पटना: नेपाल के राजेंद्र रेग्मी उर्फ निराहार बाबा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने के उद्देश्य से 21 दिनों के उपवास पर बैठे हैं. वर्तमान में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे लंबे समय तक निराहार रहने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के एंड्रियास मिट्टावेज के नाम है, जिन्होंने 18 दिनों तक बिना अन्न और जल के उपवास किया था. निराहार बाबा का उद्देश्य इस रिकॉर्ड को तोड़कर नया इतिहास रचना है.
कैसे बनें निराहार बाबा: निराहार बाबा ने अपने इस साहसिक कदम के बारे में बताते हुए कहा, "मुझे महाकाल और भैरव बाबा का आशीर्वाद प्राप्त है. उनके आशीर्वाद से मैं इस उपवास को सफलतापूर्वक पूरा कर पाऊंगा. मैं नेपाल के काठमांडू का रहने वाला हूं. सरकारी अस्पताल में अकाउंटेंट के पद पर काम करता था. इस दौरान मैं महाकाल, भैरव बाबा का दर्शन भी किया करता था. एक बार मेरे शरीर में दर्द हुआ और उस दर्द के बाद मेरे शरीर में कुछ ऐसी ऊर्जा मिली जिसके बाद से मुझे अन्न-जल से कोई मतलब नहीं रहता है."
निराहार बाबा का 21 दिन का उपवास: उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और एक बेटी है. जब वो घर पर जाते थे तो खाना नहीं खाते थे. उनकी पत्नी इसको लेकर काफी परेशान रहती थी. उन्होंने ऑफिस में पता लगाया तो सच सामने आया और काफी परेशान हो गए. निराहार बाबा ने कहा कि अन्न-जल त्यागना कोई नई बात नहीं है.वो नेपाल में 20 दिनों तक अन्न-जल त्याग कर रह चुके हैं. वहां के सांसद मंत्री लोगों को पत्र के माध्यम से अवगत भी कराया इसके बावजूद भी वहां की सरकार कुछ नहीं कर पाई. जिसके बाद वो इंडिया आए और यहां पर आकर 1 अगस्त से 21 दिन के उपवास पर बैठ गए हैं.
भारत के नाम दर्ज कराएंगे रिकॉर्ड: वो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. यहां पर दो कैमरे के बीच में अन्न-जल त्याग कर बैठे हैं. उन्होंने बताया कि गिनीज बुक में इंडिया का निराहार में नाम दर्ज कराने के लिए उन्होंने ये संकल्प लिया हैं. 18 दिन का ऑस्ट्रेलिया के निवासी का निराहार का रिकॉर्ड तोड़ देंगे. निराहारी बाबा ने दावा किया है कि 21 दिन ही नहीं बल्कि अगर जो लोग भी उन पर शक कर रहे हैं वह उनके साथ 30 दिन भी बैठे रहे तो वो बिना अन्न-जल के आसानी से जीवित रह सकते हैं.
बिना अन्न-जल कितने दिन जीवित रहेंगे आप: इसको लेकर डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि सामान्य व्यक्ति अगर अन्न केवल त्याग कर पानी ले रहा है तो एक महीने से डेढ़ महीने दो महीने तक मैक्सिमम जिंदा रह सकता है. पानी से शरीर को बहुत पोषक तत्व मिलते हैं. यदि कोई शख्स अन्न जल भी छोड़ रहा है तो एक सप्ताह तक जीवित रह सकता है. जल छोड़ने के बाद बहुत सारे जो सिस्टम है वह शटडाउन होने लगते हैं. किडनी का फंक्शन काम करना बंद करने लगता है.
"अन्न और जल त्याग कर एक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा एक सप्ताह तक जीवित रह सकता है. इस प्रकार के लंबे उपवास से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं. उपवास के दौरान शरीर में पोषण की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी, चक्कर आना, और अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं."-डॉ. दिवाकर तेजस्वी
एक रूम में दो कैमरे: निराहार बाबा अन्न-जल त्याग कर 21 दिनों के अनशन पर बैठे हैं. जिस रूम में बैठे हैं उस रूम में फर्श पर उनका बिस्तर लगाया गया है. वो कुछ घंटे बैठ कर गुजार रहे हैं और कुछ घंटे लेटकर. इस रूम में दो कैमरे से उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. टॉयलेट भी उसी रूम में उनके सगे संबंधी के द्वारा करवाया जा रहा है. सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग का हार्ड डिस्क गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए साक्ष के तौर पर रखा जा रहा है. अभी गिनीज बुक के कोई भी कर्मी नहीं आए हैं. बताया गया है कि 8 से 10 दिन के बीत जाने के बाद वह पटना आएंगे.
पढ़ें-इनकी मेमोरी के आगे कंप्यूटर भी फेल, 1 मिनट में बताते हैं 10 हजार वर्षों के कैलेंडर की तारीख