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उच्चैन प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित, पूर्व विधायक जोगिंदर अवाना के बेटे हैं हिमांशु अवाना - No confidence motion

भरतपुर के उच्चैन पंचायत समिति के प्रधान हिमांशु अवाना के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. सोमवार को उच्चैन पंचायत समिति कार्यालय परिसर में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक हुई, जिसमें 15 में से 14 सदस्य उपस्थित हुए. इनमें से 13 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और 1 सदस्य ने विरोध में मतदान किया.

उच्चैन प्रधान हिमांशु अवाना
उच्चैन प्रधान हिमांशु अवाना (ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 12, 2024, 10:03 PM IST

भरतपुर : जिले की उच्चैन पंचायत समिति के प्रधान हिमांशु अवाना के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए हुई बैठक में मौजूद 14 में से 13 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और एक ने विरोध में मतदान किया. इसी के साथ अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं और प्रधान की दौड़ में शामिल सदस्य सक्रिय हो गए हैं.

13 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में : रिटर्निंग अधिकारी राजीव शर्मा ने बताया कि करीब दो माह पूर्व पंचायत समिति सदस्यों ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्रधान अवाना के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव सौंपा था. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 अगस्त की तारीख तय की गई. रिटर्निंग अधिकारी राजीव शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को उच्चैन पंचायत समिति कार्यालय परिसर में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक हुई, जिसमें 15 में से 14 सदस्य उपस्थित हुए. इनमें से 13 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और 1 सदस्य ने विरोध में मतदान किया.

पढ़ें. दो पूर्व मंत्रियों के पुत्रों को उच्चैन व पहाड़ी पंचायत समिति प्रधान पद से किया निलंबित, लगे हैं ये आरोप

उच्चैन पंचायत समिति प्रधान अवाना के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के साथ ही क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गईं हैं. अब प्रधान पद की दौड़ में शामिल सदस्य सक्रिय हो गए हैं. प्रधान पद पाने को आतुर सदस्यों ने अन्य सदस्यों से सम्पर्क तेज कर दिया और उन्हें अपने पक्ष में करने के जतन भी शुरू कर दिए हैं. गौरतलब है कि गहलोत सरकार में देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष और नदबई के विधायक रहे जोगेन्द्र सिंह अवाना के विधानसभा चुनाव हारने के साथ ही उनके प्रधान बेटे हिमांशु अवाना की कुर्सी पर सकंट के बादल मंडराने लगे थे. हिमांशु को फरवरी 2024 में निर्माण कार्यों में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने निलम्बित कर दिया था. इसके बाद हिमांशु ने अपने निलम्बन को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां से मार्च में उन्हें राहत भी मिल गई, लेकिन सत्ता बदलाव के चलते राजनीतिक कारणों से वे अपनी कुर्सी को बचा पाने में कामयाब नहीं हो सके.

भरतपुर : जिले की उच्चैन पंचायत समिति के प्रधान हिमांशु अवाना के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए हुई बैठक में मौजूद 14 में से 13 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और एक ने विरोध में मतदान किया. इसी के साथ अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं और प्रधान की दौड़ में शामिल सदस्य सक्रिय हो गए हैं.

13 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में : रिटर्निंग अधिकारी राजीव शर्मा ने बताया कि करीब दो माह पूर्व पंचायत समिति सदस्यों ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्रधान अवाना के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव सौंपा था. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 अगस्त की तारीख तय की गई. रिटर्निंग अधिकारी राजीव शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को उच्चैन पंचायत समिति कार्यालय परिसर में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक हुई, जिसमें 15 में से 14 सदस्य उपस्थित हुए. इनमें से 13 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और 1 सदस्य ने विरोध में मतदान किया.

पढ़ें. दो पूर्व मंत्रियों के पुत्रों को उच्चैन व पहाड़ी पंचायत समिति प्रधान पद से किया निलंबित, लगे हैं ये आरोप

उच्चैन पंचायत समिति प्रधान अवाना के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के साथ ही क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गईं हैं. अब प्रधान पद की दौड़ में शामिल सदस्य सक्रिय हो गए हैं. प्रधान पद पाने को आतुर सदस्यों ने अन्य सदस्यों से सम्पर्क तेज कर दिया और उन्हें अपने पक्ष में करने के जतन भी शुरू कर दिए हैं. गौरतलब है कि गहलोत सरकार में देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष और नदबई के विधायक रहे जोगेन्द्र सिंह अवाना के विधानसभा चुनाव हारने के साथ ही उनके प्रधान बेटे हिमांशु अवाना की कुर्सी पर सकंट के बादल मंडराने लगे थे. हिमांशु को फरवरी 2024 में निर्माण कार्यों में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने निलम्बित कर दिया था. इसके बाद हिमांशु ने अपने निलम्बन को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां से मार्च में उन्हें राहत भी मिल गई, लेकिन सत्ता बदलाव के चलते राजनीतिक कारणों से वे अपनी कुर्सी को बचा पाने में कामयाब नहीं हो सके.

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