नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने फर्जी बैंक खाते खुलवाकर बड़े स्तर पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह का सरगना अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है. पकड़े गए आरोपितों की पहचान सहारनपुर निवासी 35 वर्षीय जावेद राव व 27 वर्षीय जावेद और मेरठ निवासी नौबहार के रूप में हुई है. आरोपियों द्वारा अब तक 20 से अधिक लोगों से ठगी करने की जानकारी पुलिस को मिली है.
एसीपी 1 सेंट्रल दीक्षा सिंह ने बताया कि पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि गिरोह के सदस्य बेरोजगार युवकों और मजदूरों से संपर्क कर उनका बैंक में खाता खुलवा देते थे. इसके लिए पांच सौ रुपये गिरोह के सदस्य खाता धारक को पहले ही दे देते थे. खाता खुलने के बाद खाता धारकों की पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड, एटीएम पिन, पासवर्ड और खाते से लिंक सिम कार्ड शातिर अपने पास रख लेते थे.
इसके बाद आरोपी इन सारे दस्तावेजों को अलग-अलग तरीके से साइबर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को दस से 12 हजार रुपये में बेच देते थे. वहां से पैसा मिलने के बाद गिरोह के सदस्य मूल खाता धारकों को तीन से पांच हजार रुपये दोबारा दे देते थे. इस प्रकार से आरोपियों को एक खाता ठगों को बेचने से पांच से सात हजार रुपये का फायदा हो जाता था. अब तक 20 लोगों का खाता बेचने की बात आरोपियों ने कबूल की है.
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विज्ञापन देखकर सरगना से किया संपर्क: आरोपियों ने बताया कि गिरोह का सरगना दिल्ली निवासी आसिफ है. सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखने के बाद तीनों ने आसिफ से मोबाइल पर संपर्क किया था. तीनों से मुलाकात करने के लिए सरगना नोएडा आता था और सदस्यों को खाते खरीदने और बेचने का लक्ष्य देता था. अटकलें है कि नोएडा की तरह आसिफ ने अन्य शहरों में भी इसी प्रकार की ठगी करने वाले गिरोह को सक्रिय कर रखा है. पुलिस आसिफ और गिरफ्त में आए तीनों आरोपियों का आपराधिक इतिहास पता कर रही है. सभी आरोपी दसवीं से 12वीं पास हैं.