नई दिल्ली/नोएडाः नोएडा अथॉरिटी के रेजिडेंशियल डिपार्टमेंट की कर्मचारी स्कूली बच्चों की तरह खड़े नजर आए, क्योंकि यह सजा उन्हें नोएडा अथॉरिटी के CEO ने हेडमास्टर के रुप में सुनाई थी. ऐसा क्या हुआ कि नोएडा अथॉरिटी के CEO को गुस्सा आ आया और उन्होंने कर्मचारियों को 20 मिनट तक खड़े रहने की सजा सुना दी. नोएडा अथॉरिटी में कोई भी काम करवाना आसान नहीं है, बाबुओं के काम नहीं करने के कई अन्य मामले लगातार अधिकारियों तक पहुंचते हैं.
सुविधा शुल्क नहीं देने वाले आवंटियों को कोई न कोई कागजात की कमी बताकर कई चक्कर कटवाए जाते हैं. चक्कर पर चक्कर काटते रहिए और काम नहीं होता है. ऐसे ही एक मामले में रेजिडेंशियल डिपार्टमेंट के कर्मचारियों ने एक बुजुर्ग आवंटी का काम नहीं किया और बहुत देर तक खड़ा रखा. CCTV कैमरों से देख रहे नोएडा प्राधिकरण के CEO को यह बात नागवार गुजरी. CEO ने मौके पर पहुंच विभाग के कर्मचारियों को 20 मिनट तक खड़े रहने की सजा सुनाई.
विभाग में हर जगे कैमरे: नोएडा प्राधिकरण में 65 से अधिक कैमरे लगे हैं. ये कैमरे हर विभाग के अलावा आने-जाने वाले रास्तों पर भी लगे हुए हैं. इन कैमरों का कंट्रोल रूम का सेटअप प्राधिकरण के CEO के कमरे में है. इसके जरिए वह प्राधिकरण के अलग-अलग विभाग पर नजर रखते हैं. रोजाना की तरह CEO सोमवार को भी कैमरों के जरिए प्राधिकरण का हाल देख रहे थे. उनकी रेजिडेंशियल डिपार्टमेंट पर नजर गई तो देखा एक बुजुर्ग सरदार एक महिला बाबू के सामने काम के संबंध में खड़े हैं. CEO ने अपने कर्मचारियों से विभाग में संदेश भेजा कि इनका काम कर दिया? अगर नहीं हो सकता है तो अनावश्यक रूप से खड़ा न रखा जाए.
CEO ने कर्मचारियों को लगाई फटकार: CEO के संदेश के बावजूद जब करीब 15-20 मिनट बाद CEO की नजर फिर से उसी विभाग पर गई तो सामने आया कि बुजुर्ग आवंटी वहीं खड़े थे. इससे गुस्साए CEO करीब साढ़े ग्यारह बजे खुद ही विभाग में जा पहुंचे. उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों-कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई. विभाग में काम कर रहे सभी बाबुओं को करीब 20 मिनट तक खड़े रहने की सजा दी. CEO के आदेश की वजह से सभी बाबू तय समय तक अपनी सीट पर खड़े रहे.
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