प्रयागराज : पुलिस कमिश्नर कोर्ट ने अतीक अहमद गैंग के दो खास गुर्गों समेत पांच के खिलाफ वारंट जारी किया है. कोर्ट से जारी गुंडा एक्ट के नोटिस की सुनवाई पर हाजिर होने के कारण वारंट जारी कर तामील कराने का निर्देश पुलिस को दिया गया है. अतीक के करीबी रहे आसिफ उर्फ दुर्रानी और एजाज अख्तर समेत जिन पांच आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है, उनके खिलाफ अगली सुनवाई पर एन बी डब्ल्यू जारी किया जा सकता है.
2005 में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में आरोपी एजाज अख्तर और उमेश पाल अपहरण कांड के आरोपी आसिफ उर्फ दुर्रानी के खिलाफ पुलिस आयुक्त रमित शर्मा की कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया है. इससे पहले कोर्ट ने इन दोनों अपराधियों के खिलाफ गुंडा एक्ट का नोटिस भी जारी किया था. नोटिस जारी होने के बाद भी कोर्ट में पेश न होने पर अब न्यायालय की तरफ से उनके खिलाफ वारंट जारी करते हुए पुलिस से तामील करवाने को भी कहा गया है. वारंट जारी होने के बाद भी यह दोनों पेश नहीं होते तो उनके खिलाफ कोर्ट गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है. पुलिस आयुक्त कोर्ट में अतीक के दोनों गुर्गों के अलावा सचिन दुबे और असलम के अलावा सत्य प्रकाश के खिलाफ भी वारंट जारी किया गया है.
कौन हैं आसिफ उर्फ दुर्रानी और एजाज अख्तर
अतीक अहमद का खास एजाज अख्तर 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्याकांड में आरोपी है. राजूपाल की हत्या के बाद से एजाज अख्तर का नाम जुर्म की दुनिया मे तेजी से आगे बढ़ा और वह माफिया अतीक अहमद का खास बन गया था. इसी तरह से राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण कांड में आसिफ उर्फ दुर्रानी का नाम सामने आया था. आसिफ अतीक के खास शूटरों में शामिल था. इन दोनों शातिर अपराधी के खिलाफ प्रयागराज के अलग अलग थानों में कई संगीन अपराधों में मुक़दमें दर्ज हैं. आसिफ उर्फ दुर्रानी पर जहां 17 केस दर्ज हैं, वहीं एजाज अख्तर के खिलाफ भी तमाम मुक़दमे दर्ज हैं. इससे पहले आसिफ दुर्रानी के घर में डेयरी की आड़ में चलने वाला स्लाटर हाउस पकड़ा गया था. साथ ही 2021 में प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने आसिफ उर्फ दुर्रानी के अवैध आलीशान करोड़ों की कीमत से बने मकान को ध्वस्त करने की कार्यवाई भी कर चुका है.
गुंडा एक्ट की कार्रवाई के लिए फाइल सालों से पेंडिंग
अतीक अहमद के गैंग से जुड़े आसिफ उर्फ दुर्रानी और एजाज अख्तर के खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज हैं. उनके खिलाफ गुंडा एक्ट की फाइल सालों से पड़ी धूल खा रही थी. जिसका संज्ञान अब पुलिस आयुक्त कोर्ट ने लेना शुरू किया और कार्यवाई तेजी से शुरू कर दी है. जिले में गुंडा एक्ट से जुड़ी 38 सौ से अधिक फाइलें लंबित पड़ी थीं. जिसका संज्ञान लेना अब शुरू किया गया है. प्रयागराज में 14 महीने पहले पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की गई है. जिसके बाद से गुंडा एक्ट के मामलों की सुनवाई जिला मजिस्ट्रेट की जगह पुलिस आयुक्त करने लगे हैं. पुलिस आयुक्त की कोर्ट नियमित रूप से बैठने लगी तो सालों से पेंडिंग गुंडा एक्ट के मामलों की सुनवाई में तेजी आई है. इसी कड़ी में गुरुवार को पुलिस आयुक्त रमित शर्मा की कोर्ट ने अतीक अहमद गैंग के गुर्गों समेत 5 बदमाशों के खिलाफ वारंट जारी किया है. इसी तरह से एक साल से कम समय मे सालों से पेंडिंग पड़े सौ से अधिक गुंडा एक्ट की फाइलों के आरोपियों के खिलाफ जिला बदर, थाने में हाजिरी और नोटिस वापसी की कार्यवाई करते हुए निस्तारण किया जा चुका है.