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गिरिडीह के बच्चों को प्रतिस्‍पर्धात्‍मक परीक्षा की तैयारी करने में होगी आसानी, मंत्री ने दिया तोहफा - NEW LIBRARY FOR GIRIDIH STUDENTS

गिरिडीह के विद्यार्थियों को नायाब तोहफा मिला है. बच्चों को मंत्री ने सौगात दी है.

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गिरिडीह में पुस्तकालय का उद्घाटन करते मंत्री (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 1, 2025, 6:41 PM IST

गिरिडीह: जिले के शहरी और उससे सटे इलाकों के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे. विद्यार्थियों को प्रतिस्‍पर्धात्‍मक तैयारी के लिए पर्याप्त पुस्तकों के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी शहर के अंदर ही मिलेंगी. इसके लिए सिद्धो कान्हू सह सावित्रीबाई फुले पुस्तकालय का तोहफा गिरिडीह के विधायक सह सूबे के मंत्री सुदिव्य कुमार ने दिया है. शनिवार को पुस्तकालय का उदघाटन मंत्री ने किया. इस दौरान यहां पहुंचे विद्यार्थियों से काफी देर तक बात की.

मंत्री ने बताया कि गिरिडीह में एक केंद्रीय पुस्तकालय है जो सोना सोबरन केंद्रीय पुस्तकालय के नाम से जाना जाता है. उसका स्थल बहुत ही अच्छा है लेकिन वहां जगह की कमी है. वहां आने वाले बच्चों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में हमलोगों ने डीसी, डीडीसी समेत तमाम पदाधिकारियों के साथ विमर्श करते हुए तात्कालिक तौर पर इस भवन को लाइब्रेरी के तौर पर बनाया है.

गिरिडीह के छात्रों को नया पुस्तकालय (Etv Bharat)

पांच सौ बच्चों के बैठने की होगी व्यवस्था

सुदिव्य कुमार ने बताया कि इस लाइब्रेरी के बगल में ही एक बड़ा सेटअप बनाया जायेगा जिसमें लगभग एक साथ पांच सौ बच्चों के बैठने की व्यवस्था होगी. इसका भी निर्माण करवाया जाएगा. जब तक वह व्यवस्था नहीं होती है, तब तक यह लाइब्रेरी जिला केंद्रीय लाइब्रेरी के साथ चलेगी. बच्चों को दोनों ही जगह पढ़ने की सुविधा मिलेगी.

बच्चों के अनुसार रहेंगी पुस्तकें

मंत्री ने बच्चों से पूछा कि उन्हें किस तरह की पुस्तकें चाहिए. जानकारी लेने के बाद मंत्री ने बताया कि बच्चों ने प्रतिस्‍पर्धात्‍मक परीक्षा के लिए मैगजीन, करंट अफेयर, न्यूज पेपर इन तमाम चीजों की जरूरत बताई है. इन आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा इसे लेकर निर्देश दिये गये हैं.

उन्होंने कहा कि भविष्य में इस लाइब्रेरी के दो हिस्से होंगे एक हिस्सा सिद्धो कान्हू लाइब्रेरी का होगा और एक हिस्सा सावित्रीबाई फुले लाइब्रेरी का होगा. यहां बॉयज और गर्ल्स के लिए अलग अलग सेक्शन बनाया जाएगा और यह प्रयास रहेगा कि हमारे जो मेधावी बच्चे हैं और आर्थिक अभाव के कारण जिन चीजों की व्यवस्था नहीं कर पाते हैं, वह व्यवस्था हम उपलब्ध करा सकें, ताकि बच्चे प्रतिस्‍पर्धात्‍मक परीक्षा की तैयारी करें और अपने माता पिता के साथ-साथ जिले का भी नाम रौशन कर सकें.

उनकी हर सफलता के बाद हमलोगों के मन एक भाव रहेगा कि उनके पठन पाठन में एक ही फीसदी हमलोगों ने मदद की थी, जिसके चलते बच्चे यहां पहुंचे. इस दौरान डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, डीडीसी स्मिता कुमारी के अलावा कई पदाधिकारी भी मौजूद थे.
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मंत्री ने बताया कि गिरिडीह में एक केंद्रीय पुस्तकालय है जो सोना सोबरन केंद्रीय पुस्तकालय के नाम से जाना जाता है. उसका स्थल बहुत ही अच्छा है लेकिन वहां जगह की कमी है. वहां आने वाले बच्चों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में हमलोगों ने डीसी, डीडीसी समेत तमाम पदाधिकारियों के साथ विमर्श करते हुए तात्कालिक तौर पर इस भवन को लाइब्रेरी के तौर पर बनाया है.

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पांच सौ बच्चों के बैठने की होगी व्यवस्था

सुदिव्य कुमार ने बताया कि इस लाइब्रेरी के बगल में ही एक बड़ा सेटअप बनाया जायेगा जिसमें लगभग एक साथ पांच सौ बच्चों के बैठने की व्यवस्था होगी. इसका भी निर्माण करवाया जाएगा. जब तक वह व्यवस्था नहीं होती है, तब तक यह लाइब्रेरी जिला केंद्रीय लाइब्रेरी के साथ चलेगी. बच्चों को दोनों ही जगह पढ़ने की सुविधा मिलेगी.

बच्चों के अनुसार रहेंगी पुस्तकें

मंत्री ने बच्चों से पूछा कि उन्हें किस तरह की पुस्तकें चाहिए. जानकारी लेने के बाद मंत्री ने बताया कि बच्चों ने प्रतिस्‍पर्धात्‍मक परीक्षा के लिए मैगजीन, करंट अफेयर, न्यूज पेपर इन तमाम चीजों की जरूरत बताई है. इन आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा इसे लेकर निर्देश दिये गये हैं.

उन्होंने कहा कि भविष्य में इस लाइब्रेरी के दो हिस्से होंगे एक हिस्सा सिद्धो कान्हू लाइब्रेरी का होगा और एक हिस्सा सावित्रीबाई फुले लाइब्रेरी का होगा. यहां बॉयज और गर्ल्स के लिए अलग अलग सेक्शन बनाया जाएगा और यह प्रयास रहेगा कि हमारे जो मेधावी बच्चे हैं और आर्थिक अभाव के कारण जिन चीजों की व्यवस्था नहीं कर पाते हैं, वह व्यवस्था हम उपलब्ध करा सकें, ताकि बच्चे प्रतिस्‍पर्धात्‍मक परीक्षा की तैयारी करें और अपने माता पिता के साथ-साथ जिले का भी नाम रौशन कर सकें.

उनकी हर सफलता के बाद हमलोगों के मन एक भाव रहेगा कि उनके पठन पाठन में एक ही फीसदी हमलोगों ने मदद की थी, जिसके चलते बच्चे यहां पहुंचे. इस दौरान डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, डीडीसी स्मिता कुमारी के अलावा कई पदाधिकारी भी मौजूद थे.
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