कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बरसात का मौसम शुरू हो चुका है और कई इलाकों में बरसात के चलते नालों और भूस्खलन की समस्या भी सामने आ रही है. ऐसे में बीते साल भी मंडी से लेकर मनाली तक फोरलेन किनारे कई पहाड़ियों से भूस्खलन हुआ था और इससे सड़क के साथ-साथ अन्य लोगों की संपदा को भी नुकसान पहुंचा था. इस साल इस तरह की घटना ना हो सके इसके लिए एनएचएआई द्वारा विशेष कदम उठाए जा रहे हैं.
एनएचएआई द्वारा अब जिला मंडी के पंडोह से लेकर मनाली तक पहाड़ी किनारे होने वाले भूस्खलन की जांच की जाएगी. इसके लिए तकनीकी कमेटी का गठन किया गया है और कमेटी द्वारा इस पूरे मामले की छानबीन की जाएगी कि आखिर बरसात के दिनों में फोरलेन सड़क के किनारे खड़ी पहाड़ियों से भूस्खलन किन कारणों के चलते हो रहा है.
गौरतलब है कि जिला कुल्लू के मुख्यालय के साथ लगते रामशिला के देवधार और चौकी गांव को भी पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण काफी नुकसान हुआ था. यहां पर आधा दर्जन से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए थे और लोगों को यह मकान छोड़ने पड़े थे. इसके अलावा यह फोरलेन सड़क के किनारे बड़े-बड़े डंगे भी लगाए गए थे, जिनमें दरारें आ गई और कई डंगे धंस गए थे, जिसके चलते यहां पर वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई थी. अब एनएचएआई द्वारा इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया गया है. तकनीकी कमेटी द्वारा इसकी छानबीन की जाएगी और जो भी कारण सामने आएंगे. उन पर कार्य किया जाएगा, ताकि आगामी समय में बरसात के दिनों में पहाड़ी से होने वाले भूस्खलन की घटनाओं को रोका जा सके.
एनएचएआई के रेजिडेंट इंजीनियर अशोक चौहान ने बताया कि मनाली से लेकर पंडोह तक पहाड़ी से होने वाले भूस्खलन को लेकर कमेटी द्वारा जांच की जा रही है. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर भूस्खलन को रोकने की दिशा में कार्य किया जाएगा. ताकि बरसात के मौसम में किसी प्रकार का नुकसान ना हो सके.
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