी करने का निर्देश दिया गया है.

पढ़ें: तय समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं, बिल्डर पर 1.61 लाख का लगा हर्जाना - Jaipur District Consumer Commission

दरअसल लम्बे समय से राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष सुशांत सिटी व असंल सुशांत सिटी के रहवासियों की ओर से दायर जनहित याचिका पर लगातार सुनवाई चल रही है. कोर्ट के बार-बार पेयजल उपलब्ध करवाने के निर्देश के बावजूद केवल जेडीए, निगम, पेयजल विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे थे. ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने अब सख्ती दिखाते हुए आदेश पारित किया है कि अब कोई भी डेवलपर या ​बिल्डर पानी, बिजली और सड़क समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं के बिना प्रॉपर्टी (मकान-फ्लैट) बेच नहीं पाएगा. इसके लिए यूडीएच और निगम को पहले सर्टिफिकेट जारी करना होगा कि रेजिडेंशियल कॉलोनी या सोसाइटी रहने लायक है या नहीं.

जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में बिल्डरों द्वारा बेचे जाने वाली प्रॉपर्टी के मामले में एक बड़ा आदेश पारित करते हुए कहा कि पानी, बिजली, सड़क जैसी सुविधाओं का यूडीएच एवं निगम को प्रमाण पत्र देना होगा. उसके बाद ही कोई प्रॉपर्टी बेची जाएगी. मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव एवं न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास की खंडपीठ में एक आवासीय कॉलोनी के रहवासियों की याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट के निर्देशों के बावजूद बार-बार अधिकारी केवल समय ले रहे हैं. ऐसे में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई.

हाईकोर्ट ने कहा कि अब से, राज्य में विकास प्राधिकरण-यूडीएच और निगम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी बिल्डर को भवन विनियमों के तहत उस पर लगाए गए सभी दायित्वों को पूरा किए बिना भूखंड और मकान बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह केवल तभी संभव है जब विकास प्राधिकरण यह प्रमाणित करता है कि बिल्डर द्वारा विकसित कॉलोनी सभी मामलों में रहने योग्य है. यानी कि भविष्य के रहने वालों के लिए विकसित जल निकासी सुविधाएं, बिजली की सुविधाएं और पानी की सुविधाएं उपलब्ध हैं. जिसमें विनियमों के अनुसार अन्य सभी सुविधाएं शामिल हैं. तभी आवासीय स्थानों पर कब्जा करने की अनुमति होगी.

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राज्य और विकास प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेंगे कि बिल्डरों द्वारा व्यक्तिगत खरीदारों के साथ धोखाधड़ी न की जाए. विकास प्राधिकरणों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे सुनिश्चित करें कि विकास योजना के अनुसार विकास हो और वर्तमान जैसी स्थिति न हो, जहां बिना जन-सुविधाओं के हजारों लोग रहने लगे हैं. सचिव, यूडीएच को न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में राज्य के सभी विकास प्राधिकरणों को आवश्यक निर्देश जारी करने का निर्देश दिया गया है.

पढ़ें: तय समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं, बिल्डर पर 1.61 लाख का लगा हर्जाना - Jaipur District Consumer Commission

दरअसल लम्बे समय से राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष सुशांत सिटी व असंल सुशांत सिटी के रहवासियों की ओर से दायर जनहित याचिका पर लगातार सुनवाई चल रही है. कोर्ट के बार-बार पेयजल उपलब्ध करवाने के निर्देश के बावजूद केवल जेडीए, निगम, पेयजल विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे थे. ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने अब सख्ती दिखाते हुए आदेश पारित किया है कि अब कोई भी डेवलपर या ​बिल्डर पानी, बिजली और सड़क समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं के बिना प्रॉपर्टी (मकान-फ्लैट) बेच नहीं पाएगा. इसके लिए यूडीएच और निगम को पहले सर्टिफिकेट जारी करना होगा कि रेजिडेंशियल कॉलोनी या सोसाइटी रहने लायक है या नहीं.

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