वाराणसी : करीब 23 वर्ष पुराने संवासिनी प्रकरण में कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में धरना-प्रदर्शन व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोपी कांग्रेस प्रवक्ता तथा राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के मामले में सुनवाई नहीं हो सकी. विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए अवनीश गौतम की अदालत में बुधवार को मामला सूचीबद्ध न होने से इसकी सुनवाई नहीं हो सकीं. वहीं अब 27 फ़रवरी को इसकी सुनवाई होगी.
वहीं रणदीप सिंह सुरजेवाला के अधिवक्ता संजीव वर्मा ने प्रार्थना पत्र देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया और बताया कि सुरजेवाला की गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश प्रभावी है. इस मामले में कांग्रेस नेता सुरजेवाला के खिलाफ स्थानीय अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है. सांसद सुरजेवाला की तरफ से आरोप से डिस्चार्ज किए जाने का अनुरोध स्थानीय अदालत में किया गया है. जिसके लिए केस डायरी और अन्य अभियोजन प्रपत्र की मांग की गई है.
अदालत में सुरजेवाला के हाजिर नहीं होने पर अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप नहीं बन रहा. ऐसे में अदालत ने कांग्रेस नेता सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. जिसके खिलाफ सुरजेवाला की तरफ से सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. बता दें कि वर्ष 2000 में बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं पर गिरफ्तारी के विरोध में कमिश्नरी परिसर में तोड़फोड़ और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगा था. इसमें तत्कालीन कांग्रेस युवा अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कई नेता शामिल थे.
यह भी पढ़ें : 23 साल पुराने मामले में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी