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शिक्षा विभाग की चेतावनी का असर नहीं! सक्षमता परीक्षा के विरोध में शिक्षक संघ 16 फरवरी को गर्दनीबाग में करेंगे प्रदर्शन

नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर के परीक्षा का फॉर्म भी नहीं भर रहे हैं. जबकि फॉर्म भरने की आखिरी तिथि 15 फरवरी ही है. तमाम शिक्षक संगठनों ने 16 फरवरी को गर्दनीबाग में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. शिक्षा विभाग ने पहले ही अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही की चेतावनी दी है. पढ़ें, विस्तार से.

शिक्षा विभाग
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 9, 2024, 4:50 PM IST

शिक्षक संघ गर्दनीबाग में प्रदर्शन करेगा.

पटना: राजधानी पटना के एग्जीबिशन रोड स्थित बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ भवन में शुक्रवार को तमाम शिक्षक संगठनों की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने की. उन्होंने कहा कि इस लोकतंत्र में जहां शिक्षकों में सबसे अधिक लोकतांत्रिक व्यवस्था होनी जरूरी है, वहीं सरकार शिक्षकों के साथ अलोकतांत्रिक व्यवहार कर रही है. सरकार के तानाशाही फैसलों के खिलाफ अब सभी शिक्षक एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे.

"16 फरवरी को प्रदेश भर के नियोजित शिक्षक लाखों की संख्या में पटना पहुंचेंगे. गर्दनीबाग में एकजुट होकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करेंगे. सरकार के अधिकारी जो तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं, उन्हें संघ कहना चाहता है कि जो करना है कर लें, लाखों शिक्षकों पर एफआईआर करना है तो कर लें, शिक्षक डरने वाले नहीं है."- नागेंद्र नाथ शर्मा, महासचिव, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ


लोकतंत्र में तानाशाही रवैया: बृजनंदन शर्मा ने कहा कि 1968 में उन लोगों ने लड़ाई लड़ी थी और कोठारी कमीशन आया था. उस समय सभी शिक्षकों को सरकारी किया गया था और सरकारी वेतनमान तय किया गया था. साल 2006 से ही वह लोग नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार बार-बार शिक्षकों के लिए छोटी-मोटी घोषणा करके इसे टालती रही है. आज अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर सरकार के अधिकारी कार्रवाई करने की बातें कर रहे हैं. सरकार के अधिकारियों को जो करना है करें अब शिक्षक इस अलोकतांत्रिक रवैया के विरोध में प्रदर्शन करेंगे.


नियोजित शिक्षकों को नीचा दिखाने का प्रयास: बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव नागेंद्र नाथ शर्मा ने कहा कि इससे पहले भी नियोजित शिक्षकों की गुणवत्ता को संदेह में रखते हुए कई परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी है. दक्षता परीक्षा भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने लिया था और सभी शिक्षक पास हुए थे. आज ऑनलाइन परीक्षा की नियोजित शिक्षकों के लिए बात सरकार कर रही है. यह नियोजित शिक्षकों को सरकार की ओर से नीचा दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. बिहार के अधिकांश शिक्षक कंप्यूटर के बारे में जानते नहीं है क्योंकि ना तो सरकार ने कंप्यूटर का कोई ट्रेनिंग उपलब्ध कराया है ना ही कभी कंप्यूटर से वह अवगत हुए हैं.

इसे भी पढ़ेंः सक्षमता परीक्षा के विरोध में प्रदर्शन करेंगे शिक्षक तो होगी कानूनी कार्रवाई, शिक्षा विभाग ने डीएम को दिये निर्देश

इसे भी पढ़ेंः 'नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है नीतीश सरकार', बोला RJD- 'शुरू करेंगे आंदोलन'

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शिक्षक संघ गर्दनीबाग में प्रदर्शन करेगा.

पटना: राजधानी पटना के एग्जीबिशन रोड स्थित बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ भवन में शुक्रवार को तमाम शिक्षक संगठनों की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने की. उन्होंने कहा कि इस लोकतंत्र में जहां शिक्षकों में सबसे अधिक लोकतांत्रिक व्यवस्था होनी जरूरी है, वहीं सरकार शिक्षकों के साथ अलोकतांत्रिक व्यवहार कर रही है. सरकार के तानाशाही फैसलों के खिलाफ अब सभी शिक्षक एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे.

"16 फरवरी को प्रदेश भर के नियोजित शिक्षक लाखों की संख्या में पटना पहुंचेंगे. गर्दनीबाग में एकजुट होकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करेंगे. सरकार के अधिकारी जो तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं, उन्हें संघ कहना चाहता है कि जो करना है कर लें, लाखों शिक्षकों पर एफआईआर करना है तो कर लें, शिक्षक डरने वाले नहीं है."- नागेंद्र नाथ शर्मा, महासचिव, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ


लोकतंत्र में तानाशाही रवैया: बृजनंदन शर्मा ने कहा कि 1968 में उन लोगों ने लड़ाई लड़ी थी और कोठारी कमीशन आया था. उस समय सभी शिक्षकों को सरकारी किया गया था और सरकारी वेतनमान तय किया गया था. साल 2006 से ही वह लोग नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार बार-बार शिक्षकों के लिए छोटी-मोटी घोषणा करके इसे टालती रही है. आज अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर सरकार के अधिकारी कार्रवाई करने की बातें कर रहे हैं. सरकार के अधिकारियों को जो करना है करें अब शिक्षक इस अलोकतांत्रिक रवैया के विरोध में प्रदर्शन करेंगे.


नियोजित शिक्षकों को नीचा दिखाने का प्रयास: बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव नागेंद्र नाथ शर्मा ने कहा कि इससे पहले भी नियोजित शिक्षकों की गुणवत्ता को संदेह में रखते हुए कई परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी है. दक्षता परीक्षा भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने लिया था और सभी शिक्षक पास हुए थे. आज ऑनलाइन परीक्षा की नियोजित शिक्षकों के लिए बात सरकार कर रही है. यह नियोजित शिक्षकों को सरकार की ओर से नीचा दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. बिहार के अधिकांश शिक्षक कंप्यूटर के बारे में जानते नहीं है क्योंकि ना तो सरकार ने कंप्यूटर का कोई ट्रेनिंग उपलब्ध कराया है ना ही कभी कंप्यूटर से वह अवगत हुए हैं.

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