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उम्र को दरकिनार कर 10 हजार लोगों ने दी परीक्षा, बुजुर्गों ने भी सीखा क, ख, ग, घ - unique exam in jind

New India Literacy Programme: भारत सरकार ने 2022 से पांच साल की अवधि के लिए न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम नामक एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की. जिसे उल्लास (समाज में सभी के लिए आजीवन सीखने की समझ) के नाम से जाना जाता है. योजना का प्राथमिक उद्देश्य 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वयस्कों को सशक्त बनाना है. जिन्हें खुद को शिक्षित करने का अवसर नहीं मिला है.

New India Literacy Programme
New India Literacy Programme (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 23, 2024, 10:40 AM IST

Updated : Sep 23, 2024, 11:16 AM IST

जींद: आपने ये तो सुना ही होगा की पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती. आज हम आपको उसका प्रमाण भी दे रहे हैं. जींद में उल्लास कार्यक्रम के तहत जिलेभर से दस हजार से ज्यादा लर्नर्स ने परीक्षा दी है. परीक्षा की खासियत ये है कि इसमें ज्यादातर 75 साल के बुर्जगों व महिलाओं की भागीदारी रही. हालांकि जिलेभर से 25 हजार से अधिक लर्नर्स ने परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. सफल परीक्षार्थियों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से बनियादी साक्षरता का प्रमाण पत्र दिया जाएगा.

न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम: यह परीक्षा 150 नंबर की थी . जिसमें व्यवस्क को 33 फीसदी अंक लेने की जरुरत थी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के मुताबिक, भारत सरकार ने 2022 से पांच साल की अवधि के लिए न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम नामक उल्लास नामक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की. योजना का प्राथमिक उद्देश्य 15 साल और उससे अधिक आयु के सभी व्यस्कों को सशक्त बनाना है. जिन्हें खुद को शिक्षित करने का अवसर नहीं मिला है. यह ने केवल शिक्षार्थियों को पढ़ने, लिखने और संख्यात्मक कौशल प्राप्त करने की अनुमति देता है, बल्कि आजीवन सीखने को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जीवन कौशल की समझ के साथ समृद्ध भी करता है.

लोगों को किया जा रहा है प्रोत्साहित: यह योजना स्वयंसेवा, सामाजिक जिम्मेदारी और कर्तव्य की भावना या कर्तव्यबोध को बढ़ावा देने के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है. इसके अलावा शिक्षार्थियों को दीक्षा पोर्टल के साथ-साथ उल्लस मोबाइल एप के माध्यम से एजुकेशन फॉर ऑल वर्टिकल पर क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

जींद: आपने ये तो सुना ही होगा की पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती. आज हम आपको उसका प्रमाण भी दे रहे हैं. जींद में उल्लास कार्यक्रम के तहत जिलेभर से दस हजार से ज्यादा लर्नर्स ने परीक्षा दी है. परीक्षा की खासियत ये है कि इसमें ज्यादातर 75 साल के बुर्जगों व महिलाओं की भागीदारी रही. हालांकि जिलेभर से 25 हजार से अधिक लर्नर्स ने परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. सफल परीक्षार्थियों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से बनियादी साक्षरता का प्रमाण पत्र दिया जाएगा.

न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम: यह परीक्षा 150 नंबर की थी . जिसमें व्यवस्क को 33 फीसदी अंक लेने की जरुरत थी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के मुताबिक, भारत सरकार ने 2022 से पांच साल की अवधि के लिए न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम नामक उल्लास नामक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की. योजना का प्राथमिक उद्देश्य 15 साल और उससे अधिक आयु के सभी व्यस्कों को सशक्त बनाना है. जिन्हें खुद को शिक्षित करने का अवसर नहीं मिला है. यह ने केवल शिक्षार्थियों को पढ़ने, लिखने और संख्यात्मक कौशल प्राप्त करने की अनुमति देता है, बल्कि आजीवन सीखने को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जीवन कौशल की समझ के साथ समृद्ध भी करता है.

लोगों को किया जा रहा है प्रोत्साहित: यह योजना स्वयंसेवा, सामाजिक जिम्मेदारी और कर्तव्य की भावना या कर्तव्यबोध को बढ़ावा देने के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है. इसके अलावा शिक्षार्थियों को दीक्षा पोर्टल के साथ-साथ उल्लस मोबाइल एप के माध्यम से एजुकेशन फॉर ऑल वर्टिकल पर क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

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Last Updated : Sep 23, 2024, 11:16 AM IST
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