कोरबा : फरवरी का महीना 28 दिनों का होता है, लेकिन लीप ईयर में फरवरी में 29 दिन होते हैं.29 फरवरी की तारीख 4 साल में एक बार ही आती है. इस दिन जन्म लेने वाले बच्चों का जन्मदिन भी 4 साल बाद ही आता है.यानी यदि कोई बच्चा लीप ईयर की 29 फरवरी को पैदा हुआ हो,तो उसका अगला जन्मदिन लीप ईयर में ही आएगा. इस अनोखी तारीख में दुनिया में आए इन बच्चों और उनके माता-पिता को जन्मोत्सव के लिए चार साल का इंतजार करना पड़ता है.
लीप ईयर में 9 बच्चों का जन्म : लीप ईयर, यानि चार साल में एक बार आने वाली 29 फरवरी की खास तारीख. इस दिन कोरबा जिले के अस्पतालों में नौ बच्चों का जन्म हुआ है. कोरबा में देर रात तक गुरुवार को जन्म लेने वाले ऐसे नौ बच्चे हैं, जिन्हें चार साल बाद अपना बर्थ डे मनाने का मौका मिलेगा. इनमें स्वर्गीय बिसाहू दास महंत स्मृति जिला मेडिकल कॉलेज सह जिला चिकित्सालय में कुल 7 बच्चों का जन्म हुआ है. जबकि कोसाबाड़ी कोरबा स्थित कृष्णा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में 2 बच्चों का जन्म गुरूवार को हुआ है.
''माता पिता नहीं चाहते थे कि 29 फरवरी को बच्चे का जन्म हो. लेकिन समय नाजुक था. केस के मद्देनजर इसी दिन प्रसव कराना जरूरी था. काफी इंतजार करने के बाद हमने बच्चों को डिलीवरी करवाई.'' डॉ आदित्य सिसोदिया, स्त्री रोग विशेषज्ञ
लीप ईयर के 29 फरवरी के दिन जन्म लेने वाले बच्चों में से एक की मां मुस्कान शर्मा भी हैं. मुस्कान का परिवार शहर के गोकुलनगर में रहता है. जानकारी मिली है कि परिवार ने डॉक्टर से अनुरोध किया था कि यदि हो सके तो 29 फरवरी को डिलीवरी ना करें. लेकिन डिलीवरी का समय नजदीक होने के कारण रिस्क को देखते हुए डॉक्टर्स ने 29 तारीख को इमरजेंसी डिलीवरी कराई. परिवार अब चार साल बाद ही अपने बच्चे का जन्मदिन मना सकेगा.