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निर्जला एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम, वरना लाभ की बजाय होगी हानि - Nirjala Ekadashi 2024

Nirjala Ekadashi 2024: इस साल 18 जून को निर्जला एकादशी मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भक्ति भाव से भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. वहीं, इस दिन भक्तों को कुछ चीजें भुलकर भी नहीं करना चाहिए. वरना लाभ होने की जगह हानि हो सकती है. पढ़िए पूरी खबर...

निर्जला एकादशी
निर्जला एकादशी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 15, 2024, 4:03 PM IST

Updated : Jun 15, 2024, 5:07 PM IST

कुल्लू: सनातन धर्म एकादशी का अपना विशेष महत्व है. वहीं, इन सभी एकादशी में निर्जला एकादशी काफी महत्वपूर्ण मानी गई है. इस साल 18 जून को निर्जला एकादशी का व्रत मनाया जाएगा. वहीं, इस एकादशी के दिन भक्तों के द्वारा कुछ चीजों पर खास ध्यान देने की भी आवश्यकता है. वरना उन्हें लाभ होने की बजाय हानि भी हो सकती है. निर्जला एकादशी के दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं. इन शुभ योग में शुभ कार्य करने पर व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होगी.

आचार्य आशीष शर्मा का कहना है कि निर्जला एकादशी के दिन भक्त को दान करना काफी जरूरी है. इस दिन भक्त गोदान, जल दान, छाता दान के साथ-साथ जूते चप्पल का दान भी दे सकता है. इससे उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होगी. इसके अलावा पानी के घड़े का दान करना भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है.

ऐसे में निर्जला एकादशी का जो भी भक्त व्रत कर रहे हैं, उन्हें व्रत के साथ-साथ दान भी अवश्य करना चाहिए. वहीं निर्जला एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की भी पूजा की जाती है और पीपल के पेड़ में जल चढ़ाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद भक्त पीपल के पेड़ की पूजा करें और पीपल के पेड़ को जल अवश्य चढ़ाए.

आचार्य आशीष शर्मा का कहना है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने वालों को व्रत की कथा अवश्य सुननी चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान पूजा के बाद एकादशी व्रत कथा का भी उन्हें पाठ करना चाहिए. ताकि उन्हें भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त हो सके.

वहीं, निर्जला एकादशी के दिन भक्तों को चावल और नमक नहीं खाना चाहिए. इस दिन भक्त भूलकर भी चावल और नमक का सेवन न करें. इसके अलावा एकादशी के व्रत के दिन तुलसी को भी स्पर्श नहीं करना चाहिए और तामसिक भोजन से भी भक्त को दूर रहना चाहिए. भक्त को चाहिए कि वह उस दिन जमीन पर सोए और अपने घर पर झाड़ू नहीं लगाए. साथ ही एकादशी के दिन बाल और नाखून भी बिल्कुल नहीं काटने चाहिए.

ये भी पढ़ें: निर्जला एकादशी के दिन इन राशियों के जातक करें ये उपाय, मालामाल होने के साथ खुलेंगे तरक्की के रास्ते

कुल्लू: सनातन धर्म एकादशी का अपना विशेष महत्व है. वहीं, इन सभी एकादशी में निर्जला एकादशी काफी महत्वपूर्ण मानी गई है. इस साल 18 जून को निर्जला एकादशी का व्रत मनाया जाएगा. वहीं, इस एकादशी के दिन भक्तों के द्वारा कुछ चीजों पर खास ध्यान देने की भी आवश्यकता है. वरना उन्हें लाभ होने की बजाय हानि भी हो सकती है. निर्जला एकादशी के दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं. इन शुभ योग में शुभ कार्य करने पर व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होगी.

आचार्य आशीष शर्मा का कहना है कि निर्जला एकादशी के दिन भक्त को दान करना काफी जरूरी है. इस दिन भक्त गोदान, जल दान, छाता दान के साथ-साथ जूते चप्पल का दान भी दे सकता है. इससे उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होगी. इसके अलावा पानी के घड़े का दान करना भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है.

ऐसे में निर्जला एकादशी का जो भी भक्त व्रत कर रहे हैं, उन्हें व्रत के साथ-साथ दान भी अवश्य करना चाहिए. वहीं निर्जला एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की भी पूजा की जाती है और पीपल के पेड़ में जल चढ़ाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद भक्त पीपल के पेड़ की पूजा करें और पीपल के पेड़ को जल अवश्य चढ़ाए.

आचार्य आशीष शर्मा का कहना है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने वालों को व्रत की कथा अवश्य सुननी चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान पूजा के बाद एकादशी व्रत कथा का भी उन्हें पाठ करना चाहिए. ताकि उन्हें भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त हो सके.

वहीं, निर्जला एकादशी के दिन भक्तों को चावल और नमक नहीं खाना चाहिए. इस दिन भक्त भूलकर भी चावल और नमक का सेवन न करें. इसके अलावा एकादशी के व्रत के दिन तुलसी को भी स्पर्श नहीं करना चाहिए और तामसिक भोजन से भी भक्त को दूर रहना चाहिए. भक्त को चाहिए कि वह उस दिन जमीन पर सोए और अपने घर पर झाड़ू नहीं लगाए. साथ ही एकादशी के दिन बाल और नाखून भी बिल्कुल नहीं काटने चाहिए.

ये भी पढ़ें: निर्जला एकादशी के दिन इन राशियों के जातक करें ये उपाय, मालामाल होने के साथ खुलेंगे तरक्की के रास्ते

Last Updated : Jun 15, 2024, 5:07 PM IST
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