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नीट यूजी विवाद: यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिर मुंडवाए; नए आपराधिक कानूनों के तहत प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज - NEET UG row Youth Congress PROTEST

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By PTI

Published : Jul 3, 2024, 6:20 PM IST

Updated : Jul 3, 2024, 7:43 PM IST

NEET UG row: दिल्ली के जंतर -मंतर पर इंडिया ब्लॉक की कुछ पार्टियों के छात्र संगठनों ने बुधवार को ई प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान भारतीय युवा कांग्रेस ने विरोध स्थल के पास सिर मुंडवाए. पुलिस ने इन प्रदर्शनकारी छात्रों पर मामला दर्ज किया है. ये मामले 1 जुलाई को लागू हुए नए आपराधिक कानूनों के तहत दर्ज किए गए है.

नीट यूजी विवाद: युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिर मुंडवाए
नीट यूजी विवाद: युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिर मुंडवाए (ANI)

नई दिल्ली: इंडिया ब्लॉक की कुछ पार्टियों के छात्र संगठनों ने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ बुधवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. अपने अनूठे प्रदर्शन में कांग्रेस की युवा शाखा, भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) ने विरोध स्थल के पास सिर मुंडवाए और "मोदी विरोधी" नारे लगाए. वामपंथी समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) के सदस्य, समाजवादी छात्र सभा और कांग्रेस की छात्र शाखा NSUI के साथ मिलकर जंतर-मंतर पर मार्च निकालने के लिए एकत्र हुए.

छात्र समूहों ने बताया कि उनका लक्ष्य राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को खत्म करने, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे और प्रवेश परीक्षाओं के विकेंद्रीकरण की अपनी मांगों को लेकर संसद तक मार्च निकालना था. लेकिन साइट पर भारी पुलिस तैनाती और बैरिकेडिंग के कारण छात्र मार्च नहीं कर पाए. उन्होंने 5 मई को हुई परीक्षा में शामिल होने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG की फिर से परीक्षा कराने की मांग की.

इस बीच पुलिस ने कुछ छात्रों के खिलाफ नए आपराधिक कानूनों के तहत एफआईआर दर्ज की है, जो एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में कथित धांधली के खिलाफ जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं. वाम समर्थित आइसा और दिल्ली विश्वविद्यालय के केवाईएस सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े इन छात्रों में से एक दर्जन से अधिक छात्रों को "भारत के खिलाफ एनटीए" के बैनर तले मंगलवार को हिरासत में लिया गया, जब वे अपनी मांगों को लेकर संसद तक मार्च निकालने का प्रयास कर रहे थे.

1 जुलाई को तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू हुए है. एनटीए ने सोमवार को 1,565 उम्मीदवारों के लिए आयोजित पुन: परीक्षा के परिणाम जारी किए, जिन्हें छह केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण समय के नुकसान की भरपाई करने का अवसर दिया गया था. दोनों मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है. दो अन्य परीक्षाएं - सीएसआईआर-यूजीसी नेट और नीट-पीजी को एहतियाती कदम के तौर पर रद्द कर दिया गया.

ये भी पढ़ें : NEET UG Row: दोषियों को नहीं बख्शेगी सरकार, पीएम मोदी ने दिया आश्वासन - PM Modi on NEET

विभिन्न छात्र संगठन सभी 24 लाख उम्मीदवारों के लिए नीट यूजी की फिर से परीक्षा की मांग कर रहे हैं, जो इसमें शामिल हुए थे. नीट और पीएचडी प्रवेश परीक्षा नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आने के बाद केंद्र ने पिछले हफ्ते राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया और एनटीए के माध्यम से परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख आर राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया.

ये भी पढ़ें : NEET UG रिजल्ट मामले पर SC सोमवार को करेगी सुनवाई, फिर से परीक्षा कराने पर भी बड़ा फैसला

नई दिल्ली: इंडिया ब्लॉक की कुछ पार्टियों के छात्र संगठनों ने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ बुधवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. अपने अनूठे प्रदर्शन में कांग्रेस की युवा शाखा, भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) ने विरोध स्थल के पास सिर मुंडवाए और "मोदी विरोधी" नारे लगाए. वामपंथी समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) के सदस्य, समाजवादी छात्र सभा और कांग्रेस की छात्र शाखा NSUI के साथ मिलकर जंतर-मंतर पर मार्च निकालने के लिए एकत्र हुए.

छात्र समूहों ने बताया कि उनका लक्ष्य राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को खत्म करने, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे और प्रवेश परीक्षाओं के विकेंद्रीकरण की अपनी मांगों को लेकर संसद तक मार्च निकालना था. लेकिन साइट पर भारी पुलिस तैनाती और बैरिकेडिंग के कारण छात्र मार्च नहीं कर पाए. उन्होंने 5 मई को हुई परीक्षा में शामिल होने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG की फिर से परीक्षा कराने की मांग की.

इस बीच पुलिस ने कुछ छात्रों के खिलाफ नए आपराधिक कानूनों के तहत एफआईआर दर्ज की है, जो एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में कथित धांधली के खिलाफ जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं. वाम समर्थित आइसा और दिल्ली विश्वविद्यालय के केवाईएस सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े इन छात्रों में से एक दर्जन से अधिक छात्रों को "भारत के खिलाफ एनटीए" के बैनर तले मंगलवार को हिरासत में लिया गया, जब वे अपनी मांगों को लेकर संसद तक मार्च निकालने का प्रयास कर रहे थे.

1 जुलाई को तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू हुए है. एनटीए ने सोमवार को 1,565 उम्मीदवारों के लिए आयोजित पुन: परीक्षा के परिणाम जारी किए, जिन्हें छह केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण समय के नुकसान की भरपाई करने का अवसर दिया गया था. दोनों मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है. दो अन्य परीक्षाएं - सीएसआईआर-यूजीसी नेट और नीट-पीजी को एहतियाती कदम के तौर पर रद्द कर दिया गया.

ये भी पढ़ें : NEET UG Row: दोषियों को नहीं बख्शेगी सरकार, पीएम मोदी ने दिया आश्वासन - PM Modi on NEET

विभिन्न छात्र संगठन सभी 24 लाख उम्मीदवारों के लिए नीट यूजी की फिर से परीक्षा की मांग कर रहे हैं, जो इसमें शामिल हुए थे. नीट और पीएचडी प्रवेश परीक्षा नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आने के बाद केंद्र ने पिछले हफ्ते राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया और एनटीए के माध्यम से परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख आर राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया.

ये भी पढ़ें : NEET UG रिजल्ट मामले पर SC सोमवार को करेगी सुनवाई, फिर से परीक्षा कराने पर भी बड़ा फैसला

Last Updated : Jul 3, 2024, 7:43 PM IST
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