रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल में लापरवाही बरतने की जांच के निर्देश जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने दिये हैं. इस मामले में तीन अफसर को मंगलवार को नोटिस भेज कर 24 घंटे में जवाब मांगा गया है. तीन अफसरों में सहायक जेल अधीक्षक खुशबू मिश्रा, उप जेल अधीक्षक मोखनाथ प्रधान और प्रधान प्रहरी लेखराम ध्रुव को नोटिस भेजा गया है.
उम्रकैद के आरोपी को पुलिस अधिकारियों ने ऐसे किया रिहा: सेंट्रल जेल में बंद उम्रकैद के आरोपी को रिहा कर दिया गया था. इस मामले को लेकर जेल में हड़कंप मचने के 8 दिन बाद आरोपी को फिर उसके गांव से पकड़ कर लाया गया. उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी महावीर बलौदाबाजार जिले के ग्राम मड़वा का रहने वाला था.
बलौदाबाजार जिले के ग्राम मडवा निवासी महावीर को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा हुई. सजा की अवधि 14 साल की थी. कैदी के अच्छे आचरण के कारण 6 साल की सजा माफी का प्रस्ताव रायपुर जेल ने सरकार को भेजा. लेकिन सरकार ने सजा कम करने से इनकार कर दिया. बावजूद इसके जेल के अधिकारियों ने 8 जून को महावीर को रिहा कर दिया.
उम्रकैद के आरोपी को छोड़ने के बाद फिर जेल में डाला: कैदियों के बीच यह बात फैलने लगी कि बंदी को बिना सरकार की अनुमति सजा माफी देते हुए रिहा कर दिया गया. जिसके बाद जेल के अधिकारियों को मामले में खुद के फंसने की आशंका को देखते हुए पुलिसकर्मियों को महावीर के गांव मड़वा भेजा. उनके साथ आसपास गांव के पहले रिहा हुए कुछ बंदी भी थे. महावीर घर में मिला. उसे बताया गया कि कुछ कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा. लेकिन महावीर को जेल में ले जाने के बाद फिर से उसे बैरक में डाल दिया गया.