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एनएचआईडीसीएल के एमडी और ईडी ने लिया सिलक्यारा सुरंग का जायजा, हादसे के बाद से बंद है निर्माण - सिलक्यारा टनल हादसा

NHIDCL MD and ED inspected Silkyara Tunnel सिलक्यारा टनल हादसे के बाद से यहां सुरंग निर्माण बंद है. चारधाम परियोजना के लिए महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण दोबारा कब शुरू होगा, इस पर भी संशय है. इस बीच नेशनल हाईवेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) के एमडी और ईडी ने सिलक्यारा टनल का निरीक्षण किया.

NHIDCL MD
फोटो- ईटीवी भारत
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 2, 2024, 12:05 PM IST

उत्तरकाशी: चारधाम परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में सिलक्यारा की ओर से भूस्खलन वाले क्षेत्र के ट्रीटमेंट का काम शुरू करने को लेकर मंथन चल रहा है. इसी कार्य का निरीक्षण करने के लिए एनएचआईडीसीएल (National Highways & Infrastructure Development Corporation Limited) के एमडी (प्रबंध निदेशक) डॉ कृष्ण कुमार और ईडी (अधिशासी निदेशक) रितेन सिंह निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग पहुंचे. दोनों अधिकारी हेलीकॉप्टर से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर पहुंचे. जहां से सड़क मार्ग से सिलक्यारा पहुंचकर सुरंग के भूस्खलन वाले सिलक्यारा मुहाने से सुरंग का जायजा.

NHIDCL के एमडी और ईडी पहुंचे सिलक्यारा: बताया जा रहा है दोनों अधिकारी सुरंग निर्माण को लेकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग का निर्माण गत वर्ष 12 नवंबर को हुए भूस्खलन हादसे के बाद से ही बंद है. 23 जनवरी को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल को सुरंग निर्माण शुरू करने की अनुमति दी थी. जिसके बाद सुरंग में डी-वाटरिंग (पानी निकालने) के लिए सुरक्षात्मक कार्य किए गए. ऑगर मशीन से डाले गए पाइपों से एसडीआरएफ, इंजीनियरों ने अंदर जाकर सुरंग का जायजा भी लिया. इन पाइपों से 50 कट्टे रेत के भी अंदर भेजे गए. लेकिन बाद में अचानक यह काम रोक दिया गया.

सिलक्यारा टनल का निरीक्षण: यह बताया गया कि कार्यदायी संस्था के शीर्ष अधिकारी सुरंग का निरीक्षण करेंगे. उसके बाद ही दोबारा पानी निकालने के लिए काम शुरू किया जाएगा. प्रबंध निदेशक और अधिशासी निदेशक ने सिलक्यारा पहुंचकर करीब एक से डेढ़ घंटे तक सुरंग में भूस्खलन वाली जगह का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने सुरक्षात्मक कार्य की भी जानकारी ली. बाद में निर्माण कंपनी और एनएचआईडीसीएल के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. बता दें कि हादसे के बाद यहां कार्यदायी संस्था किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती है. इस कारण हर कदम फूंक-फूंककर रखा जा रहा है. उक्त अधिकारियों का ये दौरा भी सावधानी के तहत उठाया गया कदम बताया जा रहा है.

क्या कहते अधिकारी? एनएचआईडीसीएल के डायरेक्टर अंशु मनीष खलको ने कहा कि एनएचआईडीसीएल के एमडी डॉ. कृष्ण कुमार और ईडी रितेन सिंह सिलक्यारा गए. दोनों अधिकारियों ने सुरंग का निरीक्षण किया. उक्त अधिकारियों का यह दौरा एक ही दिन का है.
ये भी पढ़ें: सिलक्यारा टनल में रोका गया डी वाटरिंग कार्य, कंसलटेंट और विशेषज्ञों की सलाह के बाद दोबारा होगा शुरू
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ये भी पढ़ें: जिस पहाड़ को खोद न पाईं बड़ी-बड़ी मशीनें, सेना और मजदूरों के हाथों ने चीर दिया उसका सीना

उत्तरकाशी: चारधाम परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में सिलक्यारा की ओर से भूस्खलन वाले क्षेत्र के ट्रीटमेंट का काम शुरू करने को लेकर मंथन चल रहा है. इसी कार्य का निरीक्षण करने के लिए एनएचआईडीसीएल (National Highways & Infrastructure Development Corporation Limited) के एमडी (प्रबंध निदेशक) डॉ कृष्ण कुमार और ईडी (अधिशासी निदेशक) रितेन सिंह निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग पहुंचे. दोनों अधिकारी हेलीकॉप्टर से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर पहुंचे. जहां से सड़क मार्ग से सिलक्यारा पहुंचकर सुरंग के भूस्खलन वाले सिलक्यारा मुहाने से सुरंग का जायजा.

NHIDCL के एमडी और ईडी पहुंचे सिलक्यारा: बताया जा रहा है दोनों अधिकारी सुरंग निर्माण को लेकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग का निर्माण गत वर्ष 12 नवंबर को हुए भूस्खलन हादसे के बाद से ही बंद है. 23 जनवरी को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल को सुरंग निर्माण शुरू करने की अनुमति दी थी. जिसके बाद सुरंग में डी-वाटरिंग (पानी निकालने) के लिए सुरक्षात्मक कार्य किए गए. ऑगर मशीन से डाले गए पाइपों से एसडीआरएफ, इंजीनियरों ने अंदर जाकर सुरंग का जायजा भी लिया. इन पाइपों से 50 कट्टे रेत के भी अंदर भेजे गए. लेकिन बाद में अचानक यह काम रोक दिया गया.

सिलक्यारा टनल का निरीक्षण: यह बताया गया कि कार्यदायी संस्था के शीर्ष अधिकारी सुरंग का निरीक्षण करेंगे. उसके बाद ही दोबारा पानी निकालने के लिए काम शुरू किया जाएगा. प्रबंध निदेशक और अधिशासी निदेशक ने सिलक्यारा पहुंचकर करीब एक से डेढ़ घंटे तक सुरंग में भूस्खलन वाली जगह का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने सुरक्षात्मक कार्य की भी जानकारी ली. बाद में निर्माण कंपनी और एनएचआईडीसीएल के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. बता दें कि हादसे के बाद यहां कार्यदायी संस्था किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती है. इस कारण हर कदम फूंक-फूंककर रखा जा रहा है. उक्त अधिकारियों का ये दौरा भी सावधानी के तहत उठाया गया कदम बताया जा रहा है.

क्या कहते अधिकारी? एनएचआईडीसीएल के डायरेक्टर अंशु मनीष खलको ने कहा कि एनएचआईडीसीएल के एमडी डॉ. कृष्ण कुमार और ईडी रितेन सिंह सिलक्यारा गए. दोनों अधिकारियों ने सुरंग का निरीक्षण किया. उक्त अधिकारियों का यह दौरा एक ही दिन का है.
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