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दिल्ली: मॉनसून के दौरान वॉटरलॉगिंग से निपटने के नहीं ठोस इंतजाम, PWD ने पंपिंग मशीनों के लिए निकाले टेंडर - Waterlogging in Delhi

Waterlogging in Delhi: राजधानी दिल्ली में पहली बारिश ने व्यवस्था को आइना दिखा दिया, जिससे चारों ओर लोग परेशान दिखे. इस बीच यह बात भी सामने आई है कि दिल्ली में वॉटरलॉगिंग से निपटने के लिए प्रशासन के पास ठोस इंतजाम ही नहीं हैं. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं ..

दिल्ली में झमाझम बारिश
दिल्ली में झमाझम बारिश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 29, 2024, 5:21 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में शुक्रवार को हुई मॉनसून की पहली झमाझम बारिश ने जलभराव की भीषण समस्या पैदा कर दी. बारिश ने दिल्ली सरकार और नगर निकायों की ओर से मॉनसून से निपटने के किए गए ठोस इंतजामों के दावों की पोल खोल कर रख दी है. अब एक बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई है कि बारिश के बाद नालों में जमा होने वाली गाद और पानी को बाहर निकालने के लिए सरकार के पास पंपिंग मशीनों का ही इंतजाम नहीं है. दिल्ली सरकार का लोक निर्माण विभाग इसके लिए टेंडर निकालने की तैयारी में है. इस प्रक्रिया को पूरा होने में करीब छह माह का वक्त लग सकता है.

इससे पहले शुक्रवार को हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश के चलते पैदा हुए हालातों की समीक्षा करने के लिए, उपराज्यपाल वीके सक्सेना की आला अधिकारियों से और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्रियों की दो बैठकें हुई थीं, जिसमें कई निर्णय लिए गए थे. लेकिन खास बात यह है कि दिल्ली सरकार और नगर निकायों के पास वर्तमान में भारी बारिश से होने वाली वॉटर लॉगिंग से निपटने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं.

यह भी पढ़ें- दिल्ली का टेम्प्रेचर डाउन, अगले तीन दिन तेज बारिश का अलर्ट; 88 सालों में इस साल जून में हुई सर्वाधिक बारिश

दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर अश्वनी कुमार के मुताबिक नालों से गाद को निकालना एक सतत प्रक्रिया है. हर बारिश के बाद नालों में फिर से गाद जमा हो जाती है. वहीं, जमा पानी को बाहर निकालने के लिए पंपिंग मशीनों की जरूरत होती है. इसलिए अल्पकालीन तौर पर स्थिति से निपटने के लिए पंपिंग मशीनों को पूरी तरीके से चालू किया जाना बहुत जरूरी है.

सूत्रों के मुताबिक यह सामने आया कि शुक्रवार को हुई मीटिंग में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने एमसीडी कमिश्नर की ओर से दिए गए सुझाव पर कहा कि लोक निर्माण विभाग इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान तलाश रहा है. इसको लेकर टेंडरिंग की प्रक्रिया जारी है. इस प्रक्रिया को पूरा होने में कम से कम 6 महीने का वक्त लग सकता है. फिलहाल मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए तुरंत एक अल्पकालीन समाधान निकालने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली: जलभराव के ख‍िलाफ जनता के साथ सड़कों पर उतरे BJP के नेता, शाहदरा चौक को क‍िया जाम

उन्होंने यह भी कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से अगले पांच दिनों तक मौसम ज्यादा खराब होने और भारी बारिश होने की संभावना जताई है. इसके चलते फौरी तौर पर इंतजाम किए जाने बहुत जरूरी हैं. मुख्य सचिव ने सभी विभागों को 24x7 पूरी निगरानी और समन्वय के साथ काम करने के निर्देेश दिए है. मुख्य सचिव फिलहाल की स्थिति से निपटने के लिए स्टैटिक पंपों के अलावा मोबाइल पंपों को भी इस काम में लगाने के निर्देश दिए हैं.

दिल्ली में बारिश के दौरान हालत ज्यादा खराब न हो इसके चलते सरकार ने फैसला किया है कि अगले दो-तीन महीने के लिए दिल्ली जल बोर्ड की ओर से सभी डिविजनों में 11 रीसायक्लर्स/सुपरसकर्स मशीनों को तैनात किया जाए. वहीं नालियों और सीवर लाइनों से गाद निकालने के काम में भी दिल्ली जल बोर्ड को तेजी लाने के लिए पर्याप्त मैनपॉवर बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें- वसंत विहार में तेज बारिश से भूस्खलनः पानी के गड्ढे में गिरे तीनों मजदूरों के शव बरामद, निर्माणाधीन कंस्ट्रक्शन साइट पर सो रहे थे

नई दिल्ली: दिल्ली में शुक्रवार को हुई मॉनसून की पहली झमाझम बारिश ने जलभराव की भीषण समस्या पैदा कर दी. बारिश ने दिल्ली सरकार और नगर निकायों की ओर से मॉनसून से निपटने के किए गए ठोस इंतजामों के दावों की पोल खोल कर रख दी है. अब एक बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई है कि बारिश के बाद नालों में जमा होने वाली गाद और पानी को बाहर निकालने के लिए सरकार के पास पंपिंग मशीनों का ही इंतजाम नहीं है. दिल्ली सरकार का लोक निर्माण विभाग इसके लिए टेंडर निकालने की तैयारी में है. इस प्रक्रिया को पूरा होने में करीब छह माह का वक्त लग सकता है.

इससे पहले शुक्रवार को हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश के चलते पैदा हुए हालातों की समीक्षा करने के लिए, उपराज्यपाल वीके सक्सेना की आला अधिकारियों से और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्रियों की दो बैठकें हुई थीं, जिसमें कई निर्णय लिए गए थे. लेकिन खास बात यह है कि दिल्ली सरकार और नगर निकायों के पास वर्तमान में भारी बारिश से होने वाली वॉटर लॉगिंग से निपटने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं.

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दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर अश्वनी कुमार के मुताबिक नालों से गाद को निकालना एक सतत प्रक्रिया है. हर बारिश के बाद नालों में फिर से गाद जमा हो जाती है. वहीं, जमा पानी को बाहर निकालने के लिए पंपिंग मशीनों की जरूरत होती है. इसलिए अल्पकालीन तौर पर स्थिति से निपटने के लिए पंपिंग मशीनों को पूरी तरीके से चालू किया जाना बहुत जरूरी है.

सूत्रों के मुताबिक यह सामने आया कि शुक्रवार को हुई मीटिंग में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने एमसीडी कमिश्नर की ओर से दिए गए सुझाव पर कहा कि लोक निर्माण विभाग इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान तलाश रहा है. इसको लेकर टेंडरिंग की प्रक्रिया जारी है. इस प्रक्रिया को पूरा होने में कम से कम 6 महीने का वक्त लग सकता है. फिलहाल मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए तुरंत एक अल्पकालीन समाधान निकालने की जरूरत है.

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उन्होंने यह भी कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से अगले पांच दिनों तक मौसम ज्यादा खराब होने और भारी बारिश होने की संभावना जताई है. इसके चलते फौरी तौर पर इंतजाम किए जाने बहुत जरूरी हैं. मुख्य सचिव ने सभी विभागों को 24x7 पूरी निगरानी और समन्वय के साथ काम करने के निर्देेश दिए है. मुख्य सचिव फिलहाल की स्थिति से निपटने के लिए स्टैटिक पंपों के अलावा मोबाइल पंपों को भी इस काम में लगाने के निर्देश दिए हैं.

दिल्ली में बारिश के दौरान हालत ज्यादा खराब न हो इसके चलते सरकार ने फैसला किया है कि अगले दो-तीन महीने के लिए दिल्ली जल बोर्ड की ओर से सभी डिविजनों में 11 रीसायक्लर्स/सुपरसकर्स मशीनों को तैनात किया जाए. वहीं नालियों और सीवर लाइनों से गाद निकालने के काम में भी दिल्ली जल बोर्ड को तेजी लाने के लिए पर्याप्त मैनपॉवर बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

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