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निजी जमीन पर बना है नेरचौक मेडिकल कॉलेज, मालिक ने मांगे ₹10.61 अरब - Nerchowk Medical College land case

Nerchowk Medical college Land case: मीर बख्श ने अपनी 92 बीघा जमीन के बदले 10 अरब 61 करोड़ 57 लाख 11 हजार 431 रुपये मुआवजे की मांग की है. जमीन के मालिक ने हाईकोर्ट में केस जीतने के बाद मुआवजे की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है. डिटेल में पढ़ें पूरा मामला...

Nerchowk Medical college Land case
नेरचौक मेडिकल कॉलेज (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 15, 2024, 9:51 PM IST

Updated : Jul 15, 2024, 10:44 PM IST

मंडी: जिला के नेरचौक में बना श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सरकारी नहीं बल्कि निजी जमीन पर बना है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब जमीन के असली मालिक ने हाईकोर्ट में केस जीतने के बाद अब जमीन के बदले मुआवजा अदा करने के लिए हाईकोर्ट में ही याचिका दायर की है.

यह याचिका 12 जुलाई को दायर की गई है. मीर बख्श खुद को जमीन का असली मालिक बताता है जोकि नेरचौक का रहने वाला है. मीर बख्श ने अपनी 92 बीघा जमीन के बदले 10 अरब 61 करोड़ 57 लाख 11 हजार 431 रुपये मुआवजे की मांग की है.

Nerchowk Medical college Land case
निजी जमीन पर बना है नेरचौक मेडिकल कॉलेज (फाइल फोटो)

नेरचौक में जिस जमीन पर मेडिकल कॉलेज बना है उस जमीन को मीर बख्श अपने पूर्वजों की बताता है. प्रदेश सरकार ने सोचा कि मीर बख्श के पूर्वज सुलतान मोहम्मद विभाजन के दौरान पाकिस्तान चले गए और जमीन पर कब्जा करके इसे अपने कुछ विभागों को बांट दिया जबकि सुलतान मोहम्मद की मौत साल 1983 में हिमाचल में ही हुई थी.

ऐसे में इन्हें विस्थापित नहीं माना जा सकता. इन सभी दस्तावेजों और पुराने रिकॉर्ड के आधार पर ही मीर बख्श ने इस केस को जीता है. हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को मीर बख्श को जमीन के बदले जमीन देने का आदेश दिया है.

मीर बख्श की 92 बीघा जमीन पर सरकार ने कब्जा करके मेडिकल कॉलेज, एसडीएम कार्यालय और कुछ अन्य विभागों के कार्यालय बनाए हैं. ऐसे में हजारों करोड़ की लागत से बने इन भवनों को हटाकर जमीन खाली करवाना संभव नहीं इसलिए हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को मीर बख्श को जमीन के बदले जमीन देने का आदेश सुना रखा है.

प्रदेश सरकार के आदेशों पर मंडी जिला प्रशासन भी जमीन की तलाश कर रहा है लेकिन कहीं पर भी इतनी ज्यादा जमीन उपलब्ध नहीं है. वहीं, प्रशासन मीर बख्श को जो जमीन उपलब्ध करवा रहा है वो मीर बख्श को मंजूर नहीं है.

जमीन नहीं तो 10 अरब मुआवजा दो

जमीन के बदले जमीन न मिलता देख अब मीर बख्श ने फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और याचिका दायर करके जमीन के बदले मुआवजे की मांग की है. मीर बख्श ने 10 अरब से ज्यादा का मुआवजा मांगा है. अपनी अपील में दलील देते हुए मीर बख्श ने कहा नेरचौक में जो उसकी जमीन है उसकी मौजूदा कीमत 15 लाख रुपए प्रति बिस्वां है. ऐसे में 92 बीघा जमीन के बदले 10 अरब 61 करोड़ 57 लाख 11 हजार 431 रुपये का मुआवजा बनता है. मीर बख्श की इस याचिका पर हाईकोर्ट में अभी सुनवाई होनी है.

मंडी: जिला के नेरचौक में बना श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सरकारी नहीं बल्कि निजी जमीन पर बना है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब जमीन के असली मालिक ने हाईकोर्ट में केस जीतने के बाद अब जमीन के बदले मुआवजा अदा करने के लिए हाईकोर्ट में ही याचिका दायर की है.

यह याचिका 12 जुलाई को दायर की गई है. मीर बख्श खुद को जमीन का असली मालिक बताता है जोकि नेरचौक का रहने वाला है. मीर बख्श ने अपनी 92 बीघा जमीन के बदले 10 अरब 61 करोड़ 57 लाख 11 हजार 431 रुपये मुआवजे की मांग की है.

Nerchowk Medical college Land case
निजी जमीन पर बना है नेरचौक मेडिकल कॉलेज (फाइल फोटो)

नेरचौक में जिस जमीन पर मेडिकल कॉलेज बना है उस जमीन को मीर बख्श अपने पूर्वजों की बताता है. प्रदेश सरकार ने सोचा कि मीर बख्श के पूर्वज सुलतान मोहम्मद विभाजन के दौरान पाकिस्तान चले गए और जमीन पर कब्जा करके इसे अपने कुछ विभागों को बांट दिया जबकि सुलतान मोहम्मद की मौत साल 1983 में हिमाचल में ही हुई थी.

ऐसे में इन्हें विस्थापित नहीं माना जा सकता. इन सभी दस्तावेजों और पुराने रिकॉर्ड के आधार पर ही मीर बख्श ने इस केस को जीता है. हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को मीर बख्श को जमीन के बदले जमीन देने का आदेश दिया है.

मीर बख्श की 92 बीघा जमीन पर सरकार ने कब्जा करके मेडिकल कॉलेज, एसडीएम कार्यालय और कुछ अन्य विभागों के कार्यालय बनाए हैं. ऐसे में हजारों करोड़ की लागत से बने इन भवनों को हटाकर जमीन खाली करवाना संभव नहीं इसलिए हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को मीर बख्श को जमीन के बदले जमीन देने का आदेश सुना रखा है.

प्रदेश सरकार के आदेशों पर मंडी जिला प्रशासन भी जमीन की तलाश कर रहा है लेकिन कहीं पर भी इतनी ज्यादा जमीन उपलब्ध नहीं है. वहीं, प्रशासन मीर बख्श को जो जमीन उपलब्ध करवा रहा है वो मीर बख्श को मंजूर नहीं है.

जमीन नहीं तो 10 अरब मुआवजा दो

जमीन के बदले जमीन न मिलता देख अब मीर बख्श ने फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और याचिका दायर करके जमीन के बदले मुआवजे की मांग की है. मीर बख्श ने 10 अरब से ज्यादा का मुआवजा मांगा है. अपनी अपील में दलील देते हुए मीर बख्श ने कहा नेरचौक में जो उसकी जमीन है उसकी मौजूदा कीमत 15 लाख रुपए प्रति बिस्वां है. ऐसे में 92 बीघा जमीन के बदले 10 अरब 61 करोड़ 57 लाख 11 हजार 431 रुपये का मुआवजा बनता है. मीर बख्श की इस याचिका पर हाईकोर्ट में अभी सुनवाई होनी है.

Last Updated : Jul 15, 2024, 10:44 PM IST
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