पटना: नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. नियोजित शिक्षकों ने आगामी 13 फरवरी को विधानसभा सत्र के दौरान परीक्षा के विरोध में विधानसभा का घेराव करने का निर्णय लिया है. ऐसे में शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से सभी जिला के डीएम को निर्देशित किया गया है कि यदि कोई शिक्षक मंगलवार 13 फरवरी को शैक्षणिक कार्य छोड़कर विरोध प्रदर्शन करते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए.
डीएम को लिखा पत्रः माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से जारी निर्देश में डीएम को कहा गया है कि यदि आपके जिले में नियोजित शिक्षकों द्वारा किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा जाता है तो उसे IPC की धारा-141 के तहत "Unlawful Assembly" मानते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाए. साथ ही IPC की धारा-186, धारा-187 और अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने की भी कृपा की जाए.
विधानसभा घेराव का निर्णयः विभाग ने यह भी अनुरोध है कि वैसे धरना-प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय नियमावली में विहित प्रावधान के आलोक में कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई भी प्रारम्भ की जाए. गौरतलब है कि नियोजित शिक्षक परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. इसके अलावा परीक्षा के बाद ट्रांसफर पोस्टिंग का भी विरोध कर रहे हैं. नियोजित शिक्षक परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का भी विरोध कर रहे हैं. रविवार को पटना में एग्जिट होकर तमाम शिक्षक संगठन ने विरोध की रणनीति बनाई है कि 13 फरवरी को पटना में एकत्रित होना है.
सक्षमता परीक्षा का बहिष्कारः शिक्षक संगठनों ने ऐलान किया है कि 13 फरवरी को पटना पहुंचकर विधानसभा का घेराव किया जाएगा. वहीं शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि मंगलवार को स्कूल खुले हुए हैं. ऐसे में कोई शिक्षक स्कूल छोड़कर प्रदर्शन में शामिल होते हैं तो उन पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करने के साथ-साथ विभागीय कार्यवाही भी शुरू की जाएगी. फिलहाल शिक्षक संगठनों ने सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार किया है लेकिन फिर भी कई नियोजित शिक्षक फॉर्म भरना शुरू कर दिए हैं.
इसे भी पढ़ेंः 'नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है नीतीश सरकार', बोला RJD- 'शुरू करेंगे आंदोलन'
इसे भी पढ़ेंः महत्वपूर्ण खबर : अगर नियोजित शिक्षक 3 बार में पास नहीं कर पाए सक्षमता परीक्षा, तो चली जाएगी नौकरी!