कानपुर: यूपी के कानपुर को एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. इस शहर की सबसे बड़ी समस्या जाम है. इस समस्या से निपटने के लिए यातायात विभाग के द्वारा लगातार कवायद की जा रही है. शहर की यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाने के साथ ही चौराहों को जाम से मुक्त करने के लिए यातायात विभाग के द्वारा एक नई व्यवस्था की शुरू की गई है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर के 6 प्रमुख चौराहों से 50 मीटर दूरी पर स्टॉप बनाए जाएंगे.
ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत में एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह ने बताया कि शहर के ऐसे महत्वपूर्ण चौराहे जहां पर जाम की स्थिति अक्सर बनी रहती है और ट्रैफिक लोड भी ज्यादा रहता है, उनको चिह्नित किया गया है. इन चौराहों पर अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा और चौराहे पर जो ऑटो, ई-रिक्शा विक्रम, ई-बसें अक्सर अव्यवस्थित ढंग से खड़ी होती हैं, उन्हें वहां से हटाया जाएगा. इसके साथ ही 50 मीटर दूर उनके लिए एक स्टॉपेज बनाया जाएगा. ऐसे में कहीं न कहीं जो चौराहों पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है वह खत्म हो सकेगी.
30 चौराहों को किया गया चिह्नित, 6 पर लागू हुई व्यवस्था: एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह ने बताया कि, शहर के 30 प्रमुख चौराहों को चिह्नित किया गया है. इनमें से अभी इस व्यवस्था को 6 चौराहों पर लागू किया गया है. इनमें रामादेवी, टाटमील, फजलगंज, नौबस्ता विजयनगर, बर्रा शामिल है, जहां पर ऑटो, टेंपो, ई-रिक्शा को करीब 50 मीटर की दूरी पर खड़ा कराया जा रहा है.
ट्रिप्लिंग पर होगी सख्त कार्रवाई: इसके बाद भी अगर कोई वाहन इन चौराहों पर बेवजह खड़ा या सवारी भरता हुआ दिखाई देगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं विपरीत दिशा और बाइक पर तीन सवारी चलने वालों के खिलाफ भी यातायात विभाग के द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी. खास तौर पर दो पहिया वाहन पर जो तीन सवारी बैठकर फर्राटा भरते हुए नजर आते हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी.
जाम से मिलेगी निजात: एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह ने बताया कि जिन चौराहों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चिह्नित किया गया है, उन पर लगातार यातायात विभाग व स्थानीय थाने की पुलिस निगरानी कर रही है. चौराहों पर जाम न लगे और इस समस्या से लोगों को निजात मिल सके, इस दिशा में यातायात विभाग लगातार काम कर रहा है. इसके बावजूद भी अगर जो भी लोग चौराहे पर बेवजह वाहन को खड़ा कर कर रहे हैं या फिर ठेला लगाकर जाम की स्थिति पैदा कर रहे हैं, उनका चालान किया जा रहा है. हमें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही हम शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर कर सकेंगे.
क्या है पायलट प्रोजेक्ट: कई बार आप जब चौराहा से गुजरते होंगे तो आपने देखा होगा कि कुछ वाहनों के अव्यवस्थित ढंग से खड़े हो जाने के कारण जाम की स्थिति बन जाती है जिस वजह से लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऐसे वाहनों की खड़े होने के लिए चौराहा से कुछ दूरी पर एक स्टॉप बनाया जाता है, जहां पर वह अपने वाहनों को व्यवस्थित ढंग से खड़ा करके सवारियों को बैठा सकते हैं.
साथ ही जो चौराहों पर अतिक्रमण को भी खत्म किया जाता है. एक तरह से अगर कहें तो चौराहे से 50 मीटर की दूरी तक किसी भी वाहन को रुकने या खड़े होने की अनुमति नहीं होती है. शहर के लोगों को अब जाम से निजात दिलाने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. फिलहाल 6 चौराहों पर इस व्यवस्था को लागू किया गया है. अगर यह योजना सफल रहती है तो शहर के सभी बड़े चौराहों पर भी इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा.
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