जींद: स्वास्थ्य विभाग जींद के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर एनएचएम कर्मचारी सोमवार को अठारहवें दिन भी हड़ताल पर डटे रहे. सरकार के मांगों पर कोई कार्रवाई ना किए जाने और सरकार को जगाने के लिए पांच कर्मचारियों राकेश, सुरेंद्र रेढू, संदीप शर्मा, संदीप कुंडू और रमेश रेढू ने मुंडन करवाया. वहीं एनएचएम कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय से बस अड्डे तक प्रदर्शन किया और रोष व्यक्त किया.
एनएचएम कर्मचारियों की मांग
जबकि एनएचएम कर्मचारी पिछले काफी सालों से स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि एनएचएम कर्मचारियों को पक्का कर्मचारी घोषित किया जाए. सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए, सर्विस रूल के साथ कोई छेड़छाड़ ना की जाए. कैशलैस मेडिकल सुविधा दी जाए, एलटीसी, ग्रेजुएटी व एक्सग्रेशिया का लाभ दिया जाए.
कर्मचारियों को सेवा के अनुसार ईएल, स्टडी लीव, ट्यूशन फीस का लाभ दिया जाए. आयुष्मान भारत योजना के तहत सीएचओ कैडर की एसओपी को लागू किया जाए. बांड प्रथा को समाप्त करने, एनएचएम कर्मियों को ट्रांसफर सुविधा देने, 2017 से 2024 तक कर्मियों द्वारा दी गई हड़ताल अवधि का वेतन जारी करने व सेवा अवधि में गणना किए जाने की मांग की. एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सभी स्वास्थ्य सेवाओं पर असर दिखने को मिला.
यह है आंदोलन का शेडयूल
सरकार द्वारा एनएचएम कर्मचारी हरियाणा सांझा मोर्चा से बातचीत का कोई न्योता नहीं दिया है. तब तक समाधान नहीं निकलेगा जब तक बातचीत नहीं होगी. जिस पर निर्णय लिया गया है कि सरकार को अपनी बात सुनाने के लिए सोमवार को पांच-पांच पुरुष साथी सभी जिलों में मांगों के साथ सार्वजनिक मुंडन करवायेंगे. अब 13 अगस्त को कर्मचारी जिलों में सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगेंगे.
इसके अलावा 14 अगस्त को एनएचएम कर्मचारी सभी जिलों में सड़कों पर अपनी मांगो के साथ मार्च निकालेंगे. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर एनएचएम कर्मचारी जिलों में धरना स्थलों पर रक्त दान करेंगे. 16 अगस्त को कर्मचारी सभी जिलों में सड़कों पर अपनी मांगों के साथ मार्च निकालेंगे. इसके बाद भी अगर सरकार द्वारा कर्मचारियों की जायज मांगों पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो एनएचएम कर्मचारी अपनी मांगों की पूर्ति हेतु आमरण अनशन पर जाने के लिए मजबूर होंगे.
स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सभी स्वास्थ्य सेवाओं पर असर दिखने को मिला है. जिसमें लेबर रूम में डिलीवरी का कार्य, नर्सरी में नवजात शिशुओं की देखरेख का कार्य, केएमसी यूनिटए रेफरल, ट्रांसपोर्ट एम्बुलेंस सुविधा न मिलना, जन्म-मृत्यु विभाग कार्य, मेंटल हैल्थ, केंद्रीय औषधि विभाग कार्य, स्कूल हैल्थ (आरबीएसके) व आरकेएसके टीम द्वारा फील्ड में बच्चों के स्वास्थ्य जांच कार्य, एनसीडी, एनआरसी, टीबी विभाग, आयुष विभाग, एनएचएम कार्यालय, पीपी सेंटर, टीकाकरण कार्य, सभी सीएचओ और रिपोर्टिंग आदि कार्य शामिल रहे.
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