नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली एनसीआर में भीषण गर्मी के कारण टायरों के फटने का सिलसिला जारी है. यही वजह है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर वाहनों के टायरों में नाइट्रोजन गैस भरी जा रही है. नाइट्रोजन गैस ठंडी होती है, जिससे टायर का प्रेशर व टेम्प्रेचर सही बना रहता है. इससे हादसों में कमी आएगी.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के परी चौक से आगरा तक यमुना एक्सप्रेसवे की शुरुआत 2012 में हुई थी. इस एक्सप्रेसवे पर शुरुआत से लेकर अब तक हादसा का आंकड़ा डरावना है. अब जहां बढ़ती गर्मी के कारण तापमान 45 के पार पहुंच चुका है. ऐसे में यमुना एक्सप्रेसवे पर टायरों के फटने के चलते होते हादसों की वजह से वाहन चालकों को ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है.
यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन जेपी समूह द्वारा किया जा रहा है. इस एक्सप्रेस वे पर 2012 से 2023 तक 7256 हादसे हुए हैं. वहीं, इन हादसों में 1237 लोग अपनी जान गवा चुके हैं जबकि 10,520 लोग घायल हुए हैं. इस एक्सप्रेसवे पर सबसे ज्यादा हादसे ड्राइवर को नींद आने की वजह से हुए हैं. वहीं, दूसरे नंबर पर ओवर स्पीड हादसों की वजह रही. तीसरे नंबर पर एक्सप्रेसवे पर टायर फटने से हादसे हुए हैं.
प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि बढ़ती गर्मी में एक्सप्रेस-वे पर टायर फटने से वर्तमान में कम हादसे हो रहे हैं. हादसों में कमी के लिए एक्सप्रेसवे पर बने तीनों टोल प्लाजा, एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर टायरों में नाइट्रोजन भराने की व्यवस्था की गई है. साथ ही टोल प्लाजा पर पानी पीने की व्यवस्था की गई है. साथ ही चालकों से कम स्पीड रखने के भी निर्देश दिए गए हैं. क्योंकि कभी-कभी अधिक घर्षण होने की वजह से भी हादसे हो जाते हैं. प्राधिकरण सीईओ ने बताया कि हादसों को रोकने के लिए सभी टोल प्लाजा एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर अनाउंसमेंट भी किया जा रहा है.
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