लातेहारः जिले के नेतरहाट की पहचान सिर्फ यहां की खूबसूरत वादियां ही नहीं, बल्कि यहां होने वाली नाशपाती की बागवानी भी है. नेतरहाट में सैकड़ों एकड़ में सरकारी और ग्रामीणों के स्तर से नाशपाती के पेड़ लगाए गए हैं. यहां की नाशपाती देश के कोने-कोने तक भेजी जाती है, जिससे यहां के लोगों को अच्छी आमदनी भी हो जाती है.
नाशपाती की बागवानी के लिए अनुकूल है नेतरहाट
दरअसल, नेतरहाट की वादियां नाशपाती की बागवानी के लिए पूरी तरह अनुकूल है. इस कारण यहां सरकारी स्तर पर जहां बड़े पैमाने पर नाशपाती के बागान लगाए गए हैं. वही नेतरहाट में रहने वाले स्थानीय लोगों के द्वारा भी अपनी-अपनी जमीन पर निजी स्तर पर भी नाशपाती के बागान लगाए गए हैं. मौसम की अनुकूलता के कारण नेतरहाट में उत्पादन होने वाले नाशपाती का स्वाद काफी स्वादिष्ट होता है. इस कारण यहां की नाशपाती की मांग देश भर में की जाती है. नेतरहाट के डंकन में कृषि विभाग के द्वारा लगभग 85 एकड़ भूमि में नाशपाती के बागान लगाए गए हैं. इसके अलावा स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा भी अपनी-अपनी जमीन पर 100 एकड़ से अधिक भूमि में नाशपाती की बागवानी की जाती है.
जून के दूसरे सप्ताह से लेकर जुलाई तक होता है नाशपाती का सीजन
नाशपाती का सीजन मुख्य रूप से जून के दूसरे सप्ताह से आरंभ होकर जुलाई के अंतिम सप्ताह तक होता है. इस दौरान नाशपाती के फल पूरी तरह तैयार हो जाते हैं. सरकारी विभाग के द्वारा लगाए गए नाशपाती के फल की तुड़ाई के लिए कृषि विभाग के द्वारा टेंडर कराया जाता है. टेंडर के बाद नाशपाती के फल की तुड़ाई होती है और उसकी बिक्री की जाती है.
नेतरहाट की नाशपाती की देशभर में है डिमांड
नेतरहाट की नाशपाती बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से लेकर तमिलनाडु तक भेजी जाती है. वहीं स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा भी अपने-अपने निजी जमीन में लगाई गई नाशपाती को झारखंड और बंगाल के विभिन्न इलाकों के व्यवसायियों को बेची जाती है. इससे यहां के ग्रामीणों को काफी अच्छी आमदनी भी हो जाती है. स्थानीय किसान सुरेंद्र की माने तो यहां की नाशपाती की मांग भारत के बड़े-बड़े शहरों में है. प्रत्येक वर्ष यहां करोड़ों रुपये की नाशपाती की खरीद-बिक्री होती है.
नेतरहाट आने वाले पर्यटक नाशपाती बागान देखने जरूर आते हैं
नेतरहाट आने वाले पर्यटक नाशपाती बागान देखना अनिवार्य रूप से आते हैं. लगभग 85 एकड़ में लगे नाशपाती बागान में पर्यटकों को फल तोड़कर खाने में कोई प्रतिबंध नहीं है. यदि कोई पर्यटक नाशपाती खरीद कर ले जाना चाहे तो उसे बागान में ही ₹20 प्रति किलो की दर से मिल जाता है. यहां के नाशपाती का स्वाद भी काफी स्वादिष्ट होता है. पर्यटक अविनाश पांडेय ने कहा कि नाशपाती बागान नाशपाती बागान जितना खूबसूरत है, उतना ही मीठा यहां के फल भी हैं.
उचित मार्केट मिलने से स्थानीय किसानों को होगा फायदा
नेतरहाट में जिस प्रकार बड़े पैमाने पर नाशपाती की खेती होती है. यदि स्थानीय लोगों के लिए भी सरकारी स्तर पर कोई उचित मार्केट की व्यवस्था हो जाए तो यहां के लोगों को काफी अच्छी आमदनी हो सकेगी.
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