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नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2024: जानिए थीम से लेकर टाइमिंग तक की पूरी डिटेल्स - इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र

New Delhi World Book Fair 2024: भरतीय राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट राष्ट्रीय राजधानी में 51वें नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है. प्रगति मैदान में 10 फरवरी से 18 फरवरी तक मेले का आयोजन होने जा रहा है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 6, 2024, 1:41 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (National Book Trust) द्वारा इस बार दिल्ली के प्रगति मैदान में 10 फरवरी से 18 फरवरी तक नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला (New Delhi World Book Fair 2024) का आयोजन होने जा रहा है. उल्लेखनीय है कि विश्व पुस्तक मेला हर साल आयोजित किया जाता है और हर वर्ष ही इसकी अलग-अलग थीम होती है. इस बार पुस्तक मेले की थीम 'बहुभाषी भारत एक जीवन परंपरा' रखी गई है. 9 दिन तक चलने वाले मेले में हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू सहित तमाम क्षेत्रीय भाषाओं की किताबें देखने को मिलेगी.

मुख्य अतिथि: इस वर्ष भारत ने सऊदी अरब को सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है. ऐसे में पाठकों को सऊदी अरब के लेखकों और साहित्यकारों से मिलने का मौका भी मिलेगा. साथ ही उनकी लिखी गई पुस्तक भी पाठकों के लिए उपलब्ध रहेंगी. हर साल की तरह इस साल भी पुस्तक मेले में दिव्यांग छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों का प्रवेश निशुल्क रहेगा. साथ ही दिव्यांग बच्चों को मुफ्त में किताबें भी. वयस्कों के लिए मेले का टिकट 20 रुपये और बच्चों के लिए 10 रुपये रहेगा. इस बार मेले का आयोजन भारत मंडपम में होगा, जो अपने आप मे खास होगा.

समय और स्थान: अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला नई दिल्ली के प्रगति मैदान में सुबह 11 बजे शुरू होगा और रात 8 बजे समाप्त होगा.

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला का विषय: विश्व पुस्तक मेला का विषय "बहुभाषी भारत, एक जीवित परंपरा" है.

कश्मीर की यात्रा नामक प्रदर्शनी होगी खास: इस बार के पुस्तक मेले में एक विशेष थीम रखी गई है. इसका नाम है कश्मीर की यात्रा. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास इंडियन काउंसिल फॉर हिस्टॉरिकल रिसर्च के साथ मिलकर यह प्रदर्शनी लगाएगा. इसमें कश्मीर की कला, संस्कृति, रहन-सहन, धर्म कर्म एवं साहित्य से रूबरू हुआ जा सकता है. मेले की दूसरी खासियत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) की वह झांकी होगी जो पहले कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनी. बाद में यह झांकी लाल किले में ओयोजित भारत पर्व में भी शामिल की गई. कुछ बदलावों के साथ यह झांकी पुस्तक मेले में भी प्रदर्शित की जाएगी.

दिव्यांग बच्चों को मुफ्त किताबें मिलेगी: मेले में एक जोन बनाया जा रहा है, यहां पर दिव्यांग बच्चों को मुफ्त किताबें मिलेगी. इसके लिए उनका पंजीकरण होना जरूरी है. मेले में एक इलस्ट्रेशन वाल भी रहेगी, जहां पर देश विदेश के कलाकार कलाकृतियां बनाएंगे. देशी विदेशी प्रकाशकों के लिए एक अलग प्लेटफार्म होगा, जहां वे कारोबार से जुड़ी बैठक कर सकेंगे. एनबीटी के अधिकारियों के अनुसार पुस्तक मेले में इस बार एक हजार से ज्यादा प्रकाशक शामिल हो रहे हैं. स्टालों की संख्या 2000 से अधिक होगी. मेले में आने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन सुप्रीम कोर्ट होगा.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (National Book Trust) द्वारा इस बार दिल्ली के प्रगति मैदान में 10 फरवरी से 18 फरवरी तक नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला (New Delhi World Book Fair 2024) का आयोजन होने जा रहा है. उल्लेखनीय है कि विश्व पुस्तक मेला हर साल आयोजित किया जाता है और हर वर्ष ही इसकी अलग-अलग थीम होती है. इस बार पुस्तक मेले की थीम 'बहुभाषी भारत एक जीवन परंपरा' रखी गई है. 9 दिन तक चलने वाले मेले में हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू सहित तमाम क्षेत्रीय भाषाओं की किताबें देखने को मिलेगी.

मुख्य अतिथि: इस वर्ष भारत ने सऊदी अरब को सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है. ऐसे में पाठकों को सऊदी अरब के लेखकों और साहित्यकारों से मिलने का मौका भी मिलेगा. साथ ही उनकी लिखी गई पुस्तक भी पाठकों के लिए उपलब्ध रहेंगी. हर साल की तरह इस साल भी पुस्तक मेले में दिव्यांग छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों का प्रवेश निशुल्क रहेगा. साथ ही दिव्यांग बच्चों को मुफ्त में किताबें भी. वयस्कों के लिए मेले का टिकट 20 रुपये और बच्चों के लिए 10 रुपये रहेगा. इस बार मेले का आयोजन भारत मंडपम में होगा, जो अपने आप मे खास होगा.

समय और स्थान: अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला नई दिल्ली के प्रगति मैदान में सुबह 11 बजे शुरू होगा और रात 8 बजे समाप्त होगा.

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला का विषय: विश्व पुस्तक मेला का विषय "बहुभाषी भारत, एक जीवित परंपरा" है.

कश्मीर की यात्रा नामक प्रदर्शनी होगी खास: इस बार के पुस्तक मेले में एक विशेष थीम रखी गई है. इसका नाम है कश्मीर की यात्रा. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास इंडियन काउंसिल फॉर हिस्टॉरिकल रिसर्च के साथ मिलकर यह प्रदर्शनी लगाएगा. इसमें कश्मीर की कला, संस्कृति, रहन-सहन, धर्म कर्म एवं साहित्य से रूबरू हुआ जा सकता है. मेले की दूसरी खासियत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) की वह झांकी होगी जो पहले कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनी. बाद में यह झांकी लाल किले में ओयोजित भारत पर्व में भी शामिल की गई. कुछ बदलावों के साथ यह झांकी पुस्तक मेले में भी प्रदर्शित की जाएगी.

दिव्यांग बच्चों को मुफ्त किताबें मिलेगी: मेले में एक जोन बनाया जा रहा है, यहां पर दिव्यांग बच्चों को मुफ्त किताबें मिलेगी. इसके लिए उनका पंजीकरण होना जरूरी है. मेले में एक इलस्ट्रेशन वाल भी रहेगी, जहां पर देश विदेश के कलाकार कलाकृतियां बनाएंगे. देशी विदेशी प्रकाशकों के लिए एक अलग प्लेटफार्म होगा, जहां वे कारोबार से जुड़ी बैठक कर सकेंगे. एनबीटी के अधिकारियों के अनुसार पुस्तक मेले में इस बार एक हजार से ज्यादा प्रकाशक शामिल हो रहे हैं. स्टालों की संख्या 2000 से अधिक होगी. मेले में आने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन सुप्रीम कोर्ट होगा.

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