लखनऊ: यूपी की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. इसके लिए नवनिर्मित स्वास्थ्य केंद्रों में अत्याधुनिक मशीनों की स्थापना एवं पुराने अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है. यह कहना है प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का.
ये होंगे चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया, कि प्रदेश के नवनिर्मित चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गाजीपुर के मरदह, प्रतापगढ़ के जामताली, बलिया के चितवढ़ागांव एवं कानपुर देहात के मैथा में आधुनिक उपकरणों (डिजीटल एक्स-रे मशीन एवं अन्य उपकरण) को स्थापित करने के लिए 2.77 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है.
वहीं, 100 शैय्यायुक्त चिकित्सालय, सिरौली, गौसपुर (बाराबंकी) में सी आर्म मशीन स्थापित करने के लिए 18.25 लाख, और डॉ. श्यामा प्रसाद (सिविल) चिकित्सालय, लखनऊ में अल्ट्रासाउंट मशीन को क्रय कर स्थापित करने हेतु 15 लाख की वित्तीय स्वीकृति दी गई है. वहीं, जिला महिला चिकित्सालय, बाराबंकी में पैथॉलॉजी के उपकरणों को क्रय किए जाने के लिए 17.69 लाख तथा 100 शैय्यायुक्त चिकित्सालय, सोनबरसा, बलिया को उच्चीकृत किए जाने के लिए 2.10 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है.
शिशुओं की आपातकालीन देखभाल में हुआ सुधार: इसके साथ ही प्रदेश में 207 इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर्स (ईटीसी) की स्थापना की गई है. वहीं सिजेरियन डिलीवरी और नवजात शिशुओं की आपातकालीन देखभाल में भी सुधार हुआ है. टेली कंसल्टेशन सेवा ई- संजीवनी एप के माध्यम से पूरे प्रदेश में लागू की गई है. दो करोड़ से अधिक मरीज इस सेवा का लाभ ले चुके है. इस वर्ष 85 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है. डिप्टी सीएम ने जानकारी दी, कि राज्य स्वास्थय एवं कल्याण को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.
लोगों को दवा मिलना हुआ आसान: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया, कि प्रदेश में मातृ मृत्यु दर में कमी आई है.जिला स्तर पर दवा गोदामों की स्थापना से आमजन को दवाएं मिलना सुलभ हुआ है. दिमागी बुखार, जापानी इंसेफेलाइटिस अब लोगों की मृत्यु का कारण नहीं बनता. स्वास्थय प्रणाली का डिजिटलीकरण हुआ है. राज्य में 22,473 आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हैं. 43 जिलों में 403 ब्लॉकों को कवर करते हुए 204 स्वयं सहायता समूहों के नेतृत्व वाली टेक होम राशन ( टीएचआर) इकाइयां स्थापित की गई हैं.