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फेसलेस सेवाओं में NIC का सुस्त सर्वर बन रहा रोड़ा, ड्राइविंग लाइसेंस पर सबसे अधिक असर, आवेदक परेशान - TRANSPORT DEPARTMENT

परिवहन विभाग में एनआईसी सर्वर का सर्वर डाउन होने से बढ़ी परेशानी, काम में देरी होने की वजह से विभाग की छवि हो रही खराब

परिवहन विभाग में सर्वर डाउन.
परिवहन विभाग में सर्वर डाउन. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 27, 2024, 10:40 PM IST

लखनऊः एक तरफ परिवहन विभाग अपनी सेवाओं को फेसलेस कर रहा है. पिछले एक माह में 37 सेवाओं को फेसलेस किया जा चुका है. विभाग का दावा है कि जनता को अपने कामों के लिए आरटीओ कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, वहीं दूसरी ओर विभाग की मंशा पर एनआईसी सर्वर की सुस्ती भारी पड़ रही है. पिछले तीन दिनों से लगातार सर्वर डाउन है. इसकी वजह से ऑनलाइन सेवाएं शोपीस बनकर रह गईं हैं. आवेदक आरटीओ कार्यालयों और परिवहन विभाग मुख्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. अफसर एनआईसी को पत्र लिखकर पल्ला झड़ रहे हैं.

लाइसेंस सेवाओं पर अधिक असरः एनआईसी का सर्वर काम नहीं करने के कारण सबसे ज्यादा लाइसेंस सेवाओं पर असर पड़ा है. सोमवार से बुधवार तक सर्वर सुस्त रहा है. इसकी वजह से लखनऊ आरटीओ कार्यालय में बमुश्किल 150 से 200 लोगों का ही लाइसेंस जारी हो पाया है. इतना ही नहीं परमानेंट का भी काम अटक गया है. परिवहन विभाग में आईटी सेल की टीम बुधवार को दिन भर अपने कार्यों को करने में जुटी रही, लेकिन कोई काम नहीं हो पाया. देर शाम आईटी विभाग ने एक बार फिर सर्वर की समस्या को लेकर एनआईसी पत्र लिखा है. कहा है कि काम में देरी होने की वजह से विभाग की छवि खराब हो रही है. एनआईसी के अफसरों ने इसको दुरुस्त किये जाने की बात कही है.

एक दिन पहले 16 सेवाएं हुईं थी फेसलेसः बता दें कि परिवहन मंत्री के निर्देश पर परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने मंगलवार को भी 16 और सेवाओं को फेसलेस किया था. अब तक कुल 37 सेवाएं ऑनलाइन की जा चुकी हैं. इनमें प्रमुख रुप से लर्निंग लाइसेंस जारी होने, डुप्लीकेट लाइसेंस जारी किये जाने, डीएल पर पता संबंधी बदलाव, मोबाइल नंबर अपडेशन, फोटो व साइन बदले जाने समेत कई सेवाएं शामिल हैं. आवेदकों के सामने संकट है कि सर्वर काम नहीं कर रहा है.

भुगतान से लेकर डीएल तक अटके: सर्वर की मार ऑनलाइन सेवाओं पर पड़ी है. वीआईपी नंबर की बुकिंग के लिए जमा सिक्योरिटी मनी को वापस किये जाने का भी मामला अटक गया है. इसकी संख्या हजारों के पार पहुंच गई है. स्थिति यह है कि आईटी विभाग सर्वर की खामियों की वजह से इनका ब्योरा तक नहीं निकाल पा रहा है. सैकड़ों आवेदकों के डीएल भी नहीं जारी हो पाए हैं..लोग एक-एक महीने से आरटीओ और परिवहन विभाग मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं. जबकि, नियमानुसार एक सप्ताह के अंदर उनके पता पर डीएल पहुंच जाता है.

अधिकारियों की लापरवाही पड़ रही भारी: अफसरों की लापरवाही भी आवेदकों पर भारी पड़ रही है. लर्निंग लाइसेंस के फेसलेस किये जाने के साथ ही 50-50 फीसदी काम आरटीओ कार्यालयों को सौंपे जाने का भी प्रस्ताव दिया गया था. इस मामले को भी दबा दिया गया है. इससे आवेदकों को दिक्कत हो रही है. खासकर उन्हें जिन्हें किसी विशेष परिस्थिति में जरूरत है. फेसलेस होने से आवेदकों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. आरटीओ अफसर जिम्मेदारियों से बच रहे हैं.

एनआईसी को फिर लिखा पत्र
अपर परिवहन आयुक्त (आईटी) सुनीता वर्मा ने बताया कि सर्वर की खामियों की वजह से परिवहन विभाग को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. आवेदकों की परेशानी तो बढ़ ही रही है. तीन दिन से काम पूरी तरह प्रभावित होने के बार आईटी विभाग ने फिर से एनआईसी को चिट्ठी लिखी है. एनआईसी के वरिष्ठ निदेशक पियूष श्रीवास्तव का कहना है कि यह समस्या देश भर की है. इस संबंध में परिवहन आयुक्त ने भी बात की है.एनआईसी दिल्ली को इसकी जानकारी दी गई है. सुधार किया जा रहा है. तकनीकी समस्याओं को दूर किया गया है.

लखनऊः एक तरफ परिवहन विभाग अपनी सेवाओं को फेसलेस कर रहा है. पिछले एक माह में 37 सेवाओं को फेसलेस किया जा चुका है. विभाग का दावा है कि जनता को अपने कामों के लिए आरटीओ कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, वहीं दूसरी ओर विभाग की मंशा पर एनआईसी सर्वर की सुस्ती भारी पड़ रही है. पिछले तीन दिनों से लगातार सर्वर डाउन है. इसकी वजह से ऑनलाइन सेवाएं शोपीस बनकर रह गईं हैं. आवेदक आरटीओ कार्यालयों और परिवहन विभाग मुख्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. अफसर एनआईसी को पत्र लिखकर पल्ला झड़ रहे हैं.

लाइसेंस सेवाओं पर अधिक असरः एनआईसी का सर्वर काम नहीं करने के कारण सबसे ज्यादा लाइसेंस सेवाओं पर असर पड़ा है. सोमवार से बुधवार तक सर्वर सुस्त रहा है. इसकी वजह से लखनऊ आरटीओ कार्यालय में बमुश्किल 150 से 200 लोगों का ही लाइसेंस जारी हो पाया है. इतना ही नहीं परमानेंट का भी काम अटक गया है. परिवहन विभाग में आईटी सेल की टीम बुधवार को दिन भर अपने कार्यों को करने में जुटी रही, लेकिन कोई काम नहीं हो पाया. देर शाम आईटी विभाग ने एक बार फिर सर्वर की समस्या को लेकर एनआईसी पत्र लिखा है. कहा है कि काम में देरी होने की वजह से विभाग की छवि खराब हो रही है. एनआईसी के अफसरों ने इसको दुरुस्त किये जाने की बात कही है.

एक दिन पहले 16 सेवाएं हुईं थी फेसलेसः बता दें कि परिवहन मंत्री के निर्देश पर परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने मंगलवार को भी 16 और सेवाओं को फेसलेस किया था. अब तक कुल 37 सेवाएं ऑनलाइन की जा चुकी हैं. इनमें प्रमुख रुप से लर्निंग लाइसेंस जारी होने, डुप्लीकेट लाइसेंस जारी किये जाने, डीएल पर पता संबंधी बदलाव, मोबाइल नंबर अपडेशन, फोटो व साइन बदले जाने समेत कई सेवाएं शामिल हैं. आवेदकों के सामने संकट है कि सर्वर काम नहीं कर रहा है.

भुगतान से लेकर डीएल तक अटके: सर्वर की मार ऑनलाइन सेवाओं पर पड़ी है. वीआईपी नंबर की बुकिंग के लिए जमा सिक्योरिटी मनी को वापस किये जाने का भी मामला अटक गया है. इसकी संख्या हजारों के पार पहुंच गई है. स्थिति यह है कि आईटी विभाग सर्वर की खामियों की वजह से इनका ब्योरा तक नहीं निकाल पा रहा है. सैकड़ों आवेदकों के डीएल भी नहीं जारी हो पाए हैं..लोग एक-एक महीने से आरटीओ और परिवहन विभाग मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं. जबकि, नियमानुसार एक सप्ताह के अंदर उनके पता पर डीएल पहुंच जाता है.

अधिकारियों की लापरवाही पड़ रही भारी: अफसरों की लापरवाही भी आवेदकों पर भारी पड़ रही है. लर्निंग लाइसेंस के फेसलेस किये जाने के साथ ही 50-50 फीसदी काम आरटीओ कार्यालयों को सौंपे जाने का भी प्रस्ताव दिया गया था. इस मामले को भी दबा दिया गया है. इससे आवेदकों को दिक्कत हो रही है. खासकर उन्हें जिन्हें किसी विशेष परिस्थिति में जरूरत है. फेसलेस होने से आवेदकों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. आरटीओ अफसर जिम्मेदारियों से बच रहे हैं.

एनआईसी को फिर लिखा पत्र
अपर परिवहन आयुक्त (आईटी) सुनीता वर्मा ने बताया कि सर्वर की खामियों की वजह से परिवहन विभाग को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. आवेदकों की परेशानी तो बढ़ ही रही है. तीन दिन से काम पूरी तरह प्रभावित होने के बार आईटी विभाग ने फिर से एनआईसी को चिट्ठी लिखी है. एनआईसी के वरिष्ठ निदेशक पियूष श्रीवास्तव का कहना है कि यह समस्या देश भर की है. इस संबंध में परिवहन आयुक्त ने भी बात की है.एनआईसी दिल्ली को इसकी जानकारी दी गई है. सुधार किया जा रहा है. तकनीकी समस्याओं को दूर किया गया है.


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