लखनऊ: एबीवीपी कार्यकर्ता चंदन गुप्ता हत्यकांड में 6 साल बाद NIA कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 28 लोगों को दोषी करार दिया है. शुक्रवार को कोर्ट में सभी दोषियों को सजा सुनाई जाएगी. कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान दंगे में चंदन गुप्ता की हत्या हुई थी. इस मामले में सलीम, वसीम और नसीम को मुख्य आरोपी बनाया गया था.
बताते चलें कि 2018 के दिन गणतंत्र दिवस के मौके पर चंदन गुप्ता एबीवीपी और हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के साथ कासगंज में तिरंगा यात्रा निकाली थी. जिसकी पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी. जिले के मुस्लिम बहुल इलाके से तिरंगा यात्रा गुजरने लगी तो विरोध शुरू हो गया. इस पर दोनों ही पक्षों में बहस हो गई. बाद में ये बहस मारपीट में बदल गई. ये वारदात जिले के बड्डूनगर इलाके में हुई, जहां करीब आधे घंटे तक तिरंगा यात्रा पर पत्थरबाजी की गई. इसके बाद गोली चल गई, जो चंदन गुप्ता को जाकर लगी. घायल अवस्था में चंदन को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया.
इस घटना के बाद पूरे शहर में तनाव पसर गया. दंगे की आशंका के चलते राज्य सरकार ने पीएसी और आरएएफ को तैनात कर दिया. इस मामले में 29 लोगों को आरोपी बनाया गया था. हालात बिगड़ने से बचाने के लिए प्रशासन को पूरे जिले में इंटरनेट सेवाओं को भी ठप करना पड़ा. बाद में इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई. अब 8 साल के बाद लखनऊ कोर्ट ने मामले में अहम फैसला सुनाते हुए 28 आरोपियों को दोषी करार दे दिया है.
कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुए दंगे में चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में एनआईए कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब लखनऊ एनआईए अदालत कल सभी दोषियों को सजा सुनाएगी.
वहीं, जब इस फैसले के बाद चंदन गुप्ता के माता-पिता की आंखें छलक उठीं. चंदन के पिता सुशील गुप्ता ने कहा कि फैसला लेट आया है, लेकिन वे फैसले का स्वागत करते हैं. जिस एक आरोपी को बरी किया गया है, इसको लेकर उनके दिल में टीस है. कहा कि उसे भी सजा मिलनी चाहिए थी. वहीं चंदन की मां संगीता गुप्ता ने कहा कि लगता है उनका बेटा घर के आंगन में ही है.