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मोदी सरकार 3.0 में एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं, RJD ने BJP-JDU को घेरा - Modi Cabinet

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 10, 2024, 5:37 PM IST

NDA Government नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनी एनडीए सरकार के 71 सदस्यीय मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम चेहरा शामिल नहीं किया गया है. इस निर्णय ने बिहार में सियासी बहस को जन्म दे दिया है. आरजेडी ने मोदी सरकार पर मुस्लिम समुदाय की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. वहीं, बीजेपी और जदयू ने अपनी-अपनी सफाई पेश की है. पढ़ें, विस्तार से.

एनडीए सरकार
एनडीए सरकार (ETV Bharat)
मुस्लिम प्रतिनिधित्व पर विवाद. (ETV Bharat)

पटनाः केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रविवार 9 जून को एनडीए सरकार का गठन हुआ. पीएम के अलावा 71 मंत्रियों ने शपथ लिया. इस बार के मोदी मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है. इस पर बिहार में राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है. आरजेडी ने इस मुद्दे पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि पंजाब से हारने वाले को भी मंत्री बनाया गया है, लेकिन 18% मुस्लिम आबादी को नजरअंदाज किया गया है. आरजेडी का कहना है कि यह कदम एनडीए के 'सबका साथ, सबका विकास' नारे के विपरीत है.

पिछले दो मोदी मंत्रिमंडल थे मुस्लिम मंत्रीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 और 2019 में जब सरकार बनायी थी तो मुस्लिम मंत्री बनाए गये थे. 2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी की सरकार बनी तो मुस्लिम चेहरे के तौर पर नजमा हेपतुल्ला को केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. 2014 में मोदी कैबिनेट का पहला विस्तार हुआ तो मुख्तार अब्बास नकवी अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद मुख्तार अब्बास नकवी मोदी कैबिनेट में फिर शामिल हुए.

बीजेपी का मुस्लिम विरोधी चेहराः राजद प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि बीजेपी का मुस्लिम विरोधी चेहरा सामने आ गया है. देश में 18% के करीब मुस्लिम है लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया है. एनडीए चाहता तो किसी को राज्यसभा से भेज कर मंत्री बनाया जा सकता था. क्योंकि रवनीत सिंह बिट्टू के चुनाव हारने के बाद पंजाब का प्रतिनिधित्व देने के लिए उन्हें मंत्री बनाया गया. उन्होंने कहा कि भाजपा में जम्मू कश्मीर से राज्यसभा के सांसद हैं उन्हें मंत्री बनाया जा सकता था. जदयू की ओर इशारा करते हुए एजाज अहमद ने कहा कि मुसलमान के लिए बहुत काम करने का दावा किया जाता है, लेकिन असली चेहरा उनका भी सामने आ गया.

"अभी मंत्रिमंडल का आगे भी विस्तार होगा और उसमें मौका मिल सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं और इसलिए सबके लिए काम होता है. राजद के लोग जो अभी आरोप लग रहे हैं जब लालू प्रसाद यादव जेल गए थे तो क्यों नहीं अब्दुल बारी सिद्दीकी को मुख्यमंत्री बना दिया था. तब उन्होंने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था."- राकेश कुमार सिंह, भाजपा प्रवक्ता

नीतीश कुमार करेंगे पहलः जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और विधान परिषद के पूर्व उप सभापति सलीम परवेज का कहना है कि हम लोगों को भी अफसोस है केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है. आगे मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और हम लोगों को पूरी उम्मीद है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में पहल करेंगे. किसी को राज्यसभा से भेज कर उसे मौका दिया जाएगा. सलीम परवेज का यह भी कहना है कि हम लोगों ने तो उम्मीदवार भी मुस्लिम दिया था लेकिन जीत नहीं पाए. हम लोग तो लाचार हैं. लेकिन आगे मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और उसमें मौका मिल सकता है.

विपक्ष के लिए बन सकता है बड़ा मुद्दाः एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल में मुस्लिम चेहरा न होना, विशेषकर बिहार जैसे राज्य में जहां मुस्लिम आबादी का प्रतिशत महत्वपूर्ण है, एक गंभीर मुद्दा बन सकता है. आरजेडी और अन्य विपक्षी दल इसे भुनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि अगले साल विधानसभा का चुनाव है. विपक्ष की तरफ से मुस्लिम वोट बैंक को पूरी तरह से अपने साथ जोड़ने की कोशिश होगी और इसका सीधा नुकसान बीजेपी के साथ जो प्रमुख सहयोगी हैं जदयू को हो सकता है. विधानसभा चुनाव 2020 में भी जदयू का एक भी मुस्लिम कैंडिडेट चुनाव नहीं जीत पाया था. लोकसभा चुनाव में भी किशनगंज से जदयू ने मुस्लिम उम्मीदवार दिया था लेकिन वो चुनाव हार गए.

इसे भी पढ़ेंः मिशन 2024 के लिए सीमांचल भाजपा के लिए बड़ी चुनौती, बैटल फील्ड में अमित शाह का क्या होगा एक्शन प्लान

इसे भी पढ़ेंः इन 7 प्वाइंट से समझिए नीतीश कुमार दिल्ली से लेकर बिहार तक क्यों बने हैं किंग मेकर, आप कहेंगे वाकई में किस्मत के धनी हैं - Nitish Kumar

मुस्लिम प्रतिनिधित्व पर विवाद. (ETV Bharat)

पटनाः केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रविवार 9 जून को एनडीए सरकार का गठन हुआ. पीएम के अलावा 71 मंत्रियों ने शपथ लिया. इस बार के मोदी मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है. इस पर बिहार में राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है. आरजेडी ने इस मुद्दे पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि पंजाब से हारने वाले को भी मंत्री बनाया गया है, लेकिन 18% मुस्लिम आबादी को नजरअंदाज किया गया है. आरजेडी का कहना है कि यह कदम एनडीए के 'सबका साथ, सबका विकास' नारे के विपरीत है.

पिछले दो मोदी मंत्रिमंडल थे मुस्लिम मंत्रीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 और 2019 में जब सरकार बनायी थी तो मुस्लिम मंत्री बनाए गये थे. 2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी की सरकार बनी तो मुस्लिम चेहरे के तौर पर नजमा हेपतुल्ला को केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. 2014 में मोदी कैबिनेट का पहला विस्तार हुआ तो मुख्तार अब्बास नकवी अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद मुख्तार अब्बास नकवी मोदी कैबिनेट में फिर शामिल हुए.

बीजेपी का मुस्लिम विरोधी चेहराः राजद प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि बीजेपी का मुस्लिम विरोधी चेहरा सामने आ गया है. देश में 18% के करीब मुस्लिम है लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया है. एनडीए चाहता तो किसी को राज्यसभा से भेज कर मंत्री बनाया जा सकता था. क्योंकि रवनीत सिंह बिट्टू के चुनाव हारने के बाद पंजाब का प्रतिनिधित्व देने के लिए उन्हें मंत्री बनाया गया. उन्होंने कहा कि भाजपा में जम्मू कश्मीर से राज्यसभा के सांसद हैं उन्हें मंत्री बनाया जा सकता था. जदयू की ओर इशारा करते हुए एजाज अहमद ने कहा कि मुसलमान के लिए बहुत काम करने का दावा किया जाता है, लेकिन असली चेहरा उनका भी सामने आ गया.

"अभी मंत्रिमंडल का आगे भी विस्तार होगा और उसमें मौका मिल सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं और इसलिए सबके लिए काम होता है. राजद के लोग जो अभी आरोप लग रहे हैं जब लालू प्रसाद यादव जेल गए थे तो क्यों नहीं अब्दुल बारी सिद्दीकी को मुख्यमंत्री बना दिया था. तब उन्होंने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था."- राकेश कुमार सिंह, भाजपा प्रवक्ता

नीतीश कुमार करेंगे पहलः जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और विधान परिषद के पूर्व उप सभापति सलीम परवेज का कहना है कि हम लोगों को भी अफसोस है केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है. आगे मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और हम लोगों को पूरी उम्मीद है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में पहल करेंगे. किसी को राज्यसभा से भेज कर उसे मौका दिया जाएगा. सलीम परवेज का यह भी कहना है कि हम लोगों ने तो उम्मीदवार भी मुस्लिम दिया था लेकिन जीत नहीं पाए. हम लोग तो लाचार हैं. लेकिन आगे मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और उसमें मौका मिल सकता है.

विपक्ष के लिए बन सकता है बड़ा मुद्दाः एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल में मुस्लिम चेहरा न होना, विशेषकर बिहार जैसे राज्य में जहां मुस्लिम आबादी का प्रतिशत महत्वपूर्ण है, एक गंभीर मुद्दा बन सकता है. आरजेडी और अन्य विपक्षी दल इसे भुनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि अगले साल विधानसभा का चुनाव है. विपक्ष की तरफ से मुस्लिम वोट बैंक को पूरी तरह से अपने साथ जोड़ने की कोशिश होगी और इसका सीधा नुकसान बीजेपी के साथ जो प्रमुख सहयोगी हैं जदयू को हो सकता है. विधानसभा चुनाव 2020 में भी जदयू का एक भी मुस्लिम कैंडिडेट चुनाव नहीं जीत पाया था. लोकसभा चुनाव में भी किशनगंज से जदयू ने मुस्लिम उम्मीदवार दिया था लेकिन वो चुनाव हार गए.

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