सूरजपुर : इस दुनिया में कुछ भी मुमकिन है.ऐसा कुछ भी नहीं जो मुमकिन ना हो.नामुमकिन को मुमकिन बनने में वक्त लगता है.लेकिन एक ना एक दिन असंभव सी चीज संभव हो जाती है. आपने मौत के बाद क्या किसी को वापस आते देखा या सुना है.आपका जवाब होगा बिल्कुल भी नहीं लेकिन हम जो खबर आपको बताने जा रहे हैं उसमें मौत के बाद एक शख्स वापस दुनिया में आया है. वो अकेला नहीं बल्कि ट्रैक्टर के साथ आईए जानते हैं. आखिर ये अजीब घटना कहां की है.
क्या है मामला ? सूरजपुर के लटोरी तहसील के जगतपुर गांव में एक अजीब घटना घटी है.यहां पर तहसील दफ्तर के समझदार और कर्मठ कर्मचारियों ने गजब की समझदारी का नमूना पेश किया है.ये वही लोग है जिन्होंने मुर्दे को जिंदा करने का काम किया है. तहसील दफ्तर के कर्मठ कर्मचारियों ने एक परिवार के नाम लोन अदायगी का नोटिस जारी किया. ये नोटिस जब परिवार के पास पहुंचा तो पूरे परिवार के होश उड़ गए. क्योंकि लगातार आ रहे नोटिस में परिवार को लोन अदा करने को कहा गया है.क्योंकि कागज के मुताबिक परिवार के मुखिया ने लोन से एक ट्रैक्टर लिया और वो अपना खेत जोत रहा है. यदि लोन की किस्त नहीं अदा की गई तो परिवार की संपत्ति और जमीन कुर्क कर ली जाएगी.
क्या है इस नोटिस में परेशानी ?: अब जरा असल मुद्दे में आते हैं.दरअसल जिस व्यक्ति रामरति के नाम पर ट्रैक्टर लेकर खेत जोतने का नोटिस आया है.उस व्यक्ति की सालों पहले मौत हो चुकी है. इस बात की जानकारी भी दी जा चुकी है.और तो और जिस नोटिस में रामरति को ट्रैक्टर का मालिक बताया जा रहा है,परिवार की माने तो ट्रैक्टर लेने वाले ने उसे अपना गारंटर बनाया था.लिहाजा वो ट्रैक्टर भैयाथान निवासी केवला अपने बेटे के साथ लेकर जा चुका है. यानी यहां भी परिवार के साथ धोखाधड़ी हुई.जिस ट्रैक्टर का मालिक रामरति को बनाया गया था,दरअसल उसे ये पता था कि वो सिर्फ गारंटर है.
'मेरे पति को गारंटर बनाने की बात कहकर ट्रैक्टर का मालिक बना दिया.ट्रैक्टर को कैलाराम लेकर चला गया. अब नोटिस हमारे पास आया है कि जमीन घर नीलाम कर देंगे.मेरे पास ट्रैक्टर होता तो मैं किसी भी तरह से लोन चुका देती,लेकिन ट्रैक्टर तो भैयाथान में है.मुझे जैसा ट्रैक्टर था वैसा चाहिए तो उसको बेचकर लोन चुकता कर देंगे.'- मृतक की पत्नी
'गारंटर बनाने की बात मेरे पिता से हुई थी.लेकिन ट्रैक्टर कैलाराम लेकर चला गया. पिता की मृत्यु की जानकारी तहसील ऑफिस में भी दी गई थी.इसके बाद भी नोटिस आ रहा था.बाद में सूरजपुर जाकर नोटिस रुकवाए हैं.हम लोगों को इंसाफ चाहिए.' मृतक का बेटा
इधर जनप्रतिनिधियों को जब इस बात की जानकारी हुई तो तहसीलदार और अफसरों से मिलकर सारी बात को रखा गया.जिसके बाद ये सामने आया कि जिस फाइल से ट्रैक्टर को निकाला गया था,वो फाइल ही विभाग में नहीं है.वहीं एसडीएम की माने तो यदि किसी परिवार के साथ धोखाधड़ी हुई है तो इसकी शिकायत मिलने के बाद जांच कराई जाएगी.जो भी मामले में दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी.
'पीड़ित परिवार को यदि किसी ने धोखा दिया है तो शिकायत दर्ज करा सकता है.शिकायत की जांच कराने के बाद जो भी इस मामले में दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी.'-जगन्नाथ वर्मा, एसडीएम
रामरति को जिस ट्रैक्टर का गारंटर होना था,धोखे से उसे मालिक बना दिया गया.यही नहीं ट्रैक्टर का इस्तेमाल भले ही रामरति का परिवार नहीं कर रहा हो,लेकिन लोन की रकम और नोटिस ने पूरे परिवार का जीना मुहाल कर रखा है. परिवार ने मांग की है कि जिसने भी रामरति के साथ धोखाधड़ी की है,उसे सजा मिलनी चाहिए.