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हरियाणा के सियासी समीकरण में उलझी बीजेपी, राज्यसभा के "रण" में अब तक कोई उम्मीदवार नहीं, विपक्ष भी नहीं एकजुट - Rajya sabha Election 2024 - RAJYA SABHA ELECTION 2024

Rajya sabha Election in Haryana : राज्यसभा चुनाव के लिए बुधवार से नामांकन शुरू हो गया है. नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त है. देश के विभिन्न राज्यों की 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है. वहीं हरियाणा की एक राज्यसभा सीट कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई है, जिसके लिए पहले दिन किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया है.

No candidate came forward on the first day of nomination for Rajya Sabha elections
हरियाणा के सियासी समीकरण में उलझी बीजेपी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 14, 2024, 10:23 PM IST

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा की बात करें तो किसी के पास भी जादुई आंकड़ा दिखाई नहीं देता है. हालांकि इस चुनाव में बीजेपी सबसे मजबूत स्थिति में है, हालांकि उसको क्रॉस वोटिंग का भी फायदा मिल सकता है. वहीं विपक्ष के एकजुट न होने से भी बीजेपी को उसके उम्मीदवार की जीत दिखाई दे रही है. हालांकि विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस और जेजीपी उम्मीदवार उतारने को लेकर एक दूसरे पर राजनीतिक बयान तो दे रहे हैं, लेकिन इन दोनों दलों के किसी एक उम्मीदवार को मैदान में उतरने की उम्मीद कम ही दिखाई देती है. हालांकि जीत की उम्मीद कर रही बीजेपी ने भी अभी तक किसी चेहरे को मैदान में नहीं उतारा है.

बीजेपी किसे बनाएगी उम्मीदवार ? : बीजेपी किसे उम्मीदवार बनाएगी इसको लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में बीजेपी जिस भी उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी उसके सभी सियासी समीकरणों का पार्टी जरूर खास ख्याल रखेगी, ताकि जिसको वे राज्यसभा भेजें उसका विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को फायदा मिल सके.

चुनाव के समीकरणों का बीजेपी रखेगी ख्याल : इस वक्त बीजेपी की तरफ से खासतौर पर तीन नामों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है. उनमें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई वरिष्ठ नेता और विधायक किरण चौधरी, वहीं केंद्र में मंत्री बने पंजाब के दिग्गज नेता रवनीत बिट्टू भी लिस्ट में शामिल है. हालांकि इन सभी में से पार्टी किसी को उम्मीदवार बनाती हैं या फिर किसी नए चेहरे को मैदान में उतारती है, ये देखना दिलचस्प रहेगा.

बीजेपी करेगी सियासी गुणा भाग : अगर हम हरियाणा की सियासत से इन तीनों को जोड़कर देखें तो विधानसभा चुनाव के हिसाब से अगर पार्टी की नजर जाट वोट बैंक को पाले में लाने की प्राथमिकता रहेगी तो किरण चौधरी को पार्टी उम्मीदवार बना सकती है. हालांकि पूर्व सीएम भजन लाल के परिवार का भी हरियाणा की सियासत में अच्छा खासा दबदबा है, ऐसे में कुलदीप बिश्नोई नॉन जाट नेता के तौर पर पार्टी की पसंद बन सकते हैं. वहीं पार्टी ने भी उन्हें विधानसभा चुनाव की कमेटियों में प्रमुखता से शामिल कर उनकी अहमियत के संकेत दे दिए हैं. हरियाणा में पंजाबी वोट बैंक को साधने के लिए पार्टी के पास अभी अनिल विज के अलावा कोई और चेहरा नहीं है, ऐसे में रवनीत बिट्टू की संभावनाएं भी कम नहीं है. रवनीत बिट्टू को उनके मंत्री बनने के छह महीने में उच्च सदन का सदस्य बनाना भी पार्टी के लिए जरूरी है, ऐसे में पार्टी क्या फैसला लेगी, ये दिलचस्प रहेगा.

क्या है विधानसभा की मौजूदा स्थिति ? : अगर हम हरियाणा विधानसभा में विधायकों की मौजूदा सदस्यों के आंकड़े पर नजर डालें तो अभी 87 विधायक सदन में हैं जिनमें 41 बीजेपी, 10 जेजेपी, 29 कांग्रेस, एक इनेलो, एक हलोपा, पांच निर्दलीय विधायक हैं. हलोपा और एक निर्दलीय बीजेपी के साथ है, जिससे बीजेपी का आंकड़ा 43 हो जाता है. वहीं 3 निर्दलीय कांग्रेस के साथ हैं जिससे उसका आंकड़ा 32 हो जाता है. जबकि मुश्किल जेजेपी की दिखाई देती है, क्योंकि उसके कुछ विधायक बीजेपी और कांग्रेस के साथ खड़े हैं. वहीं राज्यसभा चुनाव में कोई भी पार्टी व्हिप जारी नहीं कर सकती. ऐसे में बीजेपी की नजर जेजेपी के बागी विधायकों पर है. आंकड़ों के हिसाब से विपक्ष अगर एकजुट होता है तो ही वो बीजेपी के उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दे पाने की स्थिति में होगा

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ये भी पढ़ें : जानिए कि फिलहाल विनेश फोगाट क्यों नहीं जा सकती राज्यसभा, क्या है टेक्निकल लोचा ?

ये भी पढ़ें : हरियाणा में राज्यसभा के "रण" के लिए नॉमिनेशन शुरू, उम्मीदवारों के नामों पर सस्पेंस बरकरार, 3 सितंबर को वोटिंग

ये भी पढ़ें : अंग्रेज़ों की दुश्मन "बुलबुल",जानिए कौन थी वो महिला जिसे ब्रिटिश हुकूमत ने दी थी फांसी ?

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा की बात करें तो किसी के पास भी जादुई आंकड़ा दिखाई नहीं देता है. हालांकि इस चुनाव में बीजेपी सबसे मजबूत स्थिति में है, हालांकि उसको क्रॉस वोटिंग का भी फायदा मिल सकता है. वहीं विपक्ष के एकजुट न होने से भी बीजेपी को उसके उम्मीदवार की जीत दिखाई दे रही है. हालांकि विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस और जेजीपी उम्मीदवार उतारने को लेकर एक दूसरे पर राजनीतिक बयान तो दे रहे हैं, लेकिन इन दोनों दलों के किसी एक उम्मीदवार को मैदान में उतरने की उम्मीद कम ही दिखाई देती है. हालांकि जीत की उम्मीद कर रही बीजेपी ने भी अभी तक किसी चेहरे को मैदान में नहीं उतारा है.

बीजेपी किसे बनाएगी उम्मीदवार ? : बीजेपी किसे उम्मीदवार बनाएगी इसको लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में बीजेपी जिस भी उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी उसके सभी सियासी समीकरणों का पार्टी जरूर खास ख्याल रखेगी, ताकि जिसको वे राज्यसभा भेजें उसका विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को फायदा मिल सके.

चुनाव के समीकरणों का बीजेपी रखेगी ख्याल : इस वक्त बीजेपी की तरफ से खासतौर पर तीन नामों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है. उनमें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई वरिष्ठ नेता और विधायक किरण चौधरी, वहीं केंद्र में मंत्री बने पंजाब के दिग्गज नेता रवनीत बिट्टू भी लिस्ट में शामिल है. हालांकि इन सभी में से पार्टी किसी को उम्मीदवार बनाती हैं या फिर किसी नए चेहरे को मैदान में उतारती है, ये देखना दिलचस्प रहेगा.

बीजेपी करेगी सियासी गुणा भाग : अगर हम हरियाणा की सियासत से इन तीनों को जोड़कर देखें तो विधानसभा चुनाव के हिसाब से अगर पार्टी की नजर जाट वोट बैंक को पाले में लाने की प्राथमिकता रहेगी तो किरण चौधरी को पार्टी उम्मीदवार बना सकती है. हालांकि पूर्व सीएम भजन लाल के परिवार का भी हरियाणा की सियासत में अच्छा खासा दबदबा है, ऐसे में कुलदीप बिश्नोई नॉन जाट नेता के तौर पर पार्टी की पसंद बन सकते हैं. वहीं पार्टी ने भी उन्हें विधानसभा चुनाव की कमेटियों में प्रमुखता से शामिल कर उनकी अहमियत के संकेत दे दिए हैं. हरियाणा में पंजाबी वोट बैंक को साधने के लिए पार्टी के पास अभी अनिल विज के अलावा कोई और चेहरा नहीं है, ऐसे में रवनीत बिट्टू की संभावनाएं भी कम नहीं है. रवनीत बिट्टू को उनके मंत्री बनने के छह महीने में उच्च सदन का सदस्य बनाना भी पार्टी के लिए जरूरी है, ऐसे में पार्टी क्या फैसला लेगी, ये दिलचस्प रहेगा.

क्या है विधानसभा की मौजूदा स्थिति ? : अगर हम हरियाणा विधानसभा में विधायकों की मौजूदा सदस्यों के आंकड़े पर नजर डालें तो अभी 87 विधायक सदन में हैं जिनमें 41 बीजेपी, 10 जेजेपी, 29 कांग्रेस, एक इनेलो, एक हलोपा, पांच निर्दलीय विधायक हैं. हलोपा और एक निर्दलीय बीजेपी के साथ है, जिससे बीजेपी का आंकड़ा 43 हो जाता है. वहीं 3 निर्दलीय कांग्रेस के साथ हैं जिससे उसका आंकड़ा 32 हो जाता है. जबकि मुश्किल जेजेपी की दिखाई देती है, क्योंकि उसके कुछ विधायक बीजेपी और कांग्रेस के साथ खड़े हैं. वहीं राज्यसभा चुनाव में कोई भी पार्टी व्हिप जारी नहीं कर सकती. ऐसे में बीजेपी की नजर जेजेपी के बागी विधायकों पर है. आंकड़ों के हिसाब से विपक्ष अगर एकजुट होता है तो ही वो बीजेपी के उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दे पाने की स्थिति में होगा

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