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आज से बंद हो जाएंगे तीन तरह के बैंक खाते, तुरंत करें ये काम - NEW GUIDELINES OF RBI

देश में आज से तीन तरह के बैंक खाते बंद हो जाएंगे. इस रिपोर्ट में जानें ऐसे खातों को कैसे बचाएं.

NEW GUIDELINES OF RBI
तीन तरह के बैंक खाते बंद (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 1, 2025, 4:05 PM IST

पंचकूला: नए साल के पहले दिन देश में आज से तीन तरह के बैंक खातों को बंद कर दिया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से इस संबंध में पहले ही सूचना को सार्वजनिक कर दिया गया था. बैंकिंग सिस्‍टम को और बेहतर करने के लिए इन बैंक खातों को बंद करने का फैसला लिया गया है. आरबीआई का यह कदम बैंकिंग ट्रांजेक्‍शन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए है.

केंद्रीय बैंक ने नियमों में किया बदलाव: भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ नियम में बदलाव किए हैं, जिसका असर लाखों-करोड़ों बैंक खातों पर पड़ने वाला है. क्‍योंकि केंद्रीय बैंक तीन तरह के बैंक खाते बंद करने जा रहा है. आरबीआई के सख्त निर्देशों के अनुसार तीन तरह के बैंक खाते बंद होंगे. आइए जानते हैं कि ये कौन से बैंक अकाउंट हैं और रिजर्व बैंक इन्हें क्‍यों बंद कराना चाहता है.

डिजिटाइजेशन को मिलेगा बढ़ावा: आरबीआई ने बैंकिंग ट्रांजेक्‍शन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए यह फैसला किया है. इससे धोखाधड़ी पर लगाम लगने के साथ ही डिजिटलाइजेशन को अधिक बढ़ावा मिलेगा. विशेष तौर पर इनएक्टिव बैंक खातों में संभावित जोखिम और साइबर अपराधों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.

ये तीन तरह के अकाउंट होंगे बंद: भारतीय रिजर्व बैंक ने जिन तीन तरह के खातों को बंद करने का फैसला किया है, उनमें निष्क्रिय खाता, इनएक्टिव अकाउंट और जीरो बैलेंस अकाउंट शामिल हैं, जो आज से बंद किए जा रहे हैं.

निष्क्रिय खाता: डॉर्मेंट खाता या निष्क्रिय खाता एक तरह का ऐसा अकाउंट माना जाता है, जिसके तहत दो साल या उससे अधिक समय तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ हो. दरअसल, ये अकाउंट साइबर अपराधियों के निशाने पर रहते हैं.

इनएक्टिव अकाउंट: पिछले 12 महीनों या उससे अधिक समय तक निष्क्रिय रहने वाले अकाउंट भी बंद किए जाएंगे. इन खातों को सुरक्षित और धोखाधड़ी से बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. जिस व्यक्ति का खाता इनएक्टिव श्रेणी में आता है तो उसे बैंक से संपर्क करके एक्टिव कराया जा सकता है.

जीरो बैलेंस अकाउंट: लंबे समय तक शून्य बैलेंस बनाए रखने वाले खाते भी बंद किए जा रहे हैं. ऐसा खाता दुरुपयोग रोकने, वित्तीय जोखिम कम करने और ग्राहकों के बैंक के साथ सक्रिय संबंध बनाने के लिए किया जा रहा है.

ऐसे बचाएं अपना खाता: केवाईसी अपडेट करके बैंक खाता निष्क्रिय होने से बचाया जा सकता है. यदि आपका भी ऐसा कोई खाता है तो तुरंत बैंक से संपर्क कर KYC प्रक्रिया पूरी कर उसे निष्क्रिय होने से बचा सकते हैं. केवाईसी के लिए ऑनलाइन संपर्क की सुविधा भी है. इसके साथ ही खाते में न्‍यूनतम बैलेंस राशि जरूर बनाए रखें और ट्रांजेक्‍शन को सक्रिय रखकर आप अपने खाते को बंद होने से बचा सकते हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक की नई गाइडलाइंस:

  • 1 जनवरी 2025 से डोरमेंट, इनएक्टिव और जीरो बैलेंस अकाउंट बंद किए जाएंगे.
    फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) संबंधी नए नियमों के मुताबिक 10 हजार रुपये तक की रकम जमा करने के तीन महीने के अंदर बिना ब्याज के निकाली जा सकती है.
  • बड़े जमा के लिए, तीन महीने के अंदर बिना ब्याज के मूल राशि का 50 फीसदी या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) तक निकाला जा सकता है.
  • गंभीर बीमारी के मामले में जमाकर्ता जमा अवधि की परवाह किए बिना पूरी रकम समय से पहले निकाल सकते हैं लेकिन इस पर ब्याज नहीं दिया जाएगा.
  • गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को मैच्योरिटी पीरियड से कम से कम दो हफ्ते पहले डिपॉजिटर्स को मैच्योरिटी डिटेल देनी होगी.
  • आरबीआई नोट वापसी नियम 2009 के अनुसार कोई भी बैंक फटे, क्षतिग्रस्त, टेप लगे या कटे-फटे नोटों को बदलने या रिफंड करने से इनकार नहीं कर सकता.

इसे भी पढ़ें : 1 जनवरी से बदल जाएगा बैंक खुलने का समय, टाइमिंग चेक करके ही जाएं बैंक

पंचकूला: नए साल के पहले दिन देश में आज से तीन तरह के बैंक खातों को बंद कर दिया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से इस संबंध में पहले ही सूचना को सार्वजनिक कर दिया गया था. बैंकिंग सिस्‍टम को और बेहतर करने के लिए इन बैंक खातों को बंद करने का फैसला लिया गया है. आरबीआई का यह कदम बैंकिंग ट्रांजेक्‍शन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए है.

केंद्रीय बैंक ने नियमों में किया बदलाव: भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ नियम में बदलाव किए हैं, जिसका असर लाखों-करोड़ों बैंक खातों पर पड़ने वाला है. क्‍योंकि केंद्रीय बैंक तीन तरह के बैंक खाते बंद करने जा रहा है. आरबीआई के सख्त निर्देशों के अनुसार तीन तरह के बैंक खाते बंद होंगे. आइए जानते हैं कि ये कौन से बैंक अकाउंट हैं और रिजर्व बैंक इन्हें क्‍यों बंद कराना चाहता है.

डिजिटाइजेशन को मिलेगा बढ़ावा: आरबीआई ने बैंकिंग ट्रांजेक्‍शन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए यह फैसला किया है. इससे धोखाधड़ी पर लगाम लगने के साथ ही डिजिटलाइजेशन को अधिक बढ़ावा मिलेगा. विशेष तौर पर इनएक्टिव बैंक खातों में संभावित जोखिम और साइबर अपराधों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.

ये तीन तरह के अकाउंट होंगे बंद: भारतीय रिजर्व बैंक ने जिन तीन तरह के खातों को बंद करने का फैसला किया है, उनमें निष्क्रिय खाता, इनएक्टिव अकाउंट और जीरो बैलेंस अकाउंट शामिल हैं, जो आज से बंद किए जा रहे हैं.

निष्क्रिय खाता: डॉर्मेंट खाता या निष्क्रिय खाता एक तरह का ऐसा अकाउंट माना जाता है, जिसके तहत दो साल या उससे अधिक समय तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ हो. दरअसल, ये अकाउंट साइबर अपराधियों के निशाने पर रहते हैं.

इनएक्टिव अकाउंट: पिछले 12 महीनों या उससे अधिक समय तक निष्क्रिय रहने वाले अकाउंट भी बंद किए जाएंगे. इन खातों को सुरक्षित और धोखाधड़ी से बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. जिस व्यक्ति का खाता इनएक्टिव श्रेणी में आता है तो उसे बैंक से संपर्क करके एक्टिव कराया जा सकता है.

जीरो बैलेंस अकाउंट: लंबे समय तक शून्य बैलेंस बनाए रखने वाले खाते भी बंद किए जा रहे हैं. ऐसा खाता दुरुपयोग रोकने, वित्तीय जोखिम कम करने और ग्राहकों के बैंक के साथ सक्रिय संबंध बनाने के लिए किया जा रहा है.

ऐसे बचाएं अपना खाता: केवाईसी अपडेट करके बैंक खाता निष्क्रिय होने से बचाया जा सकता है. यदि आपका भी ऐसा कोई खाता है तो तुरंत बैंक से संपर्क कर KYC प्रक्रिया पूरी कर उसे निष्क्रिय होने से बचा सकते हैं. केवाईसी के लिए ऑनलाइन संपर्क की सुविधा भी है. इसके साथ ही खाते में न्‍यूनतम बैलेंस राशि जरूर बनाए रखें और ट्रांजेक्‍शन को सक्रिय रखकर आप अपने खाते को बंद होने से बचा सकते हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक की नई गाइडलाइंस:

  • 1 जनवरी 2025 से डोरमेंट, इनएक्टिव और जीरो बैलेंस अकाउंट बंद किए जाएंगे.
    फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) संबंधी नए नियमों के मुताबिक 10 हजार रुपये तक की रकम जमा करने के तीन महीने के अंदर बिना ब्याज के निकाली जा सकती है.
  • बड़े जमा के लिए, तीन महीने के अंदर बिना ब्याज के मूल राशि का 50 फीसदी या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) तक निकाला जा सकता है.
  • गंभीर बीमारी के मामले में जमाकर्ता जमा अवधि की परवाह किए बिना पूरी रकम समय से पहले निकाल सकते हैं लेकिन इस पर ब्याज नहीं दिया जाएगा.
  • गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को मैच्योरिटी पीरियड से कम से कम दो हफ्ते पहले डिपॉजिटर्स को मैच्योरिटी डिटेल देनी होगी.
  • आरबीआई नोट वापसी नियम 2009 के अनुसार कोई भी बैंक फटे, क्षतिग्रस्त, टेप लगे या कटे-फटे नोटों को बदलने या रिफंड करने से इनकार नहीं कर सकता.

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